बोले अम्बेडकरनगर-स्टेशन पर अंडरपास न होने से महिलाओं, बुजुर्गों को दिक्कत
Ambedkar-nagar News - अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर प्रति दिन 2500 यात्री यात्रा करते हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं की कमी है। पानी की समस्या, शौचालयों की सफाई, और बेंच की कमी यात्रियों के लिए बड़ी दिक्कतें बन गई हैं। यात्री...

अम्बेडकरनगर। लखनऊ वाराणसी रेल मार्ग पर स्थित अकबरपुर रेलवे स्टेशन से होकर प्रतिदिन लगभग 11 जोड़ी ट्रेन गुजरती है। ढाई हजार लोग प्रतिदिन यात्रा यहां से करते हैं। करोड़ों रुपये खर्च कर अकबरपुर रेलवे स्टेशन को नया लुक तो दे दिया गया है, लेकिन अभी भी तमाम मूलभूत समस्याएं बनी हुई हैं। सबसे अधिक दिक्कत पेयजल की है। पर्याप्त संख्या में वॉटर कूलर न होने से यात्रियों को प्यास बुझाने के लिए ठंडे पानी की बोतल का सहारा लेना पड़ता है। फुट ओवरब्रिज तो है, लेकिन अंडरपास नहीं है। इससे सबसे अधिक दिक्कत दिव्यांगों, बुजुर्गों, महिलाओं व बीमारों को होती है।
शौचालय की बेहतर साफ सफाई नहीं होती है, तो प्लेटफार्म नंबर दो पर यात्री शेड की संख्या कम है। उसमें लगे पंखे भी नाममात्र के हैं। यात्रियों के बैठने के लिए पर्याप्त संख्या में बेंच नहीं है। साफ सफाई व्यवस्था तो बेहतर है, लेकिन वॉटर सप्लाई के लिए स्थापित ओवरहेड टेंक के निकट गंदगी का अंबार लगा हुआ है। यात्री सुविधा बढ़ाए जाने की मांग अक्सर होती है, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। धार्मिक नगरी अयोध्या व काशी के बीच स्थित अकबरपुर रेलवे स्टेशन का बीते दिनों करोड़ों रुपये खर्च कर कायाकल्प तो कर दिया गया, लेकिन यात्री सुविधाओं का ज्यादा ख्याल नहीं रखा गया। एक प्लेटफार्म से दूसरे पर जाने के लिए फुट ओवरब्रिज का निर्माण तो है, लेकिन अंडर पास का निर्माण नहीं है। नतीजा यह है कि सबसे अधिक दिक्कत महिलाओं व बुजुर्गों को होती है। दिव्यांगों को तो कभी कभी उनके साथ आने वाले लोग गोदी में उठाकर एक से दूसरे प्लेटफार्म पर ले जाते हैं। अकबरपुर रेलवे स्टेशन से होकर प्रतिदिन लगभग 11 जोड़ी ट्रेन गुजरती है। प्रतिदिन लगभग 2500 हजार लोग अकबरपुर रेलवे स्टेशन पहुंचकर गंतव्य तक जाने के लिए ट्रेन पर सवार होते हैं। इसमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग व दिव्यांग यात्री शामिल होते हैं। प्लेटफार्म एक से दो व तीन पर जाने के लिए लंबा फुट ओवरब्रिज बना है, लेकिन अंडरपास का निर्माण नहीं है। नतीजा यह है कि दिव्यांगों, बुजुर्गों, महिलाओं व मरीजों को सबसे अधिक दिक्कत का सामना पड़ता है। इसके अलावा आरक्षित कोच की जानकारी के लिए इलेक्ट्रानिक डिस्पले बोर्ड नहीं लगा है। इससे यात्रियों को इस बात की जानकारी नहीं हो पाती है कि संबंधित कोच कहां लगेगी। प्रतीक्षालय तो हैं, लेकिन वह अक्सर बंद ही रहता है। इससे इसका बेहतर तरीके से लाभ यात्रियों को नहीं मिलता है। सामाजिक कार्यकर्ता अनंतराम वर्मा कहते हैं कि यात्रियों के हित को देखते हुए अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर मूलभूत सुविधाएं बेहतर किए जाने की आवश्यकता है। जिम्मेदारों को इस संबंध में गंभीरता दिखानी चाहिए। भीषण गर्मी में पेयजल समस्या, दुकानदारों की बल्ले-बल्ले:भीषण गर्मी के बीच अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर पेयजल की बड़ी समस्या है। प्लेटफार्म एक पर