अलीगढ़ शराब कांड के बाद यूपी सरकार ने लिया सबक, पूरे प्रदेश में अब टेट्रा पैक में बिकेगी देसी शराब
- चार साल पहले अलीगढ़ में हुए प्रदेश के सबसे बड़े शराब कांड से यूपी सरकार सबक लेते हुए पूरे प्रदेश में टेट्रा पैक में देशी शराब की बिक्री अनिवार्य कर दी है। नई शराब नीति के तहत देशी शराब पूरे प्रदेश में सिर्फ टेट्रा पैक में ही बिकेगी।

चार साल पहले अलीगढ़ में हुए प्रदेश के सबसे बड़े शराब कांड से यूपी सरकार सबक लेते हुए पूरे प्रदेश में टेट्रा पैक में देशी शराब की बिक्री अनिवार्य कर दी है। नई शराब नीति के तहत देशी शराब पूरे प्रदेश में सिर्फ टेट्रा पैक में ही बिकेगी। शासन ने माना है कि इससे देशी शराब में जलापमिश्रण, अवैध शराब की आपूर्ति के मामलों में कमी आएगी।
वर्ष 2021 में अलीगढ़ में जहरीली शराब के सेवन से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। तत्कालीन डीएम चंद्रभूषण सिंह ने आदेश जारी किया था कि अब जिले की किसी भी देशी शराब की दुकान से पुराने स्टॉक की बिक्री नहीं की जाएगी। सभी पुराने स्टॉक को हटाया जाए। देशी शराब की दुकानों से अब सिर्फ टेट्रा पैकिंग वाली शराब की बिक्री की जाएगी। इस पैकिंग की नकल करना व इसके साथ छेड़छाड़ करते हुए मिलावट करना संभव नहीं है। इस पैकिंग के लिए डिस्लरी में जो प्लांट होता है, वह काफी महंगा लगता है। यह प्रस्ताव पूरे प्रदेश में लागू किए जाने के संबंध में शासन से पत्राचार किया गया था। उस समय पूरे प्रधेश में टेट्रा पैक की बिक्री अनिवार्य नहीं की गई थी।
अब प्रदेश सरकार द्वारा नई शराब नीति में मिलावटी और इसके अवैध कारोबार को रोकने के लिए नई व्यवस्था की गई है। अब देशी शराब कांच की शीशी में नहीं सिर्फ टेट्रा पैक में मिलेगी। विभाग का मानना है कि इससे शराब का अवैध कारोबार रुकेगा और कारोबारी देशी शराब अवैध रूप से नहीं बना सकेंगे। टेट्रा पैक के आने से प्लास्टिक, कांच की शीशी की सील तोड़ने या फिर डमी शीशी में मिलावटी शराब बेचने का धंधा बंद हो सकेगा।
शराब में मिलावट का बंद होगा धंधा
शराब कारोबारियों के अनुसार प्रदेश में नई आबकारी नीति लागू होने के कई फायदे होंगे। एक तो मिलावट करने वाले धंधेबाजों की कमर टूटेगी। दूसरा शराब प्लास्टिक शीशी में अब पैक नहीं होगी तो पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को बढ़ावा मिलेगा। शराब पीने के बाद दुकान या आस-पास फेंकी गई शीशियों को जलाने पर निकलने वाले धुएं से पर्यावरण प्रदूषण का खतरा बना रहता था।
अब लाइसेंसी के लिए नॉमिनी किया गया अनिवार्य
नई शराब नीति में कई बदलाव किए गए हैं। जिसमें एक बदलाव दुकान लेने वाले लाइसेंसी के लिए नॉमिनी का नाम दिया जाना अनिवार्य किया गया है। जिस तरह से बैंकों में होता है। दरअसल पूर्व में कई बाद लाइसेंसी की मृत्यु के बाद परिवार से कई लोगों द्वारा दुकान चलाने को लेकर दावे किए जाने के मामले सामने आते रहे हैं। इस वजह से अब नॉमिनी का नाम खोलना अनिवार्य है।
आबकारी विभाग में भी होगा गेस्ट हाउस, मैरिज होम का रजिस्ट्रेशन
नई शराब नीति में एक और बदलाव अकेजनल बार लाइसेंस को लेकर किया गया है। अब सभी होटल, गेस्ट हाउस, मैरिज होम, गेस्ट हाउस को आबकारी विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। विभाग में रजिस्टर्ड को ही अकेजनल बार लाइसेंस जारी होगा।
किस श्रेणी के लिए कितने का फार्म
शराब | नगर निगम | नगर पालिका | नगर पंचायत | ग्राम पंचायत |
---|---|---|---|---|
देशी | 60 हजार | 50 हजार | 45 हजार | 40 हजार |
कंपोजिट दुकान | 85 हजार | 75 हजार | 65 हजार | 55 हजार |
मॉडल शाप | 90 हजार | 80 हजार | 70 हजार | 60 हजार |
भांग | सभी के लिए 25 हजार |
नोट-फार्म फीस वापिस नहीं होगी, लाइसेंस फीस अलग-अलग दुकानों के अनुसार होगी।
तीन चरण में होग लॉटरी
- छह मार्च-प्रथम
- 25 मार्च-द्वितीय
- 08 अप्रैल-तृतीय
जिला आबकारी अधिकारी डीके गुप्ता ने बताया, नई शराब नीति के तहत कंपोजिट दुकानों की संख्या तय की जा रही है। तीन चरणों में ई-लाटरी से दुकानों का आवंटन होगा। अब टेट्रा पैक में ही देशी शराब की बिक्री पूरे प्रदेश में अनिवार्य कर दी गई है।