Government Evaluates National Highways and Expressways on Economic and Social Impact हाईवे और एक्सप्रेसवे सामाजिक-आर्थिक कसौटी पर कसे जाएंगे, Delhi Hindi News - Hindustan
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हाईवे और एक्सप्रेसवे सामाजिक-आर्थिक कसौटी पर कसे जाएंगे

सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों के नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये परियोजनाएं उपयोगकर्ता अनुभव, वाहन टूट-फूट, ईंधन दक्षता, सड़क सुरक्षा और यात्रा...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 14 June 2025 08:53 PM
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हाईवे और एक्सप्रेसवे सामाजिक-आर्थिक कसौटी पर कसे जाएंगे

अरविंद सिंह नई दिल्ली। देशभर में तेजी से बिछाए जा रहे नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे का जाल महज रोड कनेक्टिविटी भर नहीं होंगे। सरकार इनको अब सामाजिक और आर्थिक कसौटी पर भी कसेगी। हाईवे-एक्सप्रेसवे बनने के बाद उपयोगकर्ता के अनुभव, वाहन की टूट-फूट, ईंधन की खपत, सड़क सुरक्षा, दूरी व यात्रा समय में बचत सहित स्थानीय लोगों को होने वाले लाभ का हिसाब-किताब रखा जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस बाबत पांच जून को नेशनल हाईवे-एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के परिणाम व सामाजिक-आर्थिक प्रभावों संबंधी नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत परियोजनाओं को विभिन्न मापदंडों पर परखा जाएगा। जिससे सार्वजनिक निवेश से वास्तविक और ठोस लाभ उठाया जा सके।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन मापदंडों में यात्रा के समय में कमी, ईंधन दक्षता में सुधार, परिवहन व्यय में कटौती, बेहतर राइडिंग आराम और उच्च उपयोगकर्ता संतुष्टि जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। पांच प्रमुख क्षेत्र के प्रभावों को मापा जाएगा अधिकारी ने बताया कि बुनियादी ढांचा परियोजना के लिए एक विस्तृत निगरानी तंत्र को अंतिम रूप दिया गया है। यह तंत्र पांच प्रमुख प्रभाव क्षेत्रों में पड़ने वाले असर को समय-समय पर मापेगा। इसमें पहला आर्थिक प्रभाव है। परियोजनाओं का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से व्यापक आर्थिक संकेतकों पर पड़ने वाला असर, जैसे-जीडीपी वृद्धि, आर्थिक केंद्रों की कनेक्टिविटी और बाजारों तक पहुंच में सुधार की स्थिति क्या है। दूसरा लॉजिस्टिक्स प्रभाव: इसमें परिचालन दक्षता और कनेक्टिविटी में सुधार, जिसमें यात्रा की दूरी और समय में कमी और लॉजिस्टिक्स लागत में गिरावट शामिल है। तीसरा सामाजिक प्रभाव: इसमें सामाजिक केंद्रों की कनेक्टिविटी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार और घरेलू आय में वृद्धि शामिल है। चौथा पर्यावरण प्रभाव: परियोजना से ईंधन दक्षता में सुधार के माध्यम से सीओ-2 उत्सर्जन में कमी जैसे प्रत्यक्ष पर्यावरणीय लाभों का मापन किया जाएगा। सड़क सुरक्षा और उपयोगकर्ता अनुभव: दुर्घटनाओं की संख्या में कमी, राइडिंग गुणवत्ता में सुधार और कुल मिलाकर उपयोगकर्ता संतुष्टि का आकलन होगा। इसके तहत थर्ड पार्टी से ऑडिट कराया जाएगा। जबकि स्वतंत्र एजेंसियां हितधारों से बातचीत करेंगी। --- इन बातों का भी किया जाएगा अध्ययन एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना से बड़े बाजारों, हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों तक पहुंचने के समय में कमी, जिला जीडीपी और घरेलू आय में वृद्धि, वाहन की ब्रिकी में वृद्धि आदि संकेतकों का अध्ययन किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जनता का पैसा केवल सड़कों के निर्माण पर खर्च न हो, बल्कि वह देश के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे।

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