Devar Sentenced to Life for 12-Year-Old Murder of Sister-in-Law in India कोर्ट से : फावड़े से वार कर भाभी की हत्या करने में देवर को उम्रकैद, 50 हजार जुर्माना , Amroha Hindi News - Hindustan
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कोर्ट से : फावड़े से वार कर भाभी की हत्या करने में देवर को उम्रकैद, 50 हजार जुर्माना

Amroha News - अमरोहा, संवाददाता। बहकावे में आकर फावड़े से वार कर भाभी को मौत के घाट उतारने की 12 साल पुरानी वारदात में अदालत ने देवर को उम्रकैद की सजा सुनाई। दोषी प

Newswrap हिन्दुस्तान, अमरोहाWed, 18 June 2025 05:12 AM
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कोर्ट से : फावड़े से वार कर भाभी की हत्या करने में देवर को उम्रकैद, 50 हजार जुर्माना

बहकावे में आकर फावड़े से वार कर भाभी को मौत के घाट उतारने की 12 साल पुरानी वारदात में अदालत ने देवर को उम्रकैद की सजा सुनाई। दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। चर्चित हत्याकांड में पति और तांत्रिक समेत चार दोषियों को साल 2017 में उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। गिरफ्तारी के बाद से ही दोषी देवर जेल में था। तमाम प्रयास के बाद भी उसे जमानत नहीं मिल सकी थी। हत्याकांड 13 जून 2013 को अंजाम दिया गया था। दरअसल, हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला लाल बाग बंजारन कुआं निवासी अब्दुल जब्बार ने बेटी नसीमा उर्फ मुनिया का निकाह मोहल्ले के ही निवासी यामीन के साथ किया था।

निकाह के बाद यामीन और नसीमा मोहल्ला मुबारिकपुर में किराए के घर में रहते थे। वारदात वाले दिन दोपहर में 12 बजे मोहल्ला लाल बाग के रहने वाले तांत्रिक हयात ने कोई बात बताकर पति यामीन के अलावा परिवार के अली जान उर्फ मलुवा, खालिद, खलील को भड़का दिया था। बहकावे में आकर देवर इरशाद ने फावड़े से वार कर भाभी नसीमा को मौत के घाट उतार दिया था। मामले में मृतक नसीमा के चाचा गफ्फार की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। बाद में पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर चालान कर दिया था। इस दौरान इरशाद ने खुद को नाबालिग बताते हुए वकील के जरिए अदालत में दस्तावेज उपलब्ध कराए थे। लिहाजा, इरशाद की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई थी। मामले में 17 जुलाई 2017 को अदालत ने तांत्रिक हयात, पति यामीन, अलीजान व खलील को दोषी करार दिया था। चारों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। लेकिन बाद में किशोर न्याय बोर्ड ने इरशाद को नाबालिग मानने से इनकार कर दिया था। जिसके चलते इरशाद की अपील खारिज हो गई थी। फिलहाल हत्याकांड की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश विशेष पॉक्सो एक्ट द्वितीय अरविंद कुमार शुक्ला की अदालत में चल रही थी। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नितिन बंसल ने की। मंगलवार को अदालत में मुकदमे की अंतिम सुनवाई हुई। पत्रावली के अवलोकन व साक्ष्य के आधार पर अदालत ने इरशाद को दोषी करार दिया। उम्रकैद की सजा सुनाई तथा 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

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