अहमदाबाद प्लेन क्रैश ने छीनी 11 जिंदगियां, राजस्थान के चार जिलों से थे सभी
अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान AI-171 ने सिर्फ आसमान में नहीं, बल्कि राजस्थान के कई घरों में मातम बिछा दिया।

अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान AI-171 ने सिर्फ आसमान में नहीं, बल्कि राजस्थान के कई घरों में मातम बिछा दिया। गुरुवार सुबह हुए इस भयावह हादसे में राजस्थान के 11 लोगों की मौत हो गई। जो परिवार कल तक भविष्य के सपने बुन रहे थे, आज उनकी पहचान सिर्फ शवों के जरिए हो रही है।
बांसवाड़ा के डॉक्टर दंपती और तीन मासूम बच्चों की मौत
डॉ. कोनी व्यास और डॉ. प्रदीप जोशी अपने तीन बच्चों प्रद्युत, मिराया और नकुल के साथ लंदन जा रहे थे। बांसवाड़ा के इस परिवार का सपना था – विदेश में एक नई जिंदगी की शुरुआत का, लेकिन तक़दीर ने पांचों को एक साथ लील लिया।
कोनी हाल ही में उदयपुर के पेसिफिक अस्पताल से इस्तीफा देकर लंदन जा रही थीं। अस्पताल प्रबंधन ने भी उनके निधन की पुष्टि की है। पूरे बांसवाड़ा में मातम पसरा है।
बेटी के साथ आखिरी फोटो, फिर हादसा
बालोतरा के मदन सिंह राजपुरोहित अपनी बेटी खुशबू को अहमदाबाद एयरपोर्ट छोड़ने गए थे। खुशबू लंदन में अपने डॉक्टर पति के पास जा रही थी। रवाना होने से पहले उन्होंने पिता संग एक आखिरी तस्वीर खिंचवाई – वही तस्वीर जो अब एक परिवार के लिए सबसे दर्दनाक स्मृति बन चुकी है।
मदन सिंह जैसे ही एयरपोर्ट से लौटे, उन्हें खबर मिली – जिस फ्लाइट से बेटी गई थी, वह हादसे का शिकार हो चुकी है।
भाई-बहन की लंदन यात्रा बनी आखिरी सफर
उदयपुर के मार्बल कारोबारी संजीव मोदी के बेटे शुभ मोदी और बेटी शगुन मोदी लंदन घूमने जा रहे थे। दोनों ने एमबीए किया था और पिता का व्यवसाय संभालना शुरू किया था।
अब उनके सहेली नगर स्थित घर पर सिर्फ मातम और आंसू हैं। जिला कलेक्टर नमित मेहता मौके पर पहुंचे, लेकिन इस नुकसान की कोई भरपाई नहीं है।
बीकानेर के पूर्व विधायक का दोहिता भी नहीं बच सका
श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक किशना राम नाई के दोहिते अभिनव परिहार भी इस हादसे का शिकार हो गए। अभिनव लंदन में कारोबार कर रहे थे और अहमदाबाद में ट्रेडिंग कंपनी की शुरुआत की थी।
राजकोट में मौसेरे भाई से हुई एक बातचीत में उन्होंने इंडिया में ही बसने की इच्छा जताई थी। पत्नी श्वेता और बेटे विहान को लाने के लिए जा रहे अभिनव, अब खुद लौटकर नहीं आ पाए।
उदयपुर से लंदन लौट रहे थे वरदीचंद
वल्लभनगर के वरदीचंद मेनारिया, हाल ही में लंदन से लौटे थे। अब वे वापस काम पर जा रहे थे। प्रकाश मेनारिया नाम के एक साथी के साथ वे लंदन के लिए रवाना हुए थे।
दोनों ही लंदन में शेफ थे। अब उनके परिवार सिर्फ उनकी यादों के सहारे जीने को मजबूर हैं।
एक झटके में 6 घर तबाह
इस क्रैश ने राजस्थान के बांसवाड़ा, उदयपुर, बालोतरा और बीकानेर जैसे इलाकों से 6 परिवारों की जिंदगी लील ली। माता-पिता, बेटे-बेटियां, पति-पत्नी – कोई रिश्ता नहीं बचा, जो इस हादसे की आग से झुलसा न हो।
सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था
एक तरफ देश आधुनिक विमानन तकनीक पर गर्व करता है, दूसरी ओर ऐसे हादसे सिस्टम की लापरवाही को उजागर करते हैं। 242 यात्रियों की जान को लेकर अब जांच एजेंसियां सक्रिय हैं, लेकिन जिन घरों के चिराग बुझ गए, उनके लिए यह जवाबदेही अब मायने नहीं रखती।
यह सिर्फ एक प्लेन क्रैश नहीं था, यह राजस्थान के कई परिवारों के सपनों का अंत था।
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