दो वॉटर कूलर तो लगे हैं, लेकिन इसमें एक लंबे समय से खराब है। इसी प्रकार से प्लेटफार्म दो पर वॉटर कूलर लगा है, लेकिन वह भी अक्सर खराब ही रहता है। इसके अलावा हैंडपंप की पर्याप्त संख्या भी नहीं है। नतीजा यह है कि ठंडी बोतल की बिक्री करने वाले दुकानदारों की बल्ले बल्ले है। अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर जैसे ही ट्रेन रुकती है, प्यास बुझाने के लिए यात्री ट्रेन से उतरकर वॉटर कूलर की तलाश करते हैं। हालांकि उन्हें तब मायूसी हाथ लगती है, जब उन्हें मिलता है कि वॉटर कूलर खराब है। इसके अलावा हैंडपंप भी बेहतर तरीके से काम नहीं कर रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत प्लेटफार्म दो व तीन पर है। इन प्लेटफार्म पर यात्रियों को पानी के लिए इधर उधर की दौड़ लगानी पड़ती है। इसका पूरा लाभ ठंडे पानी की बोतल की बिक्री करने वाले दुकानदार उठा रहे हैं। ठंडे पानी की बोतल की बिक्री करने वाले दुकानदार रमेश कुमार कहते हैं कि सामान्य दिनों में दिनभर में लगभग 100 बोतल बिक्री होती थी, लेकिन मौजूदा समय में औसतन 250 बोतल की बिक्री हो रही है। यात्री महेश व संतोष ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जिम्मेदारों को चाहिए कि यात्रियों के हित को देखते हुए प्रत्येक प्लेटफार्म पर कम से तीन तीन वॉटर कूलर स्थापित कराएं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि सभी वॉटर कूलर बेहतर तरीके से काम करें। बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं, खड़े होकर करना पड़ता है इंतजार:लखनऊ वाराणसी रेल मार्ग पर प्रमुख स्थान रखने वाले अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के बैठने तक की समुचित व्यवस्था नहीं है। शेड के अलावा खुले में भी बेंच हैं, लेकिन उनकी संख्या यात्रियों की संख्या की तुलना में कम हैं। नतीजा यह है कि भीड़ बढ़ने की दशा में यात्रियों को खड़े होकर ही ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है। बेंच की संख्या कम होने का सबसे अधिक खामियाजा महिलाओं व बुजुर्गों को भुगतना पड़ता है। वैसे तो यात्री शेड के नीचे बेंच हैं और इसके अलावा खुले में भी बेंच स्थापित हैं, लेकिन पर्याप्त संख्या में बेंच नहीं हैं। प्लेटफार्म एक पर तो फिर भी बेंच की संख्या ठीकठाक है, लेकिन दो व तीन पर इनकी संख्या काफी कम है। ऐसे में ज्यादातर यात्रियों को खड़े होकर ही ट्रेन का इंतजार करने को मजबूर होना पड़ता है। रागिनी व शीला ने कहा कि न सिर्फ शेड की संख्या बल्कि बेंच की संख्या बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। कब तक खड़े होकर ट्रेन का इंतजार करें। बुजुर्ग जीवंत कहते हैं कि बेंच की संख्या कम होने के चलते उन्हें बैठने को नहीं मिला। मजबूर होकर भूमि पर ही गमछा बिछाकर बैठे हैं। जिम्मेदारों को इस तरफ गंभीरता दिखानी चाहिए। यात्री शेड की कमीं यात्रियों पर पड़ रही भारी:अकबरपुर रेलवे स्टेशन को करोड़ों रुपये खर्च कर नया लुक तो दे दिया गया, लेकिन यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने की सुध नहीं। