सुखमा को ट्रांसफर सफाई कर्मियों का निगम से जारी हुआ वेतन, जांच बैठी
Aligarh News - सुखमा कंपनी के स्थाई और संविदा सफाई कर्मचारियों का नगर निगम से चार माह का वेतन जारी किया गया। नगर आयुक्त ने मामले की जांच शुरू की और चार सफाई निरीक्षकों का वेतन रोक दिया। स्वास्थ्य विभाग सत्यापन कर...

सुखमा को हस्तांतरित किए स्थाई व संविदा कर्मचारियों का चार माह वेतन जारी किया गया नगर आयुक्त ने मामले को पकड़ा तो सत्यापन करने वाले चारों इंस्पेक्टरों का वेतन रोका मामले में सत्यापन का आधार मांगा गया और स्वास्थ्य विभाग कर रहा है जांच अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता आधे शहर की सफाई का ठेका लेने वाली सुखमा कंपनी को लेकर रोजाना नए मामले सामने आ रहे हैं। अब मामला वेतन को लेकर प्रकाश में आया है। नगर निगम से सुखमा कंपनी को हस्तांतरित हुए स्थाई व संविदा सफाई कर्मियों का नगर निगम से वेतन जारी कर दिया गया। काम वह सुखमा में कर रहे थे और वेतन नगर निगम दे रहा था।
जनवरी व अप्रैल तक के वेतन का मामला है। नगर आयुक्त ने मामले को पकड़ा तो चार सफाई इंस्पेक्टरों का वेतन रोक दिया और सत्यापन का आधार मांगा है। जांच बैठा दी गई है। सुखमा को जोन-2 और जोन-4 के 45 वार्डों में सफाई का टोटल जिम्मा दिया गया है। बाकी जोन-1 व जोन-3 के 45 वार्डों में नगर निगम सफाई करा रहा है। सुखमा कंपनी को हस्तांतरित किए गए स्थायी व संविदा कर्मचारियों का जनवरी से अप्रैल तक का वेतन व मानदेय नगर निगम से जारी कर दिया गया। चर्चा तो यह भी है कि कुछ कर्मचारियों ने कंपनी से भी भुगतान ले लिया। कर्मचारियों के वेतन व कंपनी का बिल को प्रमाणित करने वाले चार सफाई निरीक्षकों पर कार्रवाई की गई है। उनके मई के वेतन पर रोक लगा दी गई है। सफाई निरीक्षकों ने किस आधार पर बिल को प्रमाणित किया? नगर आयुक्त ने साक्ष्य मांगे हैं। वार्डों में 60 से 70 प्रतिशत तक सफाई होने की रिपोर्ट इंस्पेक्टरों ने दी है। भुगतान के बिल सफाई निरीक्षक डा. रामजीलाल राजपूत, विजय आसोल, योगेंद्र यादव व प्रकाश सिंह ने प्रमाणित किए थे। जनवरी में लगभग 1.62 करोड़ व फरवरी में 1.97 करोड़ रुपये जारी हुए हैं। जनवरी से सुखमा काम कर रही नगर निगम के 10 सुपरवाइजर समेत कुल 469 संविदा व स्थायी कर्मचारी सुखमा के पास स्थानांतरित किए गए थे। कंपनी को 600 आउटसोर्स के कर्मचारी भी पहले दिए जा चुके हैं। जोन दो व चार में काम करने वाले स्थायी व संविदा कर्मचारियों को जोन एक व तीन में आना था। लेकिन वह जोन दो व चार में काम करते रह गए। जोन दो व चार का काम सुखमा कर रही है। ऐसे में वेतन सुखमा को देना चाहिए था, लेकिन वेतन निगम से जारी हुआ। बोले अधिकारी मामला नगर आयुक्त के संज्ञान में आया है, जिसमें चारों इंस्पेक्टरों का वेतन रोका गया है। कितने कर्मचारियों को वेतन जारी हुआ है इसकी विस्तृत जांच चल रही है। चारों सफाई निरीक्षकों से साक्ष्य मांगे गए हैं। मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। जो भी दोषी मिलेगा कार्रवाई की जाएगी। डा. मुकेश कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी।
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