राजेश खन्ना ने 1960 के दशक में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। शुरू में एक्टर को अपनी पहचान बनाने के लिए स्ट्रगल करना पड़ा था। लेकिन सिर्फ पांच साल में एक्टर ने अपनी ऐसी पहचान बनाई कि उनकी बराबरी करने में दूसरे एक्टर्स को दशकों लग गए।
राजेश खन्ना के करियर के लिए 1970 के दशक के शुरुआती साल मील का पत्थर साबित हुए। 1971 में उनकी करीब 8 फिल्में आई जिनमें से पांच फिल्में टॉप 10 में शामिल थी। इन्हीं फिल्मों ने एक्टर को सुपरस्टार बना दिया।
साल 1971 राजेश खन्ना की फिल्म ‘हाथी मेरे साथी’ नंबर 1 पर थी। उस समय एक जानवर को लेकर बनाई गई फिल्म और उसमें इंसानों जैसी भावनाएं दिखाने के लिए मेकर्स और एक्टर्स को सराहा गया था।
एक हाथी और उसके साथी के साथ की कहानी को ऑडियंस ने पसंद किया था। कमाई के मामले में इस फिल्म ने धर्मेंद्र की फिल्म 'मेरा गांव मेरा देश' को पीछे छोड़ दिया था। ये फिल्म दूसरे नंबर पर रही।
इसी साल आई राजेश खन्ना, राज कुमार और माला सिन्हा की फिल्म 'मर्यादा' तीसरे नंबर पर रही। एक कंफ्यूज करने वली लव स्टोरी थी जो उस साल तीसरे नंबर पर रही। इस फिल्म को ऑडियंस से अच्छा रिएक्शन मिला था।
इस लिस्ट में अगली फिल्म भी राजेश खन्ना की अंदाज थी। इस फिल्म में राजेश खन्ना के अलावा शम्मी कपूर, हेमा मालिनी, सिमी ग्रेवाल जैसे एक्टर्स थे। ये फिल्म चौथे नंबर पर रही।
हिंदी फिल्मों के इतिहास के ये एक खास फिल्म मानी जाती है। शानदार कहानी और राजेश खन्ना, आशा पारेख की जानदार परफॉरमेंस ने कमाल कर दिया था। ये फिल्म इस लिस्ट में चौथे नंबर पर है। इस फिल्म ने कमाई के साथ लोगों के दिल भी जीते थे।
राजेश खन्ना और लीना चंदावाकर की फिल्म महबूब की मेहंदी इस साल 9 वें नंबर पर रही। इस फिल्म के गाने सफल हुए। फिल्म की कहानी प्रभावित करने वाली रही।