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि समुचित संख्या में यात्री शेड नहीं है। इसके अलावा जो यात्री शेड हैं, उसमें लगे पंखों की संख्या काफी कम है। इससे मौजूदा समय में भीषण गर्मी के बीच यात्रियों को ट्रेन का इंतजार करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। अकबरपुर रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्री गंतव्य तक जाने के लिए अकबरपुर रेलवे स्टेशन पहुंचते हैं। इन सबके बाद भी यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने की सुध नहीं है। मौजूदा समय में भीषण गर्मी का प्रकोप है। ऐसे में यात्रियों के लिए शेड की अत्यंत आवश्यकता है। यात्री शेड का आलम यह है कि प्लेटफार्म एक पर तीन, जबकि दो पर एक यात्री शेड है। ऐसे में यात्रियों को ट्रेन के आने का इंतजार करने में कई प्रकार की दिक्कत का सामना पड़ता है। कभी कभी तो जब भीड़ बढ़ जाती है, तो धूप में खड़े होने को मजबूर होना पड़ता है। यात्री शेड वृद्धि की मांग लंबे समय से जिम्मेदारों से की जा रही है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर मिले राहुल व अनुराग ने कहा कि आसमान से आग बरस रही है। यात्री शेड के साथ ही उसमें लगे पंखों की संख्या भी काफी कम है। इससे यात्रियों को भीषण गर्मी में दिक्कत उठानी पड़ रही है। शौचालय की बढ़े संख्या, तो यात्रियों को मिले लाभ:अकबरपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर एक शौचालय तो है, लेकिन उसकी बेहतर तरीके से देखभाल न होने से यात्रियों को समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। नियमित साफ सफाई न होने से शौचालय में गंदगी व्याप्त रहती है। इससे सबसे अधिक मुश्किल महिलाओं को होती है। इसकी शिकायत कई बार जिम्मेदारों से की भी गई, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म एक पर स्थित शौचालय का समुचित लाभ यात्रियों को नहीं मिल रहा है। कारण यह कि नियमित रूप से साफ सफाई नहीं होती है। ऐसे में सभी शौचालय में गंदगी रहती है। ऐसे में यात्री इसका प्रयोग नहीं कर पाते हैं। सबसे अधिक दिक्कत महिलाओं को होती है। वहीं प्लेटफार्म नंबर दो पर शौचालय नहीं है। अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर मिलीं रेखा, सविता व गुंजन ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि रेलवे स्टेशन का जीर्णोद्धार तो कर दिया गया, लेकिन शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। जिम्मेदारों को इस संबंध में गंभीरता दिखानी चाहिए। कम से कम दो दो शौचालय प्रत्येक प्लेटफार्म पर स्थापित किया जाए। इनकी नियमित रूप से साफ सफाई भी कराई जाए। हमारी भी सुनिए- अकबरपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर यात्री शेड कम होने से यात्रियों को इस गर्मी में खासी मुश्किलें होती है। यदि प्लेटफार्म नंबर दो पर दो यात्री शेड और बनवा दिए जाएं तो यात्रियों को गर्मी, बारिश से राहत होगी। इस पर जिम्मेदारों को ध्यान देना होगा। गीता देवी स्टेशन पर पानी की समस्या है। हालांकि प्लेटफाम नंबर एक पर दो वॉटर कूलर लगे हैं, लेकिन एक का ही लाभ यात्री उठा पाते हैं। प्लेटफार्म नंबर दो पर एक वॉटर कूलर है, जिससे यात्रियों की संख्या बढ़ने पर पानी के लिए आपाधापी का माहौल बन जाता है। शालू स्टेशन पर अंडर पास न होने से बुजुर्गों व महिलाओं को खासी मुश्किलें होती हैं। ओवरब्रिज से चढ़कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक जाने में खासी मुश्किलें होती है। ऐसे में यहां अंडरपास का निर्माण करवा दिया जाए तो खासी राहत मिलेगी। सबा प्लेटफार्म नंबर एक पर जो शौचालय है, उसकी सफाई व्यवस्था बेपटरी रहती है। इससे ज्यादातर यात्री उसमें जाने से