राजस्थान पटवारी भर्ती मामले में ऐक्शन, दौसा का सरगना हर्षवर्धन राज्य सेवा से बर्खास्त
राजस्थान सरकार ने पटवारी भर्ती मामले में दौसा के सरगना एवं पटवारी हर्षवर्धन को राज्यसेवा से बर्खास्त कर दिया है। दौसा कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने इस मामले में पटवारी हर्षवर्धन को बर्खास्त किया।

राजस्थान सरकार ने पटवारी भर्ती मामले में दौसा के सरगना एवं पटवारी हर्षवर्धन को राज्यसेवा से बर्खास्त कर दिया है। दौसा कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने इस मामले में पटवारी हर्षवर्धन को बर्खास्त किया।
एसओजी-एटीएस के अतिरिक्त महानिदेशक वी.के. सिंह ने बताया कि एसआई भर्ती परीक्षा में लिप्त 45 सहित 86 राज्यकर्मियों को बर्खास्त एवं सेवा से पृथक किया जा चुका है। सिंह ने बताया कि शेष 189 राज्यकर्मियों के खिलाफ भी विभागीय जांच प्रक्रिया प्रक्रियाधीन हैं।
राज्य सरकार की पेपर लीक मामलों में जीरो टोलरेंस नीति का असर दिखने लगा है और पेपर लीक मामलों में पुलिस और प्रशासन द्वारा लगातार बड़ी कार्यवाही की जा रही है और पेपर लीक मामलों में लिप्त राज्यकर्मियों को बर्खास्त कर सख्त संदेश दिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि हर्षवर्धन को जेईएन भर्ती परीक्षा 2020 में एसआईटी ने नेपाल बॉर्डर से किया था। इससे पहले हर्षवर्धन की पत्नी सरिता मीणा को तत्कालीन भीलवाड़ा कलक्टर नमित मेहता ने बर्खास्त बर्खास्त किया था। सरिता ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में खुद की जगह डमी अभ्यर्थी बैठाकर उत्तीर्ण की थी।
गौरतलब है कि भाजपा के नेता सतीश पूनिया ने बीते दिनों यह दावा किया था कि राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार ने 100 से अधिक भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया है, लेकिन इसमें ना तो कोई पेपर लीक हुआ और न ही इंटरनेट बंद किया गया। पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार के कार्यकाल में 100 से अधिक भर्ती परीक्षाओं के पेपर आयोजित किए गए, लेकिन पेपर लीक की एक भी घटना सामने नहीं आई। भाजपा नेता ने कहा, ''पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में रीट ही नहीं, पटवारी भर्ती, कॉन्स्टेबल भर्ती, जेईएन भर्ती, एसआई भर्ती, लाइब्रेरियन भर्ती, वनरक्षक सहित 19 परीक्षाओं के पेपर लीक हुए। इसका नतीजा यह हुआ कि गहलोत के पाप का दंड राजस्थान की जनता ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर करके दिया।''