अस्पताल में लाइन लगने से मिलेगी निजात; राजस्थान सरकार लागू करने जा रही यह सिस्टम
राजस्थान के अस्पतालों में रोगियों और उनके परिजनों को कतारों में खड़े होने से निजात दिलाने के लिए आधुनिक व्यवस्था 'क्यू मैनेजमेंट सिस्टम' लागू किया जाएगा।
राजस्थान के अस्पतालों में रोगियों और उनके परिजनों को कतारों में खड़े होने से निजात दिलाने के लिए आधुनिक व्यवस्था 'क्यू मैनेजमेंट सिस्टम' लागू की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जयपुर शहर में इस प्रणाली के सफल प्रयोग के बाद अब राज्य में मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सभी अस्पतालों में इसे शुरू किया जाएगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, जयपुर के जयपुरिया एवं कांवटिया अस्पताल में 'क्यू मैनेजमेंट सिस्टम' (कतार प्रबंधन प्रणाली) को 'पायलट प्रोजेक्ट' के रूप में शुरू किया गया। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने शनिवार को इन दोनों अस्पतालों में इस नयी प्रणाली सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल परिसर में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) काउंटर पर पहुंचकर इस प्रणाली से होने वाली रोगी पंजीकरण की प्रक्रिया को देखा। साथ ही चिकित्सकों एवं रोगियों से बातचीत कर नयी व्यवस्था के बारे में प्रतिक्रिया भी ली।
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने कहा कि जयपुरिया औश्र कांवटिया अस्पताल से इस तकनीकी नवाचार को 'पायलट प्रोजेक्ट' के रूप में शुरू किया गया है। दोनों अस्पतालों में सफलतापूर्वक लागू होने के बाद अब राज्य में मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सभी अस्पतालों में 'क्यू मैनेजमेंट सिस्टम' शुरू किया जाएगा।
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भी जल्द ही यह प्रणाली लागू हो जाएगी। इसके लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। उन्होंने एसएमएस अस्पताल में चल रही तैयारियों की समीक्षा भी की।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, चिकित्सा शिक्षा सचिव के साथ सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अन्य अस्पतालों के अधीक्षक भी जयपुरिया अस्पताल की कार्य प्रणाली का अवलोकन करने पहुंचे। इन अस्पतालों में भी शीघ्र ही यह प्रणाली लागू की जाएगी।
इसके अनुसार रोगियों ने बताया कि पहले उन्हें पर्ची के लिए लंबे समय तक कतार में खड़ा होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था। यह प्रणाली लागू होने से बहुत कम समय में उनका पंजीकरण हो जाता है और जिस चिकित्सक को दिखाना होता है, उनके कमरे के बाहर इंतजार करने के बजाय वे प्रतीक्षा कक्ष में आराम से बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं। एलईडी स्क्रीन पर अपना टोकन नंबर दिखाई देने पर चिकित्सक से परामर्श ले लेते हैं।