Administration in shock due to consecutive collapse of two water tanks in Sitapur now technical audit of all tanks लगातार दो पानी टंकी गिरने से सकते में प्रशासन, अब सभी टंकियों का होगा तकनीकी ऑडिट, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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लगातार दो पानी टंकी गिरने से सकते में प्रशासन, अब सभी टंकियों का होगा तकनीकी ऑडिट

सीतापुर में लगातार दो पानी टंकी गिरने से प्रशासन सकते में हैं। अब सभी टंकियों का तकनीकी ऑडिट कराया जाएगा। अभी तक ट्रायल के दौरान 5 पानी की टंकियां क्षतिग्रस्त हुई हैं।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानFri, 30 May 2025 07:41 PM
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लगातार दो पानी टंकी गिरने से सकते में प्रशासन, अब सभी टंकियों का होगा तकनीकी ऑडिट

सीतापुर में एक के बाद पानी की दूसरी टंकी ट्रायल के दौरान धराशायी होने से हड़कंप की स्थिति है। इस मामले में कार्यवाही की जद में जल निगम ग्रामीण के मुख्य अभियंता भी आ सकते हैं। लखीमपुर खीरी में टंकी गिरने के प्रकरण में उनकी भूमिका से शासन पहले ही नाराज था। अब सीतापुर में लगातार दूसरी टंकी गिरने पर भी उनकी कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं सीतापुर की सभी पानी की टंकियों का तकनीकी ऑडिट कराने का फैसला किया गया है। हालांकि आगे यह दायरा बढ़ भी सकता है।

सीतापुर में पानी की टंकी गिरने के मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। करीब दो-ढाई माह के भीतर दूसरी टंकी का ट्रायल के दौरान क्षतिग्रस्त होना कई सवाल खड़े कर रहा है। इस मामले में जल निगम ग्रामीण और निर्माण एजेंसी सहित करीब डेढ़ दर्जन कर्मियों पर गाज गिरी है। जल निगम ग्रामीण के सहायक अभियंता संजीत कुमार यादव और जेई सौरभ सिंह यादव को निलंबित कर दिया गया है। जबकि कार्यवाहक अधिशासी अभियंता राजीव कुमार के खिलाफ अनुशासनिक जांच शुरू कर दी है। इन सभी जांच की जांच मुरादाबाद क्षेत्र के मुख्य अभियंता अरुण कुमार सिंह को सौंपी गई है। वहीं सीतापुर में अब तक बनीं सभी 543 टंकियों की जांच के लिए तकनीकी ऑडिट कराने के आदेश दिए गए हैं। वहां कुल 1320 टंकियां बनाई जानी हैं।

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जल निगम ग्रामीण के चीफ इंजीनियर पर भी कार्यवाही संभव

हालांकि कार्यवाही का दायरा अभी और बढ़ने की संभावना है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इस जद में जल निगम ग्रामीण के मुख्य अभियंता आरबी राम भी आ सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि लखीमपुर खीरी में टंकी गिरने के दौरान उन्हें जांच और एक्सईएन के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे। लेकिन उस मामले में एक्सईएन को सिर्फ अटैच किया गया। बाद में शासन स्तर से उस पर कार्यवाही की गई। अब सीतापुर में पहली टंकी मिलने के बाद भी कोई प्रभावी पहल नहीं की गई। नतीजतन दूसरी टंकी भी क्षतिग्रस्त हो गई। शासन ने चीफ इंजीनियर के रुख को लेकर भी नाराजगी जताई है।

इन जगहों पर गिरीं टंकियां

जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में 16 हजार से अधिक पानी की टंकियां बनाई गई हैं, जिनका सफल परीक्षण भी हो चुका है। इनमें से पांच टंकियां अभी तक ट्रॉयल के दौरान ही धराशायी हो चुकी हैं। इनमें सीतापुर में दो, लखीमपुर खीरी, कानपुर देहात और बलरामपुर में एक-एक टंकी शामिल हैं। इन टंकियों के गिरने में असेंबलिंग के दौरान की लापरवाही सामने आई है। दरअसल फिलहाल जो टंकियां बनाई जा रही हैं यह जिंक एलम तकनीक पर आधारित हैं। सीमेंट की तुलना में इस तकनीक से आधे समय में टंकी का निर्माण हो जाता है और लागत भी एक-डेढ़ फीसदी कम है।

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