3,000 गाड़ियों से भरी शिप में लगी भीषण आग! 750 इलेक्ट्रिक कारें जलकर हुई स्वाहा; जानें इस बड़े हादसे का सच
अलास्का के पास 3,000 से ज्यादा गाड़ियों से लदा जहाज जलकर खाक हो गया। जानकारी के मुताबिक इसमें 750 इलेक्ट्रिक व्हीकल थे। आइए इस बड़े हादसे का सच जानते हैं।

अलास्का के तट के पास एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। ब्रिटिश मैनेजमेंट वाली एक कार्गो शिप मॉर्निंग मिडास (Morning Midas) में आग लग गई है, जिसमें 3,000 से अधिक गाड़ियां लदी हुई थीं। इनमें से 750 इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड कारें थीं। आइए इसके बारे में जरा विस्तार से समझते हैं।
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कैसे क्या हुआ?
अलास्का कोस्ट गार्ड के मुताबिक, रविवार को उन्हें एक इमरजेंसी कॉल मिली, जिसमें बताया गया कि मॉर्निंग मिडास (Morning Midas) नाम के जहाज में आग लग गई है। इस जहाज पर 22 क्रू मेंबर्स मौजूद थे, जिन्हें बाद में एक निजी जहाज की मदद से सुरक्षित निकाल लिया गया।
यह जहाज इस समय अलास्का के अदक (Adak) क्षेत्र से करीब 547 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में मौजूद है और अब भी जल रहा है। हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी तक इसके डूबने या झुकने के कोई संकेत नहीं मिले हैं।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मौजूदगी
इस जहाज में जो करीब 750 इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड वाहन लदे थे, उनमें अधिकांश में लिथियम-आयन बैटरियां लगी होती हैं। यह बैटरियां आमतौर पर सुरक्षित मानी जाती हैं, लेकिन यदि उन्हें झटका लगे, या वे खराब हो जाएं, तो वे अत्यधिक गर्म होकर आग पकड़ सकती हैं।
हालांकि, इस बार आग का कारण स्पष्ट नहीं है, फिर भी इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों पर शक जरूर किया जा रहा है। इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जहां EVs ले जा रही शिप्स में अचानक आग लग गई और ज्यादातर मामलों में बैटरियों को ही आग की शुरुआत की वजह माना गया।
अब क्या होगा?
लॉस एंजेलिस टाइम्स के अनुसार, रविवार तक आस-पास कोई फायरफाइटिंग जहाज मौजूद नहीं था, जो आग बुझाने में मदद कर सके। सेल्वेज टीम सोमवार को पहुंचने की उम्मीद है, जो स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश करेगी। वहीं, कोस्ट गार्ड द्वारा जारी एक वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि 600 फुट लंबी यह शिप धुएं के गुबार में लिपटी हुई है, जो खतरे की गंभीरता को दर्शाता है।
क्या यह EVs की बैटरियों से जुड़ी बड़ी चेतावनी है?
यह हादसा हमें फिर से यह सोचने पर मजबूर करता है कि EV टेक्नोलॉजी कितनी सुरक्षित है, खासकर जब यह बड़ी मात्रा में एक साथ ट्रांसपोर्ट की जा रही हो। लिथियम-आयन बैटरियों की आग पकड़ने की घटनाएं पहले भी सामने आई हैं, चाहे वो इलेक्ट्रिक स्कूटर हों, कारें या फिर एयरलाइंस में ले जाए जा रहे डिवाइस। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हमें EVs के लिए स्मार्ट ट्रांसपोर्ट गाइडलाइंस बनानी चाहिए? क्या इन वाहनों की शिपिंग के लिए अलग सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए?
जहाज में लगी आग एक बड़ा खतरा बन चुकी है और जब तक फायर कंट्रोल नहीं हो जाता, यह एक और Felicity Ace जैसे हादसे (2022 में एक EV ले जा रही शिप समुद्र में डूब गई थी) में बदल सकता है। EVs के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ, उनकी ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज सुरक्षा पर अब गंभीर विचार की जरूरत है।
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