एक अप्रैल से एकीकृत पेंशन योजना के लिए भरना होगा फॉर्म
पीएफआरडीए ने यूपीएस के तहत केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों के लिए एक अधिसूचना जारी की है। 1 अप्रैल से पोर्टल पर कर्मचारी यूपीएस का विकल्प चुन सकते हैं। इस योजना में 50% पेंशन की गारंटी दी जाएगी, और...

- पीएफआरडीए ने यूपीएस को लेकर जारी की अधिसूचना, पोर्टल पर चुनना होगा एनपीएस व यूपीएस में से एक विकल्प - केंद्र सरकार के करीब 23 लाख कर्मचारियों को मिलेगा यूपीएस का लाभ
नई दिल्ली। विशेष संवाददाता
एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को लेकर पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने बृहस्पतिवार को अधिसूचना जारी कर दी है। एक अप्रैल से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पोर्टल खोला जाएगा, जिस पर जाकर उन्हें यूपीएस का विकल्प चुनने के लिए क्लेम (दावा) फॉर्म भरना होगा। योजना के तहत सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि के बराबर सुनिश्चित पेंशन प्रदान की जाएगी।
पीएफआरडीए की तरफ से कहा गया कि यूपीएस से जुड़े सभी प्रावधान व नियम एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे। योजना का लाभ उठाने के लिए केंद्र सरकार के एनपीएस योजना से जुड़े कर्मचारी और केंद्र सरकार की सेवाओं में अप्रैल 2025 को या उसके बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों को नामांकन करना होगा। कर्मचारी को सेवा से हटाए जाने या बर्खास्त किए जाने व इस्तीफे के मामले में यूपीएस का सुनिश्चित भुगतान विकल्प उपलब्ध नहीं होगा। पूर्ण सुनिश्चित भुगतान 25 वर्षों की न्यूनतम योग्यता सेवा के अधीन और सेवानिवृत्ति के समय 12 मासिक औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत होगी। केंद्र सरकार से जुड़े करीब 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस और एनपीएस को चुनने का विकल्प मिलेगा। ध्यान रहे कि एनपीएस को एक जनवरी 2004 को लागू किया गया था लेकिन एनपीएस में निश्चित पेंशन न मिलने से कर्मचारियों में नाराजगी थी। कर्मचारी संगठनों की तरफ से लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जा रही थी। लोकसभा चुनावों में भी पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा कई राजनीतिक दलों की तरफ से उठाया गया था। ऐसे में बीते वर्ष केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त को यूपीएस लाने को मंजूरी दी थी। अब यूपीएस की अधिसूचना जारी कर प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है।
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कर्मचारी का 10 फीसदी योगदान जारी रहेगा
यूपीएस अंशदायी रहेगी यानी कर्मचारियों को एनपीएस की तर्ज पर यहां भी अपने मूल वेतन से 10 प्रतिशत का अंशदान करना होगा। हालांकि, सरकार ने यूपीएस में कर्मचारियों को राहत दी है और अतिरिक्त योगदान नहीं बढ़ाया है। वहीं, सरकार एनपीएस में 14 प्रतिशत योगदान करती है, जिसे यूपीएस में बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसका मतलब है कि यूपीएस में कर्मचारी और सरकार के योगदान को मिलाकर 28.5 फीसदी हिस्सा हर महीने जमा होगा। सरकार की तरफ दिए जाने वाले योगदान की समीक्षा हर तीन साल में होगी।
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कैसे शामिल हो सकते हैं
1. वर्तमान कर्मचारी : 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में शामिल मौजूदा कर्मचारी, जिन्होंने एनपीएस को चुना है, वे यूपीएस को चुन सकते हैं। उन्हें फॉर्म ए2 भरना होगा।
2. नए भर्ती कर्मचारी : 1 अप्रैल 2025 को या इसके बाद सेवा में शामिल होने वाले नए कर्मचारी भी इस विकल्प को चुन सकते हैं। उन्हें फॉर्म ए1 भरना होगा।
3. सेवानिवृत्ति कर्मी : जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और जो एनपीएस से जुड़े थे, वे भी यूपीएस में शामिल हो सकते हैं। उन्हें केवाईसी दस्तावेजों के साथ फॉर्म बी2 जमा करना होगा।
4. कर्मचारी की मृत्यु होने पर : कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में, कानूनी रूप से विवाहित पति या पत्नी को केवाईसी दस्तावेजों के साथ फॉर्म बी6 प्रस्तुत करना होगा।
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कैसे करें आवेदन
सभी श्रेणियों के लिए नामांकन और दावा फॉर्म प्रोटीन सीआरए की वेबसाइट (https://npscra.nsdl.co.in) पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। कर्मचारियों के पास फॉर्म को भौतिक रूप से जमा करने का विकल्प भी होगा।
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यूपीएस की प्रमुख शर्तें
1. यूपीएस के जरिए पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल की सेवा होना जरूरी है।
2. कर्मचारियों को एनपीएस की तर्ज पर यहां भी मूल वेतन से 10 प्रतिशत का अंशदान देना होगा।
3. सरकार 18.5 प्रतिशत योगदान करेगी। यानी इस योजना में कर्मचारी और सरकार का कुल योगदान 28.5 फीसदी होगा।
4. इस योजना में प्रति माह 10,000 रुपये की न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी।
5. जो कर्मचारी पद से इस्तीफा देते हैं, या सेवा से हटाएं जाते व बर्खास्त किए जाते हैं, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा।
6. अगर कर्मचारी ने 25 वर्षों की सेवा दी है तो उसके अंतिम कार्य वर्ष के 12 महीनों के औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि बतौर पेंशन के तौर पर मिलेगा।
7. अगर सेवा काल 10 से 25 वर्ष के बीच है तो पेंशन की राशि समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगी।
8. मृत्यु के मामले में, परिवार को 60 प्रतिशत रकम फैमिली पेंशन के रूप में दी जाएगी।
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