अस्पतालों में नहीं जांच की व्यवस्था, मरीज पैथोलॉजी पर निर्भर
Aligarh News - फोटो, -सर्जिकल बाजार से गायब रैपिड किट, मेडिकल स्टोर्स पर भी नहीं उपलब्ध -निजी

फोटो, -सर्जिकल बाजार से गायब रैपिड किट, मेडिकल स्टोर्स पर भी नहीं उपलब्ध -निजी अस्पतालों में वसूले जा रहे दोगुने दाम, इलाज से पहले जांच अनिवार्य अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। कोविड संक्रमण की आहट से एक बार फिर लोगों में चिंता बढ़ गई है। शहर में जांच की सुविधाएं न के बराबर हैं। सरकारी अस्पतालों में एंटीजन किट तक नहीं हैं, जिससे लोग मजबूरन निजी पैथोलॉजी का रुख कर रहे हैं। निजी अस्पताल जांच के नाम पर मरीजों से मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं। इन दिनों वायरल फ्लू भी चल रहा है। तेज बुखार के साथ सर्दी, जुकाम, खांसी, शरीर दर्द के लक्षण हैं।
यही लक्षण कोविड के नए वैरिएंट के भी हैं। जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में कोविड जांच की उचित व्यवस्था नहीं है। एंटीजन किट का अभाव है। आरटीपीसीआर जांच के लिए सीमित विकल्प ही मौजूद हैं। यही नहीं, सर्जिकल बाजार में रैपिड टेस्ट किट भी उपलब्ध नहीं हैं। स्थानीय दवा कारोबारी आमिर आबिद के अनुसार, तीसरी लहर के बाद इन किटों के ऑर्डर बंद कर दिए गए थे। व्यापारियों ने पुराने स्टॉक वापस कर दिए। अब नए ऑर्डर नहीं देना चाहते, क्योंकि यह उत्पाद हमेशा बिकने वाला नहीं है। निजी पैथोलॉजी और अस्पतालों में जांच के लिए भारी शुल्क लिया जा रहा है। जहां पैथोलॉजी पर आरटीपीसीआर जांच की कीमत 900 से 1000 रुपए है, वहीं निजी अस्पतालों में यह दो हजार तक पहुंच रही है। मरीजों के तीमारदार सुविधा शुल्क चुकाने को मजबूर हैं क्योंकि, उन्हें रिपोर्ट जल्द चाहिए और भागदौड़ नहीं करनी होती। शहर की कुछ बड़ी पैथोलॉजी लैब में ही आरटीपीसीआर मशीनें हैं। कई निजी अस्पतालों से मरीजों के नमूने भी इन्हीं लैब में भेजे जा रहे हैं। निजी अस्पताल अब सर्जरी से पहले हर मरीज की एंटीजन जांच करा रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही ऑपरेशन होता है। .......... दवाओं का भी प्रोटोकॉल नहीं दवाओं को लेकर भी स्थिति अस्पष्ट है। पहले व दूसरी लहर के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन और एनसीएमआर की गाइडलाइन पर आधारित दवाइयों का प्रोटोकॉल लागू था, लेकिन इस बार कोई तयशुदा दवा प्रोटोकॉल नहीं है। डॉक्टर मरीज के लक्षणों के आधार पर दवाइयां दे रहे हैं। ..... 24,653 लोग हुए थे संक्रमित कोविड-19 महामारी के दौरान अलीगढ़ उत्तर प्रदेश के प्रमुख प्रभावित जिलों में शामिल था। वर्ष 2020 से 2022 के बीच जिले में हजारों मामले सामने आए थे। फिर अप्रैल, 23 में तीन मामले सामने आए थे। तीसरी लहर तक कुल 24,653 लोग संक्रमित मिले थे। तब जेएन मेडिकल कॉलेज और दीनदयाल अस्पताल जैसे संस्थानों को कोविड-डेडिकेटेड सेंटर में तब्दील कर दिया गया था। 42.92 लाख टीके लगाए गए। 27.35 लाख लाभार्थियों को पहला टीका व 15.42 लाख को दोनों टीके लग चुके थे। 14 हजार 265 लोगों ने प्रिकाशन डोज भी ले ली थी। ..... कोरोना से बचाव के उपाय -मास्क या रूमाल से चेहरा ढकें। -हाथ बार-बार सैनिटाइज करें। -दो गज की दूरी बनाए रखें। -भीड़भाड़ से बचें। -बाहर से लौटकर साबुन से हाथ धोएं। -एटीएम या बायोमेट्रिक का प्रयोग करने के बाद हाथ सैनिटाइज करें। ............... वर्जन ... एंटीजन किट से हुई जांच में युवक संक्रमित मिला है। आरटीपीसीआर जांच होनी है। युवक की हालत सामान्य है। मंडल की सभी चिकित्सा इकाइयों में सतर्कता बढ़ाने व संदिग्ध मरीजों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। डॉ. राजेश कटियार, एडी हेल्थ
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