Traffic Jam Crisis in Kagarol Town Business Suffering Bypass Demand Raised बोले आगरा: कागारौल में बाईपास बनने से लौटेगी बाजार की रौनक, Agra Hindi News - Hindustan
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बोले आगरा: कागारौल में बाईपास बनने से लौटेगी बाजार की रौनक

Agra News - कागारौल कस्बे में आगरा-जगनेर मार्ग पर भारी ट्रैफिक जाम की समस्या है। दुकानदारों का कहना है कि जाम के कारण उनकी बिक्री आधी रह गई है। बाइपास की मांग उठाई गई है ताकि जाम से मुक्ति मिल सके और बाजार में...

Newswrap हिन्दुस्तान, आगराWed, 11 June 2025 06:11 PM
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बोले आगरा: कागारौल में बाईपास बनने से लौटेगी बाजार की रौनक

कागारौल कस्बा अति महत्वपूर्ण आगरा-जगनेर मार्ग पर है। सैकड़ों से अधिक दुकानें हैं। यहां की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक जाम की है। सुबह से शाम तक वाहन यहां फंसे रहते हैं। इसके चलते यहां के दुकानदारों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दुकानदारी पर असर पड़ रहा है। आपके अखबार हिन्दुस्तान के बोले आगरा संवाद में दुकानदारों व स्थानीय लोगों ने बाइपास की मांग उठाई। कहा कि जाम के झाम से मुक्ति के बाद ही बाजार में फिर रौनक लौटेगी। कागारौल कस्बे में निजी व डग्गामार वाहन चालकों द्वारा अपने वाहनों को जहां-तहां खड़ा कर दिया जाता है।

ठेल वालों द्वारा भी ठेल-ढकेल सड़क पर दुकानों के सामने खड़ी कर दी जाती है। ये भी दुकानदारों के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं। ग्राहकों को दुकान नहीं दिखती है। बोले आगरा संवाद के दौरान कागारौल कस्बे के दुकानदारों ने बताया कि यहां का बाजार आज का ही नहीं बल्कि अंग्रेजों के समय से ही उन्नत बाजार रहा है। किसी समय में खेरागढ़ और जगनेर समेत आसपास के सभी इलाके के लोग यहां पर अपनी जरूरत का सभी सामान लेने के लिए आते थे। बाजार में काफी रौनक रहती थी। लेकिन जाम की समस्या ने इस बाजार पर इतना असर डाला है कि यहां के दुकानदारों की बिक्री अब आधी भी नहीं रही है। यहां दिन में चार से छह बार जाम लगता है। सहालग के दिनों में तो यहां से वाहन गुजरना मुश्किल हो जाता है। इसके चलते ग्राहक अन्य कस्बों के बाजार की ओर चले जाते हैं। संवाद में बताया गया कि वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करना भी कस्बे में लगने वाले जाम की प्रमुख वजह है। बड़े वाहन खेरागढ़ तिराहे से यू टर्न लेते हैं। जबकि उनको किरावली तिराहे पर यू टर्न लेना चाहिए। यह बात भी सामने आयी कि ग्वालियर व मुंबई से आने वाले वाहन टोल बचाने के लिए कागारौल कस्बे से निकलते हैं। इससे जाम लगता है। कस्बा में जाम की वजह से लोगों का पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है। यहां फुटपाथ पर अतिक्रमण है। टेंपो आदि बेतरतीब तरीके से खड़े होते हैं। दुकानों व रोडवेज बस स्टैंड के आगे डग्गामार वाहन संचालक वाहन खड़े कर उनमे सवारियां भरते हैं। बस स्टैंड के बाहर रोडवेज की बसें भी जाम का बड़ा कारण बनती हैं। परेशान दुकानदारों ने कहा कि रोड पर लगातार हो रहे अतिक्रमण, अवैध डग्गामार वाहनों, ऑटो व निजी वाहन संचालकों की मनमानी पर रोक लगनी चाहिए। प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित हो ताकि बाजार में पहले जैसी रौनक लौटे।

दुकानदारों का दर्द

1. मेरी बाजार में गुप्ता शूज स्टोर नाम से दुकान है। कस्बे में आए-दिन जाम लगे रहने से ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दुकानदारी लगभग आधी रह गई है। कस्बे को सबसे ज्यादा बाईपास की जरूरत है इस दिशा में विचार-विमर्श काफी समय से चल रहा है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। जगदीश गुप्ता

