प्रादेशिक सेना भर्ती के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, आगरा बुलाकर 24 युवकों से 70 लाख की ठगी, STF ने तीन को दबोचा
फतेहपुर, आगरा और जम्मू-कश्मीर के युवकों को प्रादेशिक सेना में भर्ती का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले एक बड़े गैंग का एसटीएफ ने पर्दाफाश किया है। गैंग ने फर्जी वेबसाइट, झूठे मेडिकल, और फर्ज़ी डॉक्टर्स के ज़रिए युवकों से 1 से 3.60 लाख रुपये तक की ठगी की।

आर्मी इंटेलीजेंस के इनपुट पर एसटीएफ ने टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले बड़े गैंग का खुलासा किया है। गैंग ने जम्मू, सांबा, उधमपुर, पठानकोट से बेरोजगार युवकों को आगरा बुलाया था। यहां इनका फर्जी मेडिकल कराया जाना था। इसके लिए फिरोजाबाद के शिकोहाबाद निवासी फिजियोथेरेपिस्ट को सेना का डॉक्टर बताकर पेश किया गया।
इसकी भनक लगते ही एसटीएफ की आगरा यूनिट ने गैंग के तीन सदस्यों को धर दबोचा। मास्टरमाइंड जम्मू का रहने वाला है। माना जा रहा है कि गैंग अब तक करोड़ों की ठगी कर चुका है। एसटीएफ को आगरा में 24 युवक मिले। पीड़ितों ने एफआईआर पर साइन किए हैं। उन लोगों से ही 70 लाख रुपये ठगे गए हैं।
गैंग ने फर्जीवाड़ा कर बाकायदा प्रादेशिक सेना में भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया था। ठगों ने फर्जी साइट बनाकर इसे वायरल किया। भर्ती का नोटिफिकेशन देख बेरोजगार युवकों ने संपर्क करना शुरू किया। जब युवक जाल में फंस गए तो उन्हें आगरा बुलाया गया। उनसे कहा गया कि मेडिकल परीक्षा होगी। उसमें जो पास हो जाएगा, उसे नियुक्ति पत्र मिल जाएगा। इसकी एवज में खर्चा आएगा। प्रत्येक अभ्यर्थी को सात-सात लाख रुपये खर्च करने होंगे। इतनी रकम कुछ समय के वेतन में ही निकल आएगी। बतौर एडवांस कम से कम एक लाख रुपये देने होंगे। नियुक्ति पत्र देते समय आधी रकम और ज्वाइनिंग के समय पूरी रकम देनी होगी।
आर्मी इंटेलीजेंस लखनऊ इकाई से यह सूचना एसटीएफ आगरा यूनिट को मिली। एसटीएफ के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा और हुकुम सिंह को टीम के साथ आरोपियों की घेराबंदी में लगाया गया। इसके बाद बड़ी सफलता मिली। इसी तरह का मामला पिछले दिनों मैनपुरी के किशनी में सामने आया था, जहां सेना में भर्ती के नाम पर फर्जी ट्रेनिंग सेंटर खोलकर तेलंगाना के युवकों से ठगी गई थी।
आईएसबीटी के पास से पकड़े गए तीनों ठग
एसटीएफ आगरा यूनिट ने आईएसबीटी के पास से एक-एक करके तीन आरोपियों को पकड़ा। उन्होंने पूछताछ में अपने नाम अजय कुमार (मटसेना, फिरोजाबाद), कुलवंत सिंह (रघुनाथपुरा, हरीपुर पाटिल, सांबा जम्मू-कश्मीर) व सुनील कुमार (सांबा) बताए। आरोपित अजय कुमार ने बताया कि वे लोग सांबा निवासी दीपक कुमार के लिए काम करते हैं। जो भी युवक भर्ती के लिए उनसे संपर्क करते हैं, उनसे एडवांस में रकम जरूर ली जाती है। जो युवक रकम लेकर नहीं आते हैं, उनके घर गैंग के सदस्यों को भेजा जाता है। ठगी की रकम ऑनलाइन ली जाती है। दीपक कुमार ही रकम ट्रांसफर कराने के लिए फर्जी खातों का इंतजाम करता है।
