हेडिंग:: छह भारतीय लड़ाकू विमान गिराने का पाकिस्तानी दावा झूठा: सीडीएस
सिंगापुर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान भारतीय लड़ाकू विमानों के नुकसान की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 15% प्रयास फर्जी खबरों से...

सिंगापुर, एजेंसी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान भारतीय लड़ाकू विमानों को नुकसान की बात स्वीकार की है। हालांकि उन्होंने पाक के उस दावे को पूरी तरह से गलत बताया जिसमें वे दावा कर रहा है कि उसने भारत के छह लड़ाकू विमान मार गिराए हैं। सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग में भाग लेने पहुंचे सीडीएस ने शनिवार को एक साक्षात्कार में ये बात कही। सीडीएस ने कहा कि मुझे लगता है कि जरूरी ये नहीं है कि लड़ाकू विमान गिरे, जरूरी ये है कि वो क्यों गिरे। इसका पता लगाया जाए जिससे भारतीय सेना अपनी रणनीति सुधारे और आक्रामक तरीके से हमला करे।
उन्होंने कहा कि इस दौरान की सबसे अच्छी बात ये थी कि हमने गलतियों को समझा और उसमें सुधार किया। दो दिन बाद हमारे सभी लड़ाकू विमान फिर उड़े और लंबी दूरी तक निशाना बनाया। नुकसान युद्ध का हिस्सा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 11 मई को प्रेस वार्ता में भारतीय वायुसेना के वायु संचालन महानिदेशालय के महानिदेशक एयर मार्शल एके भारती ने कहा था कि क्षति युद्ध का हिस्सा है। उन्होंने कहा था कि भारतीय वायुसेना के सभी पायलट सुरक्षित अपने घर लौटे थे। फर्जी खबरों से ल़ड़ाई में 15 फीसदी कोशिश खर्च: सीडीएस सिंगापुर, एजेंसी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैन्यबलों की 15 फीसदी कोशिश फर्जी खबरों, अफवाहों और भ्रामक तथ्यों से लड़ने पर खर्च हुई। सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला- डॉयलॉग को संबोधित करते हुए शनिवार को उन्होंने ये बात कही। सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रसारित हो रही गलत सूचनाओं से लड़ाई सबसे बड़ी चुनौती है। ऑपरेशन सिंदूर युद्ध कैसे लड़ा जाता है इसके लिए टर्निंग प्वाइंट है। ऑपरेशन ने सिद्ध किया कि कैसे आधुनिक युद्ध तकनीक, साइबर ऑपरेशन और सूचनाओं को नियंत्रित करने पर निर्भर है। सात मई को भारतीय सेनाओं ने पाक स्थित नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। ये मिशन शारीरिक या भूमि स्तर पर लड़े जाने वाले युद्ध से कहीं अधिक बड़ा था। बिना आमने- सामने हुए ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। सिर्फ पारंपरिक सैन्य कार्रवाई पर निर्भर रहने की बजाए साइबर शक्ति, खुफिया सूचना और भ्रामक सूचनाओं का प्रबंधन करने के साथ भूमि, हवा, समुद्र और साइबर सेना से समन्वय बनाकर पाक पर कठोर कार्रवाई की गई। आधुनिक युद्ध निरंतर बदलाव की दिशा में है। इसके तहत जमीन, हवा और समुद्र के साथ सामरिक और रणनीतिक तैयारी बहुत अहम होती है, समय के साथ ये अंतरिक्ष की तरफ भी बढ़ेगा। फर्जी सूचना से संजीदगी के साथ लड़ाई सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि फर्जी खबरों के साथ सेना बहुत संजीदगी से लड़ती है। सेना की संचार नीति स्पष्ट है। हम चीजों का मूल्यांकन करते हैं और जागरूक करते हैं। हम आक्रामक प्रतिक्रिया नहीं देते हैं, क्योंकि गलत सूचना एक बड़े ऑपरेशन के बीच लोगों के विचार को प्रभावित कर सकती है। इससे समाज और देश में भ्रामक सूचना फैलने से स्थिति बेकाबू हो सकती है। महिला अधिकारियों की भूमिका सीडीएस ने कहा, ऑपरेशन के शुरुआती तीन दिनों में गलत सूचनाओं से लड़ाई में दो महिला अधिकारियों ने इसमें अहम भूमिका निभाई। साइबर हमलों को लेकर उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने ऐसे हमले किए। भारतीय सेना की प्रणाली इंटरनेट से नहीं जुड़ी है, इस वजह से ये पूरी तरह सुरक्षित है। स्कूल और कुछ सार्वजनिक क्षेत्रों की वेबसाइटों पर हमले हुए लेकिन उनका प्रभाव बहुत व्यापक नहीं था। विशेष यूनिटों की जरूरत होगी सीडीएस ने कहा कि सेना को आधुनिक यूनिटों की जरूरत होगी। इसमें ड्रोन, मानव रहित विमान समेत अन्य हथियारों और उपकरणों को चलाने वाले लोग होंगे। सेना में सुधार की जरूरत बताते हुए कहा सैन्य ढांचे और प्रशिक्षण पर जोर दिया जा रहा। सेना इंटीग्रेटेड कमान की दिशा में आगे बढ़ रही। पहली बार तीनों सेनाओं के 40 अधिकारी एकसाथ एक साल का प्रशिक्षण कर रहे। ये बदलाव की बड़ी शुरुआत है। पाक के भीतर तक हमला सीडीएस ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के भीतर तक हमला किया, उसके सैन्य ठिकानों को भारी क्षति पहुंचाई। उन्होंने कहा कि 7 मई को सेना को नुकसान हुआ लेकिन बाद में पाक को करारा जवाब दिया गया। नुकसान क्यों हुआ इसकी तह तक जाना जरूरी है। इससे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है, कैसी रणनीति होनी चाहिए इसपर जोर देने की जरूरत है। निशाने पर पाक के 11 एयरबेस जनरल चौहान ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को निशाना बनाया गया। लड़ाकू विमानों मिसाइलों और ड्रोन से ताबड़तोड़ हमले किए गए। एक मिसाइल इस्लामाबाद के करीब स्थित नूर खान एयरबेस पर गिरी थी। इसकी पुष्टि उपग्रह तस्वीरों से हो चुकी है कि भारत का हमला कितना सटीक और भयावह था। इस हमले में पाक वायुसेना को भारी क्षति हुई है। परमाणु ठिकानों पर हमला नहीं जनरल चौहान से पूछा गया, क्या भारत ने पाक के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। इसपर उन्होंने कहा, वहां तक पहुंचने के लिए कई सिग्नल पार करने होते हैं। मुझे लगता है ऐसा कुछ नहीं हुआ। परमाणु प्रतिष्ठानों के नज़दीकी स्थलों को निशाना बनाने के बावजूद, इस बात का कोई संकेत नहीं है कि दोनों देशों ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार किया। दोनों सेनाओं ने पेशेवर और संयम का परिचय दिया।
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