कुंभ में 33 की मौत बताई, आंकड़े 82 के आ गए, अखिलेश यादव ने पूछा- बांटा गया कैश किसका ?
अखिलेश यादव ने सोमवार को पूछा कि कुंभ भगड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को कैश क्यों बांटा गया। आखिरकार यह पैसे किसने दिए जो घर घर बांटे गए। सरकार ने मौतों पर जो मुआवजा तय किया था उसका क्या हुआ? जो कैश दिया जा रहा था, वह कैश किसका था।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कुंभ भगड़ में मारे गए लोगों को लेकर एक बार फिर सोमवार को योगी सरकार पर हमला बोला। अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बगैर कहा कि जो लोग दावा करते थे कि कुंभ में 33 की जान गई, अब तो 82 की मौत के आंकड़े आ गए हैं। अखिलेश ने कहा कि अब भी सरकार कई चीजें छिपा रही है। अभी भी सच्चाई सामने नहीं आई है। अखिलेश ने सवाल किया कि सरकार क्या कर रही थी। कहा कि मुआवजा न देना पड़े इसलिए आंकड़े छिपाए गए।
अखिलेश यादव ने पार्टी की अल्पसंख्यक शाखा के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद यहां पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात कर रहे थे। अखिलेश ने कहा कि मारे गए लोगों के परिजन कुछ दावा न करें, मुआवजा की मांग न करें, इसलिए घर-घर जाकर कैश बांटा गया। पूछा कि आखिरकार यह पैसे किसने दिए जो घर घर बांटे गए। सरकार ने मौतों पर जो मुआवजा तय किया था उसका क्या हुआ? जो कैश दिया जा रहा था, वह कैश किसका था। अगर कैश परिवार को नहीं दिया गया तो वह नगदी वापस किसे मिली? अखिलेश ने कहा कि जो लोग ऐसे पवित्र काम में झूठ बोल सकते हैं, किसी भी काम में झूठ बोल सकते हैं। ऐसे में हमें वोटर लिस्ट को लेकर भी सावधान रहना होगा।
आने वाले समय में सेंसेक्स भी होने जा रहा है। उसे लेकर सावधान रहना होगा। भाजपा के आंकड़ों पर किसी का भरोसा नहीं रह गया है। बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है। इन्होंने रोजगार और नौकरी के सर्टिफिकेट नहीं दिए हैं। दिल्ली और लखनऊ की नीतियों ने बड़े पैमाने पर बेरोजगार बनाने का काम किया है। अगर अपना ही घोषणा पत्र बार-बार पढ़ते तो लाखों का आंकड़ा नहीं करोड़ों का आंकड़ा देते।
सरकार बताए सिपाही भर्ती में पीडीए की संख्या कितनी
रविवार को 60 हज़ार से अधिक सिपाहियों के लिए आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पिछली सपा सरकार पर पुलिस भर्तियों में भाई-भतीजावाद और रिश्वत जैसे आरोप लगाए जाने और अब तक की सबसे बड़ी भर्ती के दावे के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि 'ये आरोप इसलिए लगाते हैं कि इनसे कोई सवाल न पूछे। अगर हम लोग संख्या पूछना चाहें कि इतनी भारी संख्या में भर्ती हुई तो इसमें पीडीए की गिनती क्या है, तो? उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि पीडीए की हकमारी कौन कर रहा है। इस भर्ती में पीडीए की हकमारी किसने की। सिर्फ पीडीए के आंकड़े बता दे सरकार।
अखिलेश ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकार नफरत बढ़ाने का काम कर रही है। बहराइच, संभल आदि स्थानों पर सैयद सालार गाजी मसूद के नाम पर लगने वाले मेलों के लिए प्रशासनिक अनुमति न मिलने की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी जो परंपरागत मिली-जुली संस्कृति है, स्थानीय मेले हैं, उनको जानबूझकर रोका जा रहा है।
उन्होंने मेलों को कारोबार से जोड़ने के साथ ही कहा कि मेला हम लोगों को जोड़ता है और रिश्तों को मजबूत बनाता है। भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि वो कारोबार के खिलाफ लोग हैं, मेले में गरीब कारोबार करता है, मेला गरीब लोगों का होता है और मिलने का स्थान होता है।
उन्होंने कहा कि जो हजारों साल से मेले लग रहे हैं, जहां से एकता का संदेश जाता है, मिलकर रहते हैं लोग और एक दूसरे के प्रति सम्मान बढ़ता है, जोड़ने का मौका मिलता है उसके भी भाजपा खिलाफ है।