महिला सिपाही की लव मैरिज से बौखलाई पंचायत, हुक्का-पानी बंद करने का फरमान, 20 लाख जुर्माना भी लगाया
झांसी महिला सिपाही द्वारा दरोगा से अंतरजातीय विवाह करने पर पंच नाराज हो गए। उन्होंने पंचायत में तुगलकी फरमान सुनाया और लड़की के मां-बाप का हुक्का-पानी बंद कर दिया। यही नहीं गांव आने पर बेटी को जूते से मारने ओर परिजनों से किसी के बात करने पर 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया।

यूपी के झांसी एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां टोडीफतेहपुर के गांव बचेरा की महिला सिपाही द्वारा दरोगा से अंतरजातीय विवाह करने पर पंच नाराज हो गए। उन्होंने पंचायत में तुगलकी फरमान सुनाया और लड़की के मां-बाप का हुक्का-पानी बंद कर दिया। यही नहीं गांव आने पर बेटी को जूते से मारने ओर परिजनों से किसी के बात करने पर 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया। पुलिस ने प्रधान पिता समेत तीन पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
गांव बछेरा निवासी चिरंजी लाल यादव की बेटी उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग लखनऊ में सिपाही के पद पर तैनात है। उसकी छुटपन से ही पटेल समाज के एक युवक से दोस्ती थी। मौजूद समय में युवक भी यूपी पुलिस विभाग में दरोगा है। काफी दिनों तक चली और नजदीक आ गई। दोनों के माता-पिता ने आपस बातचीत कर शादी के हामी भर दी। गुजरी 30 अप्रैल को दोनों एक-दूसरे हो गए और शादी कर ली है। बस, यही बात गांव बचेरा में पंचायत को खल गई। गांव के लड़की पक्ष के समाज के लोग खफा हो गए। गई, 13 मई को पंचायत बुलाई गई और उसमें सिपाही और दरोगा की अंतरजातीय शादी का पंचायत का अपमान माना गया।
फरमान दिया गया कि लड़की पक्ष को 20 लाख रुपए जुर्माना देना होगा। उनका हुक्का-पानी कर बंद रहेगा। पंचायत ने यह भी कहा कि गांव का कोई भी व्यक्ति चिरंजीलाल के परिवार से किसी तरह का लेन-देन नहीं करेगा। कोई बोलता है कि फिर पंच की बात नहीं मानता तो वह भी सजा का भागीदार होगा। पंचायत के फैसले खिलाफत पर 50,000 रुपए जुर्माना देना होगा। चिरंजीलाल ने आरोप लगाया कि वह व उसकी पत्नी शिकायत लेकर टोडीफतेहपुर थाने गए थे। लेकिन, वहां उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उसे वहां से भगा दिया। गुजरे सोमवार यानी 9 जून चिरंजीलाल परिवार के साथ तहसील गरौठा में लगाए गए समाधान दिवस पर फरियाद सुनाने पहुंचे। आला अधिकारियों के समक्ष शिकायती पत्र दिया। जांच के बाद पुलिस को मामला दर्ज कर जांच के निर्देश दिए गए। तब कहीं जाकर मामला दर्ज हो सका। थाना पुलिस के अनुसान तीन लोगों पर नामजद केस दर्ज कर जांच शुरू की गई है।
बेटी-दामाद खुश, हमें सुनाया फरमान
चिरंजीलाल और उनकी पत्नी सहित अन्य परिजनों ने बताया कि छुटपन से ही बेटी और लड़का एक-दूसरे को जानते-समझते थे। दोनों शादी के बाद बेहद खुश हैं। अपनी नौकरी कर रहे हैं और खुशी से बाहर रहते हैं। लेकिन, यहां हम लोगों को पंचायत ने फैसला है। इसके बाद दिन का आराम, रात की नींद उड़ गई है। 20 लाख रुपए कहां से भरेगा।
धंध हुआ चौपट, हलक नहीं उतर रहा रोटी-पानी
पीड़ित परिवार ने बताया कि जबसे पंचायत ने फैसला सुनाया है। रोटी-पानी हलक से नहीं उतर रहा है। पूरा दूध का धंधा चौपट हो गया है। वह भैंस पाले हुए हैं। दूध बेचकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। इसके बाद आसपास के लोग भी बात नहीं कर रहे हैं। वह अगर बात करने की कोशिश करते हैं तो लोग दूर भाग जाते हैं। रास्ता बदल देते हैं। सबसे बड़ी समस्या उनके धंधे पानी को लेकर हो रही है। दूध ऐसे ही रखा रहता है। कोई खरीदने वाला नहीं है। हम विरादरी तो दूर गैर विरादरी के लोग भी किनारा कर रहे हैं।
परेशान होकर पहुंचे थे थाने
पीड़ित परिवार ने बताया कि इन लोगों न शादी तो अप्रैल महीने में की थी। लेकिन, मई में पंचायत ने फैसला सुनाया। जब वह हर तरफ से हारने लगे तो थाने शिकायत करने पहुंचे। लेकिन, वह भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इस बीच दूध का धंधा पूरी तरह जवाब देने लगा। इसके बाद समाधान दिवस में शिकायत की। तब कहीं जाकर रिपोर्ट दर्ज हो सकी।
कहां से देंगे 20 लाख और ब्याज
एक तरफ बेटी-दामाद शादी करके खुश हैं। लेकिन, पता नहीं था कि गांव मे इतनी बड़ी मुसीबत सामने आएगी। सिपाही बेटी के माता-पिता ने बताया कि पंचायत ने जो फैसला सुनाया है। उसे वह कभी पूरा नहीं कर कते। परिवार पर पंचायत के बाद 20 लाख का जुर्माना लगाया गया है। साथ में यह भी कहा गया कि जब तक अदा नहीं करते तब तब 3 रुपए के हिसाब से हर महीने ब्याज भी देना होगा। जब धंधा नहीं बचा। रोजी-रोटी की व्यवस्था नहीं बची तो कहां से पैसा देंगे और ब्याज।