SI पेपर लीक केस में पूर्व RPSC मेंबर की बेटी शोभा कैसे बन गई एसआई,हिन्दी लिखना तक नहीं जानती
राजस्थान की बहुचर्चित SI भर्ती-2021 पेपर लीक प्रकरण में सोमवार को एक अहम मोड़ आया जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की आरोपी और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पूर्व सदस्य रामूराम राईका की बेटी शोभा राईका को अंतरिम जमानत दे दी।

राजस्थान की बहुचर्चित SI भर्ती-2021 पेपर लीक प्रकरण में सोमवार को एक अहम मोड़ आया जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की आरोपी और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पूर्व सदस्य रामूराम राईका की बेटी शोभा राईका को अंतरिम जमानत दे दी। शोभा इस समय बर्खास्त सब-इंस्पेक्टर हैं और 31 अगस्त 2024 से न्यायिक हिरासत में थीं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर जहां कानूनी हलकों में चर्चा तेज हो गई है, वहीं सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
कोर्ट ने लगाई सख्त शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि शोभा राईका को जमानत कुछ शर्तों के आधार पर दी गई है। कोर्ट ने कहा कि वह ट्रायल में पूरी तरह से सहयोग करेंगी और किसी भी गवाह को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेंगी। यह आदेश ऐसे समय में आया है जब इस मामले की जांच और ट्रायल प्रक्रिया अभी तक प्रारंभिक चरण में ही है। अधिवक्ता वेदांत शर्मा ने अदालत को बताया कि अभी तक आरोप तय नहीं हुए हैं और ट्रायल शुरू नहीं हो पाया है।
अन्य आरोपियों को भी मिली जमानत
सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने इसी केस के अन्य सह-आरोपियों, बर्खास्त एसआई विजेंद्र कुमार और मीडिएटर सुरेश कुमार को भी जमानत दी है। इससे पहले भी इस मामले में कई आरोपियों को विभिन्न अदालतों से राहत मिल चुकी है। शोभा राईका की गिरफ्तारी के बाद से ही उनके मामले को लेकर चर्चाएं तेज थीं, क्योंकि वह भर्ती परीक्षा में टॉप रैंकर्स में शामिल थीं।
परिवार पर लगे हैं गंभीर आरोप
एसओजी ने राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) से शोभा राईका और उनके भाई देवेश राईका को गिरफ्तार किया था। दोनों को ही परीक्षा में उच्च रैंक मिली थी—शोभा को पाँचवीं और देवेश को 40वीं रैंक। इसके अगले दिन उनके पिता और पूर्व RPSC सदस्य रामूराम राईका को भी गिरफ्तार किया गया। रामूराम राईका का कार्यकाल वर्ष 2018 से 2022 तक रहा और उन्हें वसुंधरा राजे सरकार के दौरान नियुक्त किया गया था।
भर्ती की वैधता पर उठ रहे सवाल
SI भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में अब तक 80 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें 50 से अधिक ट्रेनी SI शामिल हैं। इस घोटाले के सामने आने के बाद से ही भर्ती प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठने लगे हैं। कई अभ्यर्थियों ने भर्ती को रद्द करने की मांग करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया है। पिछली सुनवाई में अदालत ने राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। सरकार ने जवाब में कहा कि इस पर निर्णय मुख्यमंत्री स्तर पर लिया जाएगा। हाईकोर्ट में अब अगली सुनवाई 1 जुलाई को निर्धारित है।
क्या होगा अगला कदम?
सुप्रीम कोर्ट से मिली इस अंतरिम जमानत के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या अन्य बर्खास्त थानेदारों और आरोपियों को भी जल्द राहत मिल सकती है। हालांकि, कानूनी प्रक्रिया में अभी कई चरण बाकी हैं और ट्रायल की शुरुआत का इंतजार किया जा रहा है।
फिलहाल, शोभा राईका की जमानत ने न केवल इस मामले को नई दिशा दी है, बल्कि पेपर लीक जैसे गंभीर मामलों में न्यायिक प्रक्रियाओं की गति और पारदर्शिता को लेकर भी नई बहस को जन्म दिया है।
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