Pakistan Deploys Chinese Drones for Espionage During Operation Sindoor ब्यूरो-- आपरेशन सिंदूर के दौरान चीन-पाक निर्मित सर्विलांस ड्रोन भी बेअसर साबित हुए, Delhi Hindi News - Hindustan
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ब्यूरो-- आपरेशन सिंदूर के दौरान चीन-पाक निर्मित सर्विलांस ड्रोन भी बेअसर साबित हुए

नई दिल्ली में, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने बड़ी संख्या में चीन निर्मित ड्रोन भारत की सीमा में भेजे। ये ड्रोन जासूसी के लिए थे, लेकिन अधिकांश को भारतीय वायुसेना ने मार गिराया। पाकिस्तान ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 14 May 2025 06:00 PM
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ब्यूरो-- आपरेशन सिंदूर के दौरान चीन-पाक निर्मित सर्विलांस ड्रोन भी बेअसर साबित हुए

नई दिल्ली, मदन जैड़ा। आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की तरफ से बड़े पैमाने पर चीन निर्मित और चीनी तकनीक पर पाकिस्तान में निर्मित ड्रोन भारत की सीमा में घुसाए गए थे। ये ड्रोन हालांकि हथियारबंद नहीं थे लेकिन इन्हें जासूसी और वायु सुरक्षा प्रणाली को परखने के लिए भेजा गया था, जो बेअसर साबित हुए हैं। रक्षा सूत्रों के अनुसार मार गिराए गए ड्रोन के मलबे की जांच के बाद यह नतीजा निकला है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से तुर्कीये निर्मित हथियारबंद असीसगार्ड सोंगर ड्रोन तथा यीहा लोइटरिंग म्यूनिशन (एक प्रकार का ड्रोन) का इस्तेमाल हमले के लिए किया गया।

आकलन है कि ऐसे 120 से अधिक ड्रोन भारत की तरफ भेजे गए जिनमें से अधिकांश को हवा में ही नष्ट कर दिया गया। इसी तरह सर्विलांस के लिए चीन और पाकिस्तान निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। 8-10 मई के बीच ऐसे करीब 600-650 ड्रोन भारत की तरफ उड़ाए गए। इनमें चीन निर्मित सीएच-2, सीएच-3 ड्रोन तथा इसका पाकिस्तानी संस्करण बुर्राक ड्रोन शामिल है। दरअसल, चीन ने ड्रोन निर्माण की तकनीक पाकिस्तान को दी है। पाकिस्तान की सरकारी कंपनी राष्ट्रीय इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक आयोग (एनईएससीओएम) और पाकिस्तान वायुसेना ने इनका निर्माण किया है। खबर है कि पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर ये ड्रोन तैयार किए हैं। बुर्राक ड्रोन के सर्विलांस और हथियार बंद दोनों संस्करण उपलब्ध हैं। बता दें कि सेना भी पूर्व में बता चुकी है कि पाकिस्तान ने लेह से सरक्रीक तक नौ मई को एक साथ 400 ड्रोन भारत की तरफ जासूसी के लिए भेजे गए थे। इन्हें मार गिराने में वायुसेना को भारी मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि चीन ने अपने क्षेत्र में नागरिक विमानों की उड़ान बंद नहीं की थी। ऐसे में वायुसेना की कार्रवाई में विमानों को नुकसान पहुंचने की आशंका थी लेकिन वायुसेना ने बड़े पेशेवर तरीके से इन ड्रोन को मार गिराया। ड्रोन क्षमता का किया परीक्षण रक्षा से जुड़े सूत्रों ने कहा कि दरअसल, चीन और पाकिस्तान इन ड्रोन की क्षमताओं का परीक्षण कर रहे थे। वह देखना चाह रहे थे कि ये सर्विलांस के कार्य में कितने प्रभावी हो पाते हैं और क्या भारत का एयर डिफेंस सिस्टम इन्हें पकड़ पाता है या नहीं। क्योंकि ये कम ऊंचाई पर उड़ान भर रहे थे, लेकिन जिस प्रकार ज्यादातर ड्रोन मार गिराए गए, उससे चीन और पाकिस्तान दोनों को हताशा हाथ लगी होगी क्योंकि कुछ ही ड्रोन वापस पाकिस्तान जाने में सफल हो पाए थे। .........

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