नोएडा के सिपाही को गोली मारने वाला कौन? कादिर के भाई को तलाश रही पुलिस
मंगलवार शाम तक कादिर समेत 14 लोगों को जेल भेजा चुका है। 31 लोगों को शांतिभंग में जेल भेजा गया। मंगलवार रात 12 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। बुधवार को नौ अन्य लोगों को शांतिभंग में गिरफ्तार किया गया।

दबिश के दौरान सिपाही की हत्या के बाद नाहल गांव में पुलिस की तीसरे दिन भी सख्ती जारी है। पुलिस ने मंगलवार रात भी ताबड़तोड़ दबिश देकर 12 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। वहीं, बुधवार को नौ अन्य लोगों को शांतिभंग में जेल भेज दिया गया।नोएडा फेज-थ्री थाने की पुलिस टीम ने 25 मई की रात चोरी के मामले में वांछित हिस्ट्रीशीटर कादिर उर्फ मंटा की गिरफ्तारी के लिए नाहल गांव में दबिश दी थी। इस दौरान कादिर के साथियों और परिजनों ने पुलिस टीम पर पथराव और फायरिंग कर दी थी। सिर में गोली लगने से सिपाही सौरभ देशवाल की मौत हो गई थी।
मंगलवार शाम तक कादिर समेत 14 लोगों को जेल भेजा चुका है। 31 लोगों को शांतिभंग में जेल भेजा गया। मंगलवार रात 12 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। बुधवार को नौ अन्य लोगों को शांतिभंग में गिरफ्तार किया गया। इसमें से छह लोग मसूरी थाने और तीन लोग मुरादनगर थाने से एसीपी कोर्ट में पेश किए गए, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
कादिर के भाई की गिरफ्तारी पर जोर
नोएडा फेज-तीन में तैनात एसआई सचिन राठी ने कादिर और उसके भाई को नामजद करते हुए मसूरी थाने में हत्या,हत्या के प्रयास,बलवा,सरकारी कार्य में बाधा समेत अन्य संगीन धाराओं में केस दर्ज कराया था। पुलिस का फोकस अब कादिर के भाई की गिरफ्तारी है। बताया जा रहा कि कादिर के जिस भाई की तलाश में पुलिस जुटी है, वह नाबालिग है। वहीं, तीन दिन बाद भी पुलिस सिपाही सौरभ देशवाल को गोली मारने वाले आरोपी की पहचान नहीं कर सकी है। यह भी सार्वजनिक नहीं हुआ कि सिपाही को कौन सी गोली मारी गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नजदीक से गोली मारने की बात सामने आई है।
रालोद के प्रदेश सचिव कुंवर अय्यूब अली,नाहल गांव के प्रधान तसव्वर अली बुधवार को पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड़ से मिले। उन्होंने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई और निर्दोषों का उत्पीड़न न करने की मांग की।
परिजन को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग
ऑल इंडिया मजलीस ए इतेहादुल मुस्लमीन ने सिपाही के परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग की है। इसके लिए मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन दिया। संगठन के महानगर अध्यक्ष मनमोहन झा समेत कार्यकर्ताओं ने कहा कि घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है। इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
दबिश के दौरान पुलिस पर तोड़फोड़ का आरोप
पुलिस 80 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है। 18 से 40 वर्ष तक की उम्र के लोगों को हिरासत में लिया जा रहा। इससे 70 फीसदी युवाओं ने गांव छोड़ दिया। गांव में सन्नाटा पसरा है। लोगों का आरोप है कि दबिश के दौरान पुलिस घरों के खिड़की-दरवाजे और अन्य सामान तोड़ रही। दरवाजा तोड़ने की एक तस्वीर भी सामने आई है।