चित्तौड़गढ़ में गैंगवार जैसी वारदात,रिटायर्ड ASI के बेटे की गोली मारकर हत्या
चित्तौड़गढ़ जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में रविवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां रिटायर्ड एएसआई के बेटे अजयराज सिंह झाला (33) की होटल में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई।

चित्तौड़गढ़ जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में रविवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां रिटायर्ड एएसआई के बेटे अजयराज सिंह झाला (33) की होटल में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह वारदात आपसी रंजिश या व्यक्तिगत दुश्मनी से कहीं ज्यादा संगठित अपराध की ओर इशारा करती है। बताया जा रहा है कि घटना के पीछे बजरी खनन को लेकर पुराना विवाद अहम वजह है। इस हमले में हिस्ट्रीशीटर अपराधियों की सक्रिय भूमिका सामने आई है, जो पूरे मामले को संगठित गैंगवार का रूप देती है।
होटल में घुसकर ताबड़तोड़ फायरिंग
रविवार रात अजयराज अपने तीन दोस्तों के साथ सेमलपुरा चौराहे पर स्थित एक होटल में खाना खा रहा था। इसी दौरान 7 गाड़ियों में सवार होकर करीब 25 हथियारबंद लोग वहां पहुंचे। सभी हमलावरों ने गमछा बांध रखा था ताकि पहचान छुपाई जा सके, हालांकि कुछ के चेहरे दिख गए। उन्होंने होटल को चारों ओर से घेर लिया और बिना किसी चेतावनी के फायरिंग शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर पूरी तैयारी के साथ आए थे और उनका मकसद स्पष्ट रूप से अजय की हत्या करना था।
हत्या के बाद शव को फेंका, तलवार से हमला
फायरिंग के दौरान अजयराज को गोली लगी और वह जमीन पर गिर गया। इसके बाद झोपड़ा निवासी हिस्ट्रीशीटर भैरूलाल गुर्जर और डेट निवासी डिग्गी राज सिंह ने उसे उठाया और होटल की पहली मंजिल से नीचे खेत में फेंक दिया। वहीं कुछ हमलावरों ने पीछा करते हुए खेत में और गोलियां चलाईं। अजय की नाक पर तलवार से भी हमला किया गया। हमलावरों ने जाते समय दो गाड़ियों में आग भी लगा दी, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई।
मदद नहीं मिली, दोस्तों ने बाइक से पहुंचाया अस्पताल
घटना के तुरंत बाद अजय के दोस्तों ने एंबुलेंस और पुलिस को फोन किया, लेकिन कोई मदद नहीं पहुंची। अंततः तीनों दोस्त उसे बाइक पर बैठाकर निजी अस्पताल ले गए, जहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। एक कंपाउंडर ने देखकर ही कह दिया कि अजय अब नहीं बच सकता। इसके बाद वे उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बजरी माफिया से जुड़ा था विवाद, रेकी कर रहा था मनोज चौधरी
अजय के दोस्त ओमकार शर्मा ने बताया कि अजय और हमलावरों के बीच बजरी खनन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था। हमले से ठीक पहले उसने होटल के नीचे मनोज चौधरी को देखा, जो मोबाइल पर लगातार बात कर रहा था और संभवतः हमलावरों को अजय की लोकेशन दे रहा था।
हिस्ट्रीशीटरों की भूमिका उजागर, पुलिस पर सवाल
जांच में सामने आया है कि हमले में शामिल भैरूलाल गुर्जर गंगरार थाने का हिस्ट्रीशीटर है। इसी तरह ईश्वर सिंह भी आपराधिक रिकॉर्ड वाला है। इनके साथ कुलदीप सिंह, मोंटी सिंह, राजपाल सिंह, राहुल और विक्रम सिंह का नाम भी सामने आया है। इस हमले में संगठित अपराधियों की संलिप्तता न केवल पुलिस की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि बजरी माफिया के बढ़ते प्रभाव की ओर भी इशारा करती है।
आक्रोशित परिजन धरने पर बैठे
हत्या के बाद सोमवार सुबह बड़ी संख्या में ग्रामीण और परिजन जिला अस्पताल की मॉच्र्युरी के बाहर एकत्र हुए और धरने पर बैठ गए। परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। लोगों का कहना है कि प्रशासन यदि पहले से सतर्क होता तो इस तरह की घटना रोकी जा सकती थी।
क्या कहती है पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
डॉ. संजय पारीक के अनुसार, अजय को एक गोली लगी थी, जो हाथ से होकर बगल में पसलियों के पास जा फंसी। इसी से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
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