अपडेट ::: राज के जरिये उद्धव को निशाना बनाने की नीति से मराठी एकता को नुकसान : सामना
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- शिवसेना (यूबीटी) ने सामना के संपादकीय में लिखा
मुंबई, एजेंसी।
भाजपा और एकनाथ शिंदे ने राज ठाकरे के कंधे पर बंदूक रखकर शिवसेना (यूबीटी) पर हमले किए, लेकिन इस रणनीति से मनसे को मदद नहीं मिली, बल्कि मराठी एकता को नुकसान पहुंचा।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने सोमवार को यह दावा किया। शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' के एक संपादकीय में कहा कि यदि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे भाजपा और शिंदे नीत शिवसेना से दूर रहते हैं तो पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बीच किसी मुद्दे का कोई सवाल ही नहीं उठता। उल्लेखनीय है कि मनसे ने 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के लिए बिना शर्त समर्थन की घोषणा की थी। चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने संभावित सुलह की अटकलों को हवा दे दी है, क्योंकि उनके बयानों से संकेत मिलता है कि वे मामूली मुद्दों को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग दो दशक के कटु मतभेद को भूलकर हाथ मिला सकते हैं।
सुलह की संभावना से महाराष्ट्र विरोधी परेशान
संपादकीय में यह भी दावा किया गया कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच सुलह की संभावना ने महाराष्ट्र विरोधियों को परेशान कर दिया है। इसमें आरोप लगाया गया कि भाजपा की साजिश मराठी एकता को कमजोर करने की थी। मराठी दैनिक ने दावा किया कि राज का रुख यह था कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को महाराष्ट्र में पांव जमाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए, लेकिन वह इस पर कायम नहीं रहे।
राज के मुद्दे सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आए
संपादकीय में कहा गया कि राज ठाकरे द्वारा संदर्भित मुद्दे कभी सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आए। राज मराठी लोगों की बात करते रहे हैं और (बाल ठाकरे द्वारा स्थापित) शिवसेना का जन्म मराठी हित के लिए हुआ तथा उद्धव ठाकरे ने वह हित नहीं छोड़ा, तो कोई विवाद है कहां? मराठी दैनिक ने कहा, भाजपा और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए इस पर बात करने का कोई कारण नहीं था। इन लोगों ने ही तथाकथित मुद्दों को शुरू किया। इसलिए भाजपा और शिंदे सेना को अगर दूर रखा जाए, तो कोई मुद्दा नहीं रहेगा।
संजय राउत बोल, अतीत में न झांका जाए
इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि सफल गठबंधन का सूत्र यह है कि अतीत में न झांका जाए। उन्होंने कहा, “जब उद्धव जी ने कहा है कि आगे बढ़ो, अतीत में जो हुआ उसे अनदेखा करो। हम कांग्रेस, राकांपा की आलोचना करते थे लेकिन फिर हमें 2019 में एक साथ आना पड़ा, हमने अपने अतीत में झांकने की बजाय भविष्य को देखने का फैसला किया।
प्रशांत माधव
माधव
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