आईटीबीपी के जवान की बर्खास्तगी को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने आईटीबीपी के जवान की बर्खास्तगी को बरकरार रखा है, जिसने जवानों के वेतन भुगतान के लिए रखी गई नकदी को लूट लिया था। कोर्ट ने कहा कि अनुशासन और नैतिकता का पालन सभी बल सदस्यों पर अनिवार्य...

नई दिल्ली, एजेंसी। जवानों के वेतन भुगतान के लिए रखी गई नकदी को लूटने वाले आईटीबीपी के जवान की बर्खास्तगी को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि बल के सभी सदस्यों को यह ध्यान रखना चाहिए कि इस तरह के कदाचार के लिए शून्य सहनशीलता है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें आईटीबीपी से कांस्टेबल को दी गई सेवा से बर्खास्तगी की सजा पर पुनर्विचार करने को कहा गया था। पीठ ने कहा कि कदाचार का दोषी पाए जाने पर, प्रतिवादी (कांस्टेबल) को उचित दंड देना अनुशासनात्मक प्राधिकारी का कर्तव्य है।
यह कर्तव्य विशेष रूप से अर्धसैनिक बलों में और भी अधिक बढ़ जाता है, जहां अनुशासन, नैतिकता, निष्ठा, सेवा के प्रति समर्पण और विश्वसनीयता नौकरी के लिए आवश्यक हैं। यहां कैश बॉक्स का संरक्षक ही उसका लुटेरा बन गया। पीठ ने आईटीबीपी की याचिका को स्वीकार कर लिया और उच्च न्यायालय के 27 सितंबर, 2018 के खंडपीठ के आदेश को रद्द कर दिया।
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