डायरेक्ट फोन मत किया करो...लोग आकर हमे बताते है मुख्यमंत्री, मंत्रियों के फोन दिल्ली वाले सुनते हैं- डोटासरा
राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्री फोन पर बात करने से कतराते हैं क्योंकि उन्हें आशंका है कि उनकी कॉल्स दिल्ली वाले सुनते हैं।

राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्री फोन पर बात करने से कतराते हैं क्योंकि उन्हें आशंका है कि उनकी कॉल्स "दिल्ली वाले" सुनते हैं। सोमवार को जयपुर स्थित कांग्रेस वॉर रूम में मीडिया से बातचीत के दौरान डोटासरा ने यह सनसनीखेज बयान दिया।
डोटासरा ने कहा, “काम लेकर जाने वाले लोग बताते हैं कि मुख्यमंत्री और मंत्री बार-बार कहते हैं—‘डायरेक्ट फोन मत किया करो, ऊपर तक बात जाती है।’ यह कोई मामूली बात नहीं है। अगर हमारे मुख्यमंत्री और मंत्री इस हद तक असहज हैं, तो आप सोच सकते हैं कि राज्य का माहौल कैसा होगा।”
उन्होंने दावा किया कि इस तरह की बातें लगातार सुनने को मिल रही हैं। “जो हमने सुना है, वही बता रहा हूं। सही क्या है, वह तो वही जानें, लेकिन जो लोग काम लेकर जाते हैं, वही बताते हैं कि डायरेक्ट कॉल से बचो,” डोटासरा ने कहा।
अदृश्य शक्ति का इशारा?
डोटासरा ने इशारों-इशारों में प्रदेश में "अदृश्य शक्ति" के काम करने की ओर भी इशारा किया। जब संवाददाताओं ने इस सूचना के स्रोत के बारे में पूछा, तो डोटासरा ने कहा, “आप लोग संवाद रखते हैं, तो आपको भी सब कुछ छनकर आता होगा।”
डोटासरा का यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रदेश की राजनीति लगातार गर्म होती जा रही है और बीजेपी पर भी अंदरूनी घमासान को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने बीजेपी पर भी तंज कसा, “बीजेपी में सभी नेता एक-दूसरे की गोभी खोदने और निपटाने में लगे हुए हैं। उन्हें डर सता रहा है कि कब दिल्ली से किसकी पर्ची बदल जाए।”
संगठन पर फोकस: 28 जून से पहले सभी सीटों पर तैयार हो जाएंगे BLA
डोटासरा ने पार्टी संगठन को मजबूत करने के प्रयासों पर भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक 80% मंडल और ब्लॉक कार्यकारिणियों का गठन हो चुका है और उनकी जानकारी पीसीसी वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि “28 जून से पहले 200 विधानसभा क्षेत्रों में बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) की सूची चुनाव आयोग को सौंप दी जाएगी।” इसके अलावा जहां ब्लॉक और मंडल अध्यक्ष प्रभावी रूप से काम नहीं कर रहे हैं, वहां रिपोर्ट तैयार कर संगठन में फेरबदल किया जा रहा है।
डोटासरा ने भरोसा दिलाया कि शेष 30% मंडल कार्यकारिणियों का गठन भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
चुनाव की घोषणा मंत्री कैसे कर सकते हैं?
पंचायती राज और निकाय चुनावों को लेकर भी डोटासरा ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के हालिया बयान पर तंज कसते हुए कहा, “वह कौन होते हैं चुनाव की घोषणा करने वाले? चुनाव कराना राज्य निर्वाचन आयोग का काम है, न कि किसी मंत्री का।”
पंचायती राज राज्य मंत्री ओटाराम देवासी के ‘एक साल तक चुनाव नहीं होंगे’ वाले बयान और बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ के 2027 में चुनाव की बात पर डोटासरा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह भ्रम फैलाने और लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश है।
कांग्रेस प्रतिनिधियों को मिल रहा भेदभाव का सामना
डोटासरा ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार जहां कांग्रेस समर्थक सरपंच और प्रधान हैं, वहां जानबूझकर काम मंजूर नहीं कर रही। “1000 से ज्यादा निकाय और पंचायती राज से जुड़े मामलों को लेकर कोर्ट जाना पड़ेगा, क्योंकि सरकार जानबूझकर निर्णय टाल रही है।”
डोटासरा का यह आक्रामक रुख और केंद्र सरकार पर सीधा हमला राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा सकता है। एक ओर जहां कांग्रेस संगठन को चुनावी मोड में लाने में जुटी है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी पर तीरों की बौछार से यह साफ है कि आने वाले दिनों में सियासी तापमान और चढ़ने वाला है।
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