5 major reasons for Prayagraj mahakumbh stampede on Mauni Amavasya मौनी अमावस्या पर प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के 5 बड़े कारण, कैसे फेल हुआ सिस्टम?, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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मौनी अमावस्या पर प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के 5 बड़े कारण, कैसे फेल हुआ सिस्टम?

  • प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर संगम नोज पर भगदड़ में 30 की मौत हो गई। दरअसल, पुलिस और प्रशासनिक अफसर तैयारी का दावा करते रहे लेकिन जरा सी चूक के कारण हादसा हो गया। कैसे फेल हुआ सिस्टम? आईए जानते हैं प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के 5 बड़े कारण-

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानThu, 30 Jan 2025 05:57 AM
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मौनी अमावस्या पर प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के 5 बड़े कारण, कैसे फेल हुआ सिस्टम?

महाकुंभ के दूसरे और सबसे बड़े पर्व मौनी अमावस्या पर ब्रह्ममुहूर्त से र्पू्व मंगलवार की देर रात लगभग डेढ़ बजे संगम नोज पर भगदड़ मच गई। हादसे में घायल 90 श्रद्धालुओं को अस्पताल भेजा गया। इनमें 30 की मौत हो गई। मृतकों में 25 की शिनाख्त हो सकी है, जबकि पांच अभी अज्ञात हैं। यह जानकारी बुधवार देर शाम हुई प्रेस कांफ्रेंस में डीआईजी वैभव कृष्ण और मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने दी। महाकुंभ के पहले दिन से लेकर अब तक हर दिन आम माघ मेलों के मकर संक्रांति या वसंत पंचमी जैसा माहौल दिखा। इस महाकुंभ में अमृत स्नान के लिए करोड़ों श्रद्धालुओं का प्रयागराज आना लगभग तय था। जब प्रशासन ने आठ से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान खुद ही लगाया था तो उसके इंतजाम व्यापक स्तर पर करने चाहिए थे। पुलिस और प्रशासनिक अफसर तैयारी का दावा करते रहे लेकिन जरा सी चूक के कारण हादसा हो गया। दरअसल, कैसे फेल हुआ सिस्टम?आईए जानते हैं प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के 5 बड़े कारण-

कारण : 1

होल्डिंग एरिया से संगम की ओर भेजे गए लाखों श्रद्धालु

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 84 होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। जिनका इस्तेमाल शायद नहीं किया गया। वहीं काली मार्ग पार्किंग और अन्य स्थानों पर जब श्रद्धालु मंगलवार रात में बैठे थे तो उन्हें रात आठ बजे के बाद ही संगम की ओर भेजना शुरू कर दिया गया। ऐसे में संगम पर रेला रात नौ बजे से उमड़ा जो अमृत स्नान के लिए बैठा रह गया।

कारण : 2

संगम पर निकासी-प्रवेश का वन-वे प्लान हुआ फेल

हर स्नान के लिए वन वे प्लान बनाया गया था। यानी काली सड़क से त्रिवेणी बांध पार कर संगम अपर मार्ग से श्रद्धालु संगम नोज जाएंगे और अक्षयवट मार्ग से त्रिवेणी बांध के रास्ते त्रिवेणी मार्ग से बाहर निकालना था। लेकिन यह प्लानफेल दिखा। अक्षयवट मार्ग बहुत कम लोग गए। संगम अपर मार्ग पर लोगों का आना-जाना बना रहा।

कारण : 3

पांटून पुलों को बंद रखने के कारण बेकाबू हुई भीड़

मेला क्षेत्र में 30 पांटून पलों का निर्माण इसलिए किया गया कि आवागमन सुगम हो। लेकिन 12 से 13 पांटून पुलों को हमेशा बंद रखा गया। ऐसे में झूंसी की ओर से अगर कोई संगम आता है तो कई किलोमीटर उसे चलना होता है। अधिकांश बुजुर्ग यात्री थक जाते हैं जो संगम नोज पर काफी देर बैठ जाते हैं। इससे संगम पर भीड़ जमा होती रही।

कारण : 4

प्रशासन की मनमानी के चलते बिगड़े हालात

महाकुंभ में सड़कों को खूब चौड़ा किया गया, लेकिन उन सड़कों को अधिकांश समय बंद रखा गया। इसके साथ ही प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग कर दी गई। इसके कारण श्रद्धालुओं को लागतार चलना पड़ा। ऐसे में लोग थक गए और संगम किनारे पहुंचकर बैठ गए और फिर बाहर जल्दी नहीं निकलते। यह भी संगम पर भीड़ रहने का कारण बना।

कारण : 5

सेक्टर नंबर 10 में ठहरी सीआईएसएफ की कंपनी

राहत और बचाव कार्य के लिए तमाम बल तैनात रहे। लेकिन सभी को अलग-अलग सेक्टरों में नहीं बसाया गया। सीआईएसएफ की कंपनी को सेक्टर नंबर 10 में ठहराया गया। रात में जब हादसा हुआ और कंपनी को बुलाया गया पर भीड़ में सेक्टर तीन तक आने में काफी समय लग गया। जिससेे स्थित और खराब हुई।किन जरा सी चूक के कारण हादसा हो गया।

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