2. कस्बे में आभूषण की दुकान है। जाम की समस्या से हम काफी परेशान हैं। कस्बे में लगभग हर समय जाम लगा रहता है जिसके कारण दुकान पर ग्राहकों को अपनी गाड़ी खड़ी करने के लिए काफी परेशानी होती है। ग्राहक गाड़ी खड़ी करते हैं कि पीछे से दूसरी गाड़ी आ जाती है। जरा देर में ही लंबी लाइन लग जाती है। विशाल सोनी

3. पूरे दिन में बाजार में लगभग दो से तीन बार जाम लगता है। इसका दुकानदारी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जाम के कारण ग्राहक भी कस्बे के बाजार में आने से कतराता है। डॉ सतीश चंद्र अग्रवाल, अध्यक्ष

4. जाम के कारण काफी परेशानी होती है, जिसका सीधा असर दुकानदारी पर पड़ता है। कुछ ऐसा हो कि इस समस्या से छुटकारा मिल सके। हरिओम सिंघल

5. हमारे गांव से कागारौल कस्बे की दूरी मात्र 10 मिनट की है लेकिन कस्बे में जाम का यह आलम है कि कभी-कभी इस दूरी को तय करने में एक से डेढ़ घंटा भी लग जाता है। जाम की समस्या से कस्बे के साथ आसपास के गांव का भी जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मलुआ

6. कागारौल कस्बे में जाम कब लग जाए, इसका कोई पता नहीं होता। यहां एक बार जाम लग जाए तो घंटों तक खुलने का नाम नहीं लेता। इसके बाद शुरू होता है वाहनों का कानफोड़ू शोर। बाजार में बैठना मुश्किल हो जाता है। मनोज सिंघल, दुकानदार

7. ग्वालियर और मुंबई से चलकर दिल्ली पहुंचने वाले बहुत से वाहन टोल बचाने के चक्कर में कागारौल कस्बों से निकलते हैं। बड़े वाहनों के कारण यहां जाम लग जाता है। इसका खामियाजा स्थानीय लोगों को उठाना पड़ता है। विजेंद्र कुशवाहा

8. कस्बा में जाम की भीषण समस्या है। कस्बा में बाइपास रोड बनना चाहिए जिससे जाम से निजात मिल सके। शासन-प्रशासन को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। अशोक रावत जिला पंचायत सदस्य कस्बा के खेरागढ़ मार्ग पर कबाड़े वालों अतिक्रमण कर रखा है। जिससे खेरागढ़ मार्ग से कस्बा में अक्सर जाम लग जाता है। पुलिस-प्रशासन को चाहिए कि कस्बे से कबाड़ का अतिक्रमण हटाएं। अचल रावत विश्व हिंदू परिषद

कस्बा में जाम की समस्या आम हो गई है। कस्बा की सड़कों पर लड़ अतिक्रमण है। सड़क और फुटपाथ अतिक्रमण मुक्त होने चाहिए जिससे कस्बावासियों को जाम से राहत मिल सके। बच्चू सिंह सोलंकी, प्रधानपति

कस्बा में अक्सर लगने वाले जाम के कारण व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। कस्बे में लगने वाले जाम से व्यापार 50% भी नहीं रह गया है। ऐसे ही हालत चलते रहे तो व्यापारियों को आजीविका की पूर्ति के लिए कस्बा से पलायन करना पड़ सकता है। रामसुंदर गुप्ता, व्यापारी

कस्बे में लगने वाले जाम से व्यापारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कस्बा में बाईपास की मांग को लेकर व्यापारियों का प्रतिनिधि मंडल जनप्रतिनिधियों व संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर ज्ञापन देंगे। अविनाश गुप्ता, समाजसेवी

खेरागढ़ तिराहे पर पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगनी चाहिए। तिराहे पर बड़े वाहनों द्वारा यू टर्न लेते समय अक्सर जाम लग जाता है। बड़े वाहन खेरागढ़ तिराहे से यूटर्न ना लेकर किरावली तिराहे से यू टर्न लेकर वापस अपने गंतव्य को पहुंचे। मदन मोहन गोयल, व्यापारी

कस्बा में प्रमुख समस्या जाम की बनी हुई है। कस्बा के अंदर से होकर निकलने वाले ओवरलोड और बड़े वाहनों द्वारा खेरागढ़ तिराहे से यू टर्न लेना कस्बा में अक्सर जाम को बढ़ावा देता है। प्रमोद रावत सहकारी समिति के सरपंच

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