एनडीए के बाद इंडिया गठबंधन में भी बिखराव, यूपी में पंचायत चुनाव अकेले लड़ेगी कांग्रेस
इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने यूपी में पंचायत चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है। इससे पहले एनडीए में शामिल अपना दल, सुभासपा और निषाद पार्टी ने अकेले पंचायत चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।

भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के बाद अब इंडिया गठबंधन में भी यूपी के पंचायत चुनाव को लेकर बिखराव हो गया है। इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने पंचायत चुनावों में अकेले मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। इससे पहले एनडीए में शामिल अपना दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर पंचायत चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे ने इस संबंध में कहा कि पांच परतों में जिला स्तर का संगठन बनाने की कवायद चल रही है। इसके लिए 15 अगस्त की समय सीमा रखी गई है। इसके बाद पूरी पार्टी पंचायत चुनावों में जुट जाएगी। हम मजबूती से पंचायत चुनाव लड़ेंगे। अविनाश पांडे ने संगठन के भीतर चल रही खींचतान पर कहा कि वह छोटी बात है। हम समाधान निकाल लेंगे।
बीते दिनों दिल्ली के हस्तक्षेप से हो रही नियुक्तियों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने संगठन सृजन की समीक्षा बैठक से किनारा भी कर लिया था। इस मसले पर अविनाश पांडे ने कहा कि उनकी नाराजगी जायज थी। हालांकि पार्टी फोरम पर ऐसा होना सामान्य है। उसे दूर कर लिया जाएगा। हमारा बड़ा लक्ष्य मजबूत संगठन तैयार करना है और हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के बाद हम 2027 में प्रस्तावित विधान सभा चुनावों के लिए सभी 403 सीटों पर तैयारी करेंगे। हम चाहते हैं कि संगठन इतना मजबूत हो कि हम अकेले चुनाव मैदान में उतरने में सक्षम हों।
गठबंधन पर फैसला हाईकमान का
अविनाश पांडे ने कहा कि हमारी तैयारी सभी 403 विधानसभा सीटों पर होगी। हालांकि, राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए गठबंधन पर फैसला हाईकमान लेगा। तैयारियों के बीच सपा-कांग्रेस में खींचतान की बाबत उन्होंने कहा कि जब गठबंधन पर बातचीत होती है तो हमें पुरानी बातें भुलाकर आगे बढ़ना होता है। हम तो चाहते हैं कि सपा भी मजबूत हो और अगर हमें विधानसभा चुनाव साथ में लड़ना हो तो कोई एक दूसरे पर बोझ न लगे। बसपा के साथ गठबंधन के विचार पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की मंशा है। कांग्रेस नहीं बल्कि बसपा ही कांग्रेस से गठबंधन के लिए प्रयास कर रही है।
हमें नीयत पर शक है
जातिगत जनगणना के मसले पर अविनाश पांडे ने कहा कि भले ही भाजपा श्रेय लेने की होड़ में हो, लेकिन सच तो यह है कि हमारे नेता राहुल गांधी ने यह मसला उठाया था और उसके बाद भाजपा को बाध्य होना पड़ा। हालांकि, हमें भाजपा की मंशा पर शक है। राहुल गांधी श्रेय के बजाय पिछड़े तबके को उनका हक देने के हिमायती हैं।