'चारों ओर काला धुआं और अफरा-तफरी'; एम्बुलेंस ड्राइवर ने बताया अहमदाबाद विमान हादसे के बाद का मंजर
अहमदाबाद विमान हादसे ने कुछ लोगों के मन में कभी न मिटने वाली दर्दनाक छाप छोड़ी है। 108 एंबुलेंस चालक सतिंदर सिंह संधू उस समय लंच कर रहे थे, जब उन्होंने जोरदार विस्फोट सुना।

अहमदाबाद विमान हादसे ने कुछ लोगों के मन में कभी न मिटने वाली दर्दनाक छाप छोड़ी है। 108 एंबुलेंस चालक सतिंदर सिंह संधू उस समय लंच कर रहे थे, जब उन्होंने जोरदार विस्फोट सुना। उन्होंने तुरंत बाहर निकलकर देखा तो बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर के एक हॉस्टल के बाहर घना काला धुआं और अफरा-तफरी का माहौल था। इसके बाद उनका फोन बजा और वे उस जगह पहुंचे, जहां से धुआं निकल रहा था। संधू ने देखा कि एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है और उसमें आग लगी हुई है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का बोइंग विमान एआई171 अचानक 625 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरा और दोपहर 1.39 बजे मेघानीनगर में हॉस्टल कैंपस में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
दोपहर 1.43 बजे तक एंबुलेंस चालक संधू घटनास्थल पर पहुंच गए और रास्ते में एंबुलेंस सर्विस मैनेजर जितेंद्र शाही को भी इस हादसे के बारे जानकारी दी।
एक कॉल रिकॉर्डिंग में उन्हें शाही से यह कहते हुए सुना जा सकता है, "लगता है कोई प्लेन क्रैश हो गया है। फायर ब्रिगेड को भेजें।"
संधू ने दुर्घटनास्थल से सबसे पहले एक बुरी तरह जले हुए सिक्योरिटी गार्ड को निकलते देखा। संधू ने बताया कि उन्होंने दुर्घटनाग्रस्त विमान में जिंदा बचे एकमात्र व्यक्ति विश्वास कुमार रमेश को विमान से निकलते और फिर विमान में सवार अपने रिश्तेदार को बचाने के लिए वापस जाने का प्रयास करते हुए भी देखा। दुर्भाग्य से, विश्वास कुमार के रिश्तेदार भी गुरुवार को हादसे में मारे गए 241 लोगों में शामिल थे। इसके बाद एम्बुलेंस ड्राइवर ने घायल विश्वास कुमार रमेश को तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
दोपहर 1.46 बजे तक पांच और एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गईं और बचाव कार्य शुरू कर दिया। अगले 10 मिनट में 20 से अधिक एम्बुलेंस तैयार हो गईं। शाही ने कहा कि हमने सबसे पहले हॉस्टल से निकले 15-20 लोगों को एम्बुलेंस में शिफ्ट किया। उन्होंने कहा कि विमान हादसे में किसी के भी जिंदा बचने की उम्मीद नहीं दिख रही थी और जमीनी स्थिति डरावनी थी।
शाही ने कहा, "हम ऐसी स्थितियों के लिए तैयार रहते हैं और हमने पहले भी सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए हैं। लेकिन इस बार एक ही जगह पर इतने सारे लोग हताहत हुए। हाल ही के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की गई सिक्योरिटी ड्रिल ने हमें इतनी बड़ी संख्या में हताहतों से निपटने के लिए तैयार किया।"
बता दें कि, गुरुवार को हुए इस विमान हादसे में अब तक कुल 274 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से सवार 241 लोग मारे गए। विमान से ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है और इससे दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में मदद मिलेगी।
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