बेरोजगारों की चुनौतियां अनसुलझीं...SI पेपर लीक मामले में राईका के बेटे को सशर्त सुप्रीम कोर्ट से जमानत
राजस्थान के चर्चित 2021 सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती पेपर लीक मामले में नया मोड़ आया है। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पूर्व सदस्य रामू राम राईका के बेटे देवेश राईका को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है।

राजस्थान के चर्चित 2021 सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती पेपर लीक मामले में नया मोड़ आया है। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पूर्व सदस्य रामू राम राईका के बेटे देवेश राईका को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। इससे पहले 2 जून को कोर्ट ने उनकी बहन शोभा राईका को भी जमानत दी थी। कोर्ट ने देवेश को ट्रायल में पूरा सहयोग करने और किसी भी गवाह को प्रभावित न करने की सख्त हिदायत दी है।
यह मामला उस समय सुर्खियों में आया था जब RPSC के अंदर से ही पेपर लीक का बड़ा नेटवर्क सामने आया। विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की जांच में रामू राम राईका की संलिप्तता सामने आने के बाद 1 सितंबर को उन्हें गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि राईका ने RPSC सदस्य रहते हुए अपने बेटे देवेश और बेटी शोभा को परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र उपलब्ध करवा दिया था।
संगठित साजिश की कहानी
SOG की चार्जशीट में यह साफ तौर पर कहा गया है कि यह पेपर लीक एक संगठित साजिश का हिस्सा था। राईका के अलावा RPSC के तत्कालीन चेयरमैन संजय क्षोत्रिय, सदस्य मंजू शर्मा, संगीता आर्या और जसवंत राठी की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। इन सभी पर राईका के बच्चों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप है, जिससे भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठे हैं।
बाबूलाल कटारा की भूमिका
जांच में सामने आया कि यह प्रश्न पत्र बाबूलाल कटारा ने रामू राम राईका को मुहैया करवाया था। बाबूलाल कटारा को मार्च 2021 में RPSC के तत्कालीन चेयरमैन भूपेंद्र सिंह द्वारा SI भर्ती परीक्षा का पेपर तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। चार्जशीट के अनुसार, कटारा ने परीक्षा के लिए दो-दो सेट प्रश्न पत्र तैयार किए थे, क्योंकि परीक्षा एक ही दिन में आयोजित होनी थी।
भूपेंद्र सिंह अक्टूबर 2020 से दिसंबर 2021 तक RPSC के चेयरमैन पद पर रहे। जांच एजेंसियों को शक है कि बिना अंदरूनी मिलीभगत के इतनी बड़ी साजिश संभव नहीं थी।
चार्जशीट और गिरफ्तारियां
SOG ने 29 अक्टूबर को इस मामले में 20 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें कई बड़े खुलासे किए गए। अब तक इस मामले में 80 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें लगभग 50 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर शामिल हैं। इन सभी को राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग अकादमी से अलग-अलग समय पर गिरफ्तार किया गया।
यह मामला अब भी जांच के दायरे में है और SOG का कहना है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां और खुलासे हो सकते हैं। इस लीक ने न सिर्फ अभ्यर्थियों के भविष्य को प्रभावित किया, बल्कि राजस्थान में सरकारी भर्तियों की पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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