कतराते हैं। सबसे ज्यादा मुश्किल महिलाओं को होती है। वहीं प्लेटफार्म नंबर दो पर शौचालय ही नहीं है। जिम्मेदारों को इस पर ध्यान देना होगा। निशा प्लेटफार्मों पर डिस्पले बोर्ड नहीं लगाया गया है। इससे कोच की स्थिति को लेकर यात्रियों में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। ट्रेन आने पर उन्हें संबंधित कोच में बैठने के लिए भागदौड़ करनी पड़ती है। महिला यात्रियों को इस दौरान काफी मुश्किल होती है। मीना प्लेटफार्म नंबर एक पर पानी की टोटियां तो लगी हैं, लेकिन उसमें ज्यादातर टोटी खराब पड़ी है। इससे लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाता। यात्री जब ट्रेन रुकने पर पानी लेने पहुंचते हैं तो उन्हें निराशा हाथ लगती है। ऐसे में खराब पड़ी टोटियों को दुरुस्त कराया जाए। धीरेंद्र रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की जरूरत है। यदि यहां स्वचालित सीढ़ी लगवा दिया जाए तो महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक जाने में काफी सुविधा होगी। अभी तो लोग ओवरब्रिज से होकर आते जाते हैं। रवींद्र स्टेशन परिसर में लगी टोटियों से गर्म पानी आता है। इससे लोगों को प्यास बुझाने के लिए वॉटर कूलर का सहारा लेना पड़ता है या फिर पानी की ठंडी बोतल खरीदनी पड़ती है। इससे यात्रियों को मुश्किल होती है। टोटियों में शीतल जल की आपूर्ति कराई जाए। रामकेश प्लेटफार्म नंबर दो पर ट्रेन का इंतजार करने वाले यात्रियों के लिए छांव का अभाव है। इसके चलते ज्यादातर यात्री प्लेटफार्म नंबर एक पर ही बैठे रहते हैं। जब ट्रेन आने को होती है, तब वे प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंुचते हैं। यात्री प्लेटफार्म नंबर दो पर छांव की बेहतर व्यवस्था की जाए तो सहूलित होगी। हरिकेश कई ट्रेनों का ठहराव अभी भी अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर नहीं होता। इससे यात्रियों को संबंधित ट्रेन पकड़ने के लिए अयोध्या तक की दौड़ लगानी पड़ती है। यहां से गुजरने वाली सभी ट्रेनों का ठहराव यदि स्टेशन पर होने लगे तो यात्रियों को भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। राम अजोर यात्री प्रतीक्षालय की संख्या और बढ़ाए जाने की जरूरत है। इससे यात्री कई मुश्किलों से बच सकते हैं। खासकर महिला व बुुजुर्ग यात्रियों को आराम करने में सुविधा होगी। जिम्मेदारों को यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण कराना चाहिए। सैयद रजा अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं को और बढ़ाने की जरूरत है। शौचालय, यात्री शेड व कोच डिस्पले की सुविधा बढ़ने से यात्रियों की ज्यादातर समस्या समाप्त हो जाएंगी। सुविधाएं बढ़ेंगी तो यात्रियों को राहत मिलेगी। जिम्मेदारों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। सूरज बोले जिम्मेदार- 'रेल यात्रियों को सभी प्रकार की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। पेयजल, प्रकाश, साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शेड की संख्या में भी वृद्धि का प्रस्ताव है। ट्रेन की स्थिति के बारे में यात्रियों को समय पर जानकारी दे दी जाती है। यदि कोई शिकायत सामने आती है, तो उसे प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाता है।' विनोद कुमार, स्टेशन अधीक्षक, अकबरपुर रेलवे स्टेशन
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