केजीपी और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने का काम धीमा पड़ा
ग्रेटर नोएडा। वरिष्ठ संवाददाता केजीपी और यमुना एक्सप्रेस वे को जोड़ने के लिए इंटरचेंज

ग्रेटर नोएडा। केजीपी और यमुना एक्सप्रेस वे को जोड़ने के लिए इंटरचेंज के निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है, जिससे इसे लक्ष्य के अनुरूप पूरा करना चुनौतीपूर्ण होगा। इंटरचेंज का एक वर्ष में निर्माण कार्य पूरा किया जाना है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इंटरचेंज निर्माण की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपी है। दावा है कि आठ माह में इंटरचेंज बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बनने से हरियाणा व उत्तर प्रदेश के कई जिलों के लोगों को फायदा होगा। एक एक्सप्रेसवे से दूसरे एक्सप्रेसवे के बीच निर्बाध आवाजाही हो सकेगी। कई जिलों की एयरपोर्ट से भी सीधे कनेक्टिविटी हो जाएगी।
बता दें कि, ईपीई और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए जगनपुर अफजलपुर के नजदीक इंटरचेंज का निर्माण की योजना छह साल पहले बनी थी। यीडा ने 2019 में इंटरचेंज निर्माण की जिम्मेदारी दिल्ली की देव एस कंपनी को दी थी। लेकिन किसानों के विरोध के कारण इंटरचेंज की जमीन पर कब्जा न मिलने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया। किसानों से सहमति लेने में कई वर्ष लग गए। अब करीब 60 हेक्टेयर में आठ लूप के इंटरचेंज के निर्माण पर 270 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दोनों एक्सप्रेसवे के आपस में जुड़े से 15 किलोमीटर का फेर खत्म हो जाएगा।
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