तेज गर्मी और धूप बॉडी को ना सिर्फ डिहाइड्रेट करते हैं बल्कि त्वचा को भी नुकसान पहुंचाकर रैशेज, सन टैनिंग और फाइन लाइन्स की समस्या पैदा करने लगते हैं। छोटे बच्चों की स्किन बेहद संवेदनशील होने की वजह से धूप और यूवी किरणों का असर वयस्कों से ज्यादा उनकी स्किन पर होता है। जिससे बचने के लिए स्किन एक्सपर्ट त्वचा पर सनस्क्रीन लगाने की सलाह देते हैं। Pic Credit: Shutterstock
सनस्क्रीन बच्चों की त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाकर सन टैन की समस्या से दूर रखने में मदद करता है। आइए जानते हैं बच्चों के लिए सनस्क्रीन चुनते समय किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।Pic Credit: Shutterstock
दरअसल, बच्चों की त्वचा बड़े लोगों की तुलना में अधिक पतली होती है। जो सूरज की यूवी किरणों की वजह से जल्दी जलन या रैशेज की शिकार हो जाती है। Pic Credit: Shutterstock
सनस्क्रीन एक स्किन प्रोटेक्शन प्रोडक्ट है, जो त्वचा का सूर्य की UVA और UVB किरणों के बुरे असर से बचाव करता है। Pic Credit: Shutterstock
सनस्क्रीन चुनते समय उसके SPF पर जरूर एक नजर डाल लें। एसपीएफ का मतलब सन प्रोटेक्शन फैक्टर होता है। बच्चों के लिए कम से कम SPF 30 से 50 वाला सनस्क्रीन अच्छा रहता है। Pic Credit: Shutterstock
बच्चों के लिए जिंक ऑक्साइड और टाइटेनियम डाइऑक्साइड वाला सनस्क्रीन सुरक्षित माना जाता है। इस तरह के सनस्क्रीन त्वचा के ऊपरी सतह पर एक परत बनाकर सूरज की किरणों से सुरक्षा देते हैं। Pic Credit: Shutterstock
सनस्क्रीन में मौजूद इन उत्पादों से एलर्जी और त्वचा रोग की संभावना कम बनी रहती है। अगर बच्चे की स्किन सेंसेटिव है तो उसके लिए ऐसा सनस्क्रीन खरीदें, जो हाइपोएलर्जेनिक और डर्मेटोलॉजिकली टेस्टेड हो। Pic Credit: Shutterstock
धूप में जाने से कम से कम 20 मिनट पहले लगाएं। दूसरा, सनस्क्रीन हमेशा चेहरे, गर्दन, हाथ, पैर, कान और पीछे की गर्दन पर अच्छी तरह लगाना चाहिए। हर 2-3 घंटे बाद दोबारा सनस्क्रीन लगाएं। Pic Credit: Shutterstock
6 महीने से कम उम्र के बच्चों की त्वचा बहुत ही संवेदनशील होती है, उन्हें सनस्क्रीन नहीं लगाना चाहिए। Pic Credit: Shutterstock