विदेश:: ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद भारत- पाक में संघर्ष विराम: अमेरिका
फ्लैग: अमेरिकी प्रशासन ने न्यूयॉर्क स्थित कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड को बताया क्रॉसर -

न्यूयॉर्क, एजेंसी। अमेरिकी प्रशासन ने न्यूयॉर्क कोर्ट को बताया कि सिर्फ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद भारत- पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम हुआ। युद्ध को टालने के लिए दोनों देशों के सामने अमेरिका से व्यापार की पेशकश की गई थी। अमेरिका के वाणिज्य सचिव होवार्ड लुटनिक ने पिछले सप्ताह कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड में पेश किए गए बयान में ये बात कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम (आईईपीए) के तहत अपनी आपात शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थिति की बेहतरी के लिए जवाबी शुल्क लगाया। ये कूटनीतिक लिहाज से सरकार का बेहतर फैसला है।
इसी के तहत उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और कुछ दिन पहले दोनों के बीच संघर्ष गंभीर हो चला था। 10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम हुआ जिसमें राष्ट्रपति ट्रंप ने अहम भूमिका निभाई। ट्रंप ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए दोनों देशों को बड़े नुकसान के साथ लाखों लोगों का जीवन प्रभावित होने से बचाया। ट्रंप भी यही दोहराते रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कई बार कह चुके हैं कि भारत- पाक में तनातनी को शांत करने में उनकी अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा था कि दोनों परमाणु संपन्न देश हैं। अगर दोनों देश लड़ाई से पीछे हटते हैं और शांति का रास्ता अपनाते हैं तो अमेरिका उनके साथ बड़े पैमाने पर व्यपार करेगा। भारत ने दावे को नकारा भारत इस मामले में पहले ही स्पष्ट कह चुका है कि भारत- पाक संघर्ष विराम में किसी तीसरे व्यक्ति का कोई दखल नहीं है। भारत के हमले की तीव्रता को देख पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क साध कर संघर्ष विराम की अपील की थी, इसके बाद भारत ने अंतिम फैसला लिया था।
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