मां बोली– अब किसके लिए जिऊं? AI-171 हादसे में बुझा घर का इकलौता चिराग
एक होनहार छात्र, एक मां-बाप की उम्मीद, और एक सपना—जो अधूरा रह गया। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा कस्बे का रहने वाला 19 वर्षीय मानव भादू, जो अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था, एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के भीषण हादसे में काल का ग्रास बन गया।

एक होनहार छात्र, एक मां-बाप की उम्मीद, और एक सपना—जो अधूरा रह गया। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा कस्बे का रहने वाला 19 वर्षीय मानव भादू, जो अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था, एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के भीषण हादसे में काल का ग्रास बन गया। यह हादसा तब हुआ जब लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भर रही बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 विमान ने टेक-ऑफ के कुछ देर बाद नियंत्रण खो दिया और बीजे मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गया।
घर का इकलौता चिराग बुझा
मानव भादू अगस्त 2024 से अहमदाबाद स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। वह परिवार का इकलौता बेटा था, जिसने पीलीबंगा से निकलकर डॉक्टर बनने का सपना देखा था। शनिवार सुबह उसकी मौत की खबर गांव में पहुंची तो कोहराम मच गया। माता-पिता बदहवास हो गए, और पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है।
अंतिम संस्कार पीलीबंगा में आज
हनुमानगढ़ के एएसपी (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक) जनेश टंवर ने मानव की पहचान की पुष्टि की और बताया कि पीड़ित छात्र की अंत्येष्टि शनिवार को उसके पैतृक निवास पीलीबंगा में की जाएगी। उन्होंने कहा, “मानव की मौत बेहद दुखद है। वह कॉलेज परिसर में ही मौजूद था जब विमान हादसा हुआ।”
डीएनए जांच से की जा रही पहचान
हादसा इतना भयानक था कि ज्यादातर शवों की पहचान करना असंभव हो गया है। शव बुरी तरह जल चुके हैं और केवल डीएनए जांच से ही पहचान की जा रही है। अब तक 250 से अधिक लोगों के डीएनए सैंपल लिए जा चुके हैं।
241 मौतें, एकमात्र जीवित बचा यात्री
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो चुकी है। केवल एक यात्री इस भयावह हादसे में जीवित बचा है। हादसे के बाद चारों ओर मलबा, आग और चीख-पुकार का मंज़र था। राहत और बचाव दल ने त्वरित कार्रवाई की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
जांच के लिए बनी उच्च स्तरीय समिति
केंद्र सरकार ने हादसे के कारणों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय बहु-विभागीय समिति का गठन किया है। यह समिति गृह सचिव की अध्यक्षता में काम करेगी और इसमें नागर विमानन मंत्रालय, वायुसेना और विमानन विशेषज्ञ शामिल होंगे।
यह समिति न केवल हादसे के कारणों की जांच करेगी, बल्कि राहत और बचाव कार्यों में रही कमियों का भी मूल्यांकन करेगी। साथ ही, भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने और बेहतर आपातकालीन प्रबंधन के लिए नीतिगत सुझाव भी देगी।
टाटा ग्रुप देगा एक-एक करोड़ मुआवजा
एयर इंडिया की मालिक कंपनी टाटा ग्रुप ने हादसे में मारे गए हर व्यक्ति के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। यह कदम हादसे के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति का प्रतीक माना जा रहा है, लेकिन परिजनों के जख्म इतने गहरे हैं कि पैसों से भरना संभव नहीं।
सपनों के साथ जला छात्र, गांव में मातम
मानव भादू की असमय मौत ने न सिर्फ उसके परिवार, बल्कि पूरे पीलीबंगा कस्बे को गहरे सदमे में डाल दिया है। लोगों को आज भी विश्वास नहीं हो रहा कि जो बच्चा डॉक्टर बनने निकला था, वह शव बनकर लौटा है। स्कूल के शिक्षक, दोस्त, पड़ोसी—हर किसी की आंखें नम हैं।
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