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जयपुर-दिल्ली हाईवे पर ‘चालान चार्ज’ में उजड़ गया परिवार...महिला की मौत

जयपुर-ग्रामीण जिले के चंदवाजी थाना क्षेत्र में NH-48 अजमेर-दिल्ली एक्सप्रेस हाइवे पर शनिवार तड़के एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसने न सिर्फ एक परिवार की खुशियां छीन लीं, बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर भी कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Sachin Sharma लाइव हिन्दुस्तानSat, 14 June 2025 10:46 AM
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जयपुर-दिल्ली हाईवे पर ‘चालान चार्ज’ में उजड़ गया परिवार...महिला की मौत

जयपुर-ग्रामीण जिले के चंदवाजी थाना क्षेत्र में NH-48 अजमेर-दिल्ली एक्सप्रेस हाइवे पर शनिवार तड़के एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसने न सिर्फ एक परिवार की खुशियां छीन लीं, बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर भी कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना चंदवाजी इलाके की मानपुरा पुलिया के पास हुई, जहां इंटरसेप्टर में तैनात पुलिसकर्मियों ने आगरा से खाटूश्यामजी दर्शन को जा रहे एक परिवार की कैंटर गाड़ी को रोक लिया। पुलिसकर्मी पूछताछ और दस्तावेज चेकिंग के नाम पर कैंटर के पीछे खड़े होकर बात कर रहे थे। तभी तेज रफ्तार में आ रहे एक कंटेनर ने पीछे से सीधे कैंटर को टक्कर मार दी। इस भीषण टक्कर में कैंटर के पीछे खड़ी यूपी निवासी महिला प्रेममती (45) की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि पुलिसकर्मी समेत तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

हादसे के तुरंत बाद घटनास्थल पर हाहाकार मच गया। महिला के परिजनों ने शव को सड़क से उठाने से इनकार कर दिया और आरोप लगाया कि पुलिस ने जबरन गाड़ी को रोक कर वसूली की कोशिश की, जिसके चलते यह हादसा हुआ। इसके बाद गुस्साए परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने हाईवे पर जाम लगा दिया। करीब चार घंटे तक हाइवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए ASP (यातायात) नारायण लाल तिवाड़ी और DSP प्रदीप यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने गुस्साए लोगों को समझाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन लोग पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। अंततः दबाव में आकर ASP ने इंटरसेप्टर में तैनात चारों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।

इसके बाद भीड़ कुछ हद तक शांत हुई और शव को निम्स अस्पताल की मोर्चरी में भिजवाया गया। वहीं, घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें एक पुलिसकर्मी की हालत चिंताजनक बताई जा रही है।

परिजनों ने साफ तौर पर आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी हर आने-जाने वाले वाहन को "एंट्री" के नाम पर रोकते हैं और चालान या अवैध वसूली करते हैं। इस वसूली की वजह से गाड़ी अनावश्यक रूप से रुकी रही, और इसी दौरान यह खौफनाक हादसा हो गया।

फिलहाल पुलिस ने कंटेनर चालक को हिरासत में ले लिया है और वाहनों को सड़क से हटाकर यातायात सुचारू किया जा चुका है। मामले की जांच जारी है।

यह हादसा न केवल एक दर्दनाक दुर्घटना है, बल्कि पुलिसिया रवैये की उस हकीकत को उजागर करता है, जो वर्दी के नाम पर हर दिन सड़कों पर दोहराई जा रही है। अब देखना यह है कि क्या इस बार सिर्फ लाइनहाजिरी से जिम्मेदारियों का बोझ हल्का किया जाएगा या फिर दोषियों पर वाकई सख्त कार्रवाई होगी?

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