फिजिथेरेपिस्ट को बताया आर्मी का डॉक्टर
गिरफ्त में आए आरोपी अजय कुमार ने बताया कि शिकोहाबाद में रंजीत यादव का मानव चिकित्सालय के नाम से क्लीनिक है। उसे सेना का डॉक्टर बताकर वे अभ्यर्थियों को मेडिकल के लिए ले जाते थे। अजय मेडिकल के दौरान अभ्यर्थियों को डरा देता था। कोई न कोई कमी बताकर उनसे अतिरिक्त रुपये ऐंठ लिया करता था। इसकी जानकारी दीपक को नहीं है। उस रकम के दो हिस्से हुआ करते थे।
किससे कितने की ठगी हुई
जम्मू-कश्मीर के जिला सांबा निवासी विनय कुमार से 3.60 लाख, विशाल शर्मा से 3.60 लाख, विनीत कुमार से 3.60 लाख, साहिल अगुराल से 3.60 लाख, पंकज वर्मा से 3.60 लाख, सुनित कुमार से 3.60 लाख, राजेश शर्मा से एक लाख, अश्वनी वर्मा से 3.60 लाख, अजय कुमार से 3.60 लाख, रोहन सिंह से 3.60 लाख, जम्मू निवासी शिव प्रकाश से 3.60 लाख, सांबा निवासी रोहित कुमार से 3.60 लाख, आरएस पुरा अरनिया निवासी दिव्यांशु से एक लाख, उधमपुर निवासी नरेश सिंह से एक लाख, महेंद्र सिंह से एक लाख, सांबा निवासी ललित घोष शर्मा से एक लाख, साहिल कुमार से एक लाख की ठगी हुई है। इसी तरह एसटीएफ के सामने आए 24 युवकों ने अपने साथ हुई ठगी की रकम की जानकारी दी।
होटल में रुकवाए थे 24 युवक
एसटीएफ आगरा यूनिट ने आईएसबीटी के पास से तीन आरोपियों और कुछ पीड़ित युवकों को हिरासत में लिया था। इसकी जानकारी धीरे-धीरे आगरा के विभिन्न होटलों में ठहराए गए अन्य युवकों को हो गई। वे एसटीएफ ऑफिस पहुंच गए। युवकों ने एसटीएफ को बताया कि वो पांच जून से आगरा आए हुए हैं। दूसरी बार यहां आए हैं। पिछली बार उनकी मेडिकल जांच कराई गई थी। इस बार उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाना था। एसटीएफ ने युवकों से कहा कि वे पीड़ित हैं। सभी को मुकदमे में गवाह बनाया जा रहा है।
ठगों के जाल में फंसे, कर्ज तक लेना पड़ा
ठगों के जाल में फंसे युवकों ने बताया कि उन्होंने जैसे-तैसे रकम का इंतजाम किया। घरवालों ने दूसरे काम के लिए रुपये रखे थे। उनकी नौकरी के लिए दे दिए थे। तीन अभ्यर्थियों ने बताया कि उनके पिता ने गांव में कर्ज लेकर रकम दी थी। सोचा था कि बेटे की नौकरी लग जाएगी तो वेतन से कर्ज की किस्त देते रहेंगे। उनके साथ बहुत बुरी बीती है। एसटीएफ ने कहा कि आरोपितों के खाते फ्रीज कराए जा रहे हैं। उनमें रकम होगी तो पीड़ितों को वापस मिलेगी। एसटीएफ ने सभी को खाना खिलवाया। आगरा कैंट स्टेशन तक छोड़ा। पीड़ितों का कहना है कि यह मामला सिर्फ 24 युवकों से ठगी का नहीं है, बल्कि सैकड़ों युवकों से ठगी का निकलेगा। जैसे-जैसे पीड़ितों को पता चलेगा सामने आएंगे।