NGT Orders Delhi Jal Board to Address Contaminated Water Supply Issue जनकपुरी में सीवेज मिले पेयजल की आपूर्ति का मामला, एनजीटी ने जल बोर्ड को लगाई फटकार, Delhi Hindi News - Hindustan
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जनकपुरी में सीवेज मिले पेयजल की आपूर्ति का मामला, एनजीटी ने जल बोर्ड को लगाई फटकार

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने जनकपुरी क्षेत्र में दूषित पेयजल की आपूर्ति को लेकर दिल्ली जल बोर्ड को फटकार लगाई। एनजीटी ने अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए जल बोर्ड के मुख्य अभियंता को...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 22 May 2025 09:23 PM
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जनकपुरी में सीवेज मिले पेयजल की आपूर्ति का मामला, एनजीटी ने जल बोर्ड को लगाई फटकार

- मामले की अगली सुनवाई 30 मई को तय, जल बोर्ड के मुख्य अभियंता को कोर्ट में पेश होने का आदेश नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली जल बोर्ड को जनकपुरी क्षेत्र में सीवेज मिले पेयजल की आपूर्ति को लेकर फटकार लगाई है। एनजीटी ने इसे बेहद गंभीर मामला करार देते हुए संबंधित अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जताई है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने पारित आदेश में कहा कि राजधानी के निवासियों को अशुद्ध पेयजल की आपूर्ति अत्यंत गंभीर मामला है, लेकिन इस गंभीरता को अनदेखा करते हुए जल बोर्ड ने त्वरित कार्रवाई नहीं की।

साथ ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने भी पिछले आदेश के अनुसार जल सैंपल की रिपोर्ट समय पर उपलब्ध नहीं कराई। एनजीटी ने सीपीसीबी को निर्देश दिया कि वह क्षेत्र के दस पुराने और दस नए स्थानों से बिना किसी सरकारी एजेंसी को सूचना दिए जल नमूने एकत्र करें। साथ ही नमनों की विशेष रूप से फीकल कोलीफार्म और ई.कोलाई जीवाणुओं की जांच रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करें। एनजीटी ने मामले की अगली सुनवाई 30 मई को तय की है। साथ ही जल बोर्ड के मुख्य अभियंता को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर समस्या का स्थायी समाधान बताने को कहा है। ---------- आरडब्ल्यूए की याचिका पर सामने आया मामला यह मामला जनकपुरी की एक रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर शुरू हुआ। जिसमें दावा किया गया कि क्षेत्र में जर्जर जल पाइपलाइनों के कारण सीवर का गंदा पानी मिलकर घरों तक पहुंच रहा है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि दूषित पानी पीने के कारण लोग बीमार हो रहे हैं और एक निवासी को हेपेटाइटिस ए व अन्य संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। दिल्ली जल बोर्ड की ओर से पांच अप्रैल को दाखिल हलफनामे पर प्रतिक्रिया करते हुए पीठ ने कहा कि जब तक प्रभावित क्षेत्र में जल की गुणवत्ता पीने योग्य प्रमाणित नहीं हो जाती, तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि जल बोर्ड ने पर्याप्त कार्रवाई की है।

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