आगरा में प्रदूषण पर राज्य के पर्यावरण सचिव से मांगा जवाब
नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आगरा में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए तैयार कार्ययोजना के पूरी तरह से लागू न होने पर नाराजगी जताई। ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यावरण विभाग के सचिव...

नई दिल्ली। विशेष संवाददाता आगरा में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए तैयार कार्ययोजना को पूरी तरह से लागू नहीं किए जाने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। ट्रिब्यूनल ने इसे गंभीरता से लेते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यावरण विभाग के सचिव, को आगरा में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्ययोजना के बाद पूरी की गई कार्रवाई का पूरा विवरण पेश करने का निर्देश दिया है। एनजीटी प्रमुख जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायिक सदस्य सुधीर अग्रवाल ने पीठ अपने आदेश में कहा है कि तथ्यों से जाहिर होता है कि ‘आगरा में प्रदूषण को कम करने के लिए लागू कार्ययोजना लागू होने के बाद कुछ मुद्दों पर कार्यान्वयन की समय-सीमा बहुत पहले ही खत्म हो चुकी है, फिर भी कार्ययोजना अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं हुई है।
यह टिप्पणी करते हुए पीठ ने राज्य सरकार के पर्यावरण विभाग के सचिव को हलफनामा दाखिल करने और कार्ययोजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए उठाए कदमों की जानकारी देने को कहा है। इससे पहले, उत्तर प्रदेश राज्य की ओर से पेश अधिवक्ता ने पीठ ने आगरा में हरित आवरण की स्थिति दिखाने के लिए अपना जवाब दाखिल करने के लिए 4 सप्ताह का समय देने की मांग की। इसके अतिरिक्त पीठ ने ताज संरक्षित जोन यानी टीटीजेड प्राधिकरण, आगरा को भी कार्य योजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत उन्हें प्रदत्त शक्तियों के पालन में उनके द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। अब मामले की अगली सिुनवाई 19 सितंबर को होगी। पीठ ने श्री रमण की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है। उन्होंने याचिका में आरोप लगाया है कि आगरा में प्रदूषण को कम करने के लिए तैयार कार्ययोजना का प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।