भाजपा का आरोप, कांग्रेस समर्थित सरकार ने पाक से किया था समझौता
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर संबंधी सवाल पूछने को लेकर हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 1991 में पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया था, जो देशद्रोह का...

नई दिल्ली, एजेंसी। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के ऑपरेशन सिंदूर संबंधी सवालों को लेकर शुक्रवार को उन पर निशाना साधा। उन्होंने पूर्व में कांग्रेस समर्थित केंद्र सरकार पर पाकिस्तान से समझौता करने का आरोप लगाया, जिसमें दोनों देशों को सैन्य गतिविधियों की जानकारी देनी थी। भाजपा सांसद ने ‘एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया कि 1991 में यह समझौता हुआ और 1994 में जब कांग्रेस की पीवी नरसिम्हा राव की सरकार थी, तब यह लागू हुआ। इसके अनुसार, किसी भी आक्रमण या सेना की गतिविधि की जानकारी का आदान प्रदान भारत व पाकिस्तान को एक-दूसरे से करना होता है।
क्या यह समझौता देशद्रोह का है? अपनी पोस्ट में सांसद दुबे ने सवाल किया कि क्या विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी नेता प्रतिपक्ष को शोभा देती है? टिप्पणियों से बदनामी हो रही दूसरी ओर, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणियों का इस्तेमाल इस्लामाबाद द्वारा भारत को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। राहुल गांधी ऐसे सवाल पूछना बंद करें, जो नहीं पूछे जाने चाहिए। नेता प्रतिपक्ष को भारतीय सशस्त्र बलों के पराक्रम को कम करके आंकना और देश की सुरक्षा को खतरे में डालना बंद करना चाहिए। भाटिया ने सवाल पूछते हुए आरोप लगाया कि जब 26/11 का आतंकी हमला हुआ था, तब कांग्रेस की सरकार ने क्या कार्रवाई की थी। समझौते से पहले ही सरकार से समर्थन वापस ले लिया थाः कांग्रेस नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस ने भी भाजपा के दावों पर पलटवार किया। पार्टी ने कहा कि निशिकांत दुबे ने जिस समय के समझौते की बात की है, उससे पहले ही उसने (कांग्रेस) चंद्रशेखर सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने चंद्रशेखर सरकार से समर्थन फरवरी,1991 में ही वापस ले लिया था। 10वीं लोकसभा के चुनाव घोषित हो चुके थे। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि दुबे को इस बारे में आगे की कहानी चंद्रशेखर के पुत्र और भाजपा सांसद नीरज शेखर से पूछनी चाहिए। शांति काल के लिए किया गया समझौता कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि यह समझौता शांति काल के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि पार्टी ने 6 मार्च 1991 को चंद्रशेखर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था, जबकि समझौते पर अप्रैल में हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता शांति के समय के लिए है ताकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच कोई गलतफहमी न हो।
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