ब्यूरो::: ऑपरेशन सिंदूर में कितने विमान नष्ट हुए यह हमेशा राज रहेगा
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के नुकसान की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। वायुसेना के सूत्रों के अनुसार, यह एक रणनीतिक निर्णय है, क्योंकि इससे पाकिस्तान को भविष्य की...

नई दिल्ली, मदन जैड़ा। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना के कितने लड़ाकू विमान नष्ट हुए ये हमेशा राज रहेगा। वायुसेना के सूत्रों की मानें तो शायद ही कभी यह जानकारी सार्वजनिक हो पाएगी। इसकी वजह अपनी कमियों को छुपाना नहीं है बल्कि एक सोची समझी रणनीति है। वहीं दूसरी ओर इसे लेकर राजनीति गर्म है। विपक्ष लगातार सरकार से आंकड़े बताने की मांग कर रहा। वायुसेना के सूत्रों ने कहा कि इस तरह के संघर्ष के दौरान एक देश दूसरे देश के विमानों को ड्रोन या मिसाइलों से निशाना बनाता है तो उसके परिणाम को लेकर उसे सटीक जानकारी नहीं होती है।
मसलन, पाकिस्तान ने यदि भारतीय क्षेत्र में उड़ रहे वायुसेना के लड़ाकू विमानों को अपनी मिसाइल से निशाना बनाया है तो उसके पास यह जानने का कोई ठोस जरिया नहीं होता है कि उसका निशाना सफल रहा या नहीं। आमतौर पर ऐसे हमलों की सफलता की पुष्टि विमानों के मलबे आदि से होती है, लेकिन यह तब संभव है जब मलबा पाकिस्तान के इलाके में हो। ऐसे में भारत के लिए किसी भी प्रकार की पुष्टि करना पाकिस्तान को फायदा पहुंचा सकता है। सूत्रों ने कहा कि भारत की पुष्टि से पाकिस्तान के लिए भविष्य में ऐसे हमले के पैरामीटर तय करना आसान हो जाएगा। मसलन, वह आगे के लिए रणनीति बना सकता है कि उसकी कौन सी मिसाइल, या ड्रोन कितनी दूरी से भारत के किस लड़ाकू विमान को गिरा सकते हैं। इसलिए वायुसेना सोझी-समझी रणनीति के तहत इस जानकारी का खुलासा नहीं कर रही है। यह पूछने पर कि क्या इसका खुलासा कभी नहीं होगा, सूत्रों ने कहा कि अभी निकट भविष्य में तो संभावना नहीं है, लेकिन आगे भी इसकी संभावना कम है। क्योंकि यह खुलासा पाकिस्तान को अपनी रणनीति बनाने में मददगार साबित हो सकता है। पाकिस्तान के साथ ऐसे संघर्ष आगे भी हो सकते हैं। कोई देश नहीं करता ऐसा खुलासा सूत्रों ने कहा कि इस प्रकार का खुलासा कोई भी देश नहीं करता है। पहले के युद्धों में भी यही रणनीति अपनाई गई है। हाल में यूक्रेन ने रूस के एयरबेस पर हमला किया। यूक्रेन ने अनेक विमानों को नष्ट करने का दावा किया लेकिन रुस ने कतई नहीं बताया कि उसके कितने विमान नष्ट हुए। यदि वह बता देगा तो फिर यूक्रेन को आगे के लिए अपनी रणनीति को मजबूत बनाने का मौका मिल जाएगा। विमान गिरे महत्वपूर्ण नहीं यही वजह है कि सीडीएस अनिल चौहान ने पिछले दिनों स्पष्ट किया कि वायुसेना ने अपनी रणनीति सुधारी और पाकिस्तान पर सफल जवाबी हमले किए। उन्होंने कहा कि कितने विमान गिरे यह महत्वपूर्ण नहीं है। पूर्व में वायुसेना के डीजीएमओ एके भारती ने भी दो टूक कहा था कि युद्ध में नुकसान स्वभाविक है लेकिन कौन सा विमान गिरा, यह बताना उचित नहीं होगा।
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