पैराशूट में आई गड़बड़ी, पैराट्रूपर की मौत, दो महीने में दूसरी, छह साल में 6 की जान गई
आगरा में शनिवार को एक और पैराट्रूपर की पैराशूट में आई गड़बड़ी के कारण मौत हो गई। हादसे का शिकार हुए रामकुमार मिलिट्री स्कूल में प्रशिक्षक भी थे। उनके पास सैकड़ों छलांग का अनुभव था। इसके बाद भी खुद को हादसे का शिकार होने से नहीं बचा सके।

पैराशूट में आई गड़बड़ी के कारण आगरा में फिर एक बाद हादसा हुआ है। एयरक्राफ्ट से छलांग लगाने वाले पैराट्रूपर की मौत हो गई है। एक महीने पहले भी इसी तरह एक पैराट्रूपर की जान चली गई थी। तब पैराशूट नहीं खुलने के कारण हादसा हुआ था। अकेले आगरा में छह साल में छह पैराट्रूपर की इस तरह के हादसों के कारण मौत हो चुकी है। 41 वर्षीय रामकुमार तिवारी अन्य पैराट्रूपर के साथ आगरा के जंपिंग ग्राउंड पर कूदे थे। इसी दौरान उनका पैराशूट खुला लेकिन कुछ गड़बड़ी से हार्ड लैंडिंग हुई। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। साथी जवानों ने उन्हें मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनकी मौत हो गई। एसएनएमसी में उनका पोस्टमार्टम कराया गया। वे वायु सेना की आकाश गंगा टीम में शामिल थे।
रामकुमार तिवारी मूल रूप से गांव बेलाहा पोस्ट लालगंज जिला प्रतापगढ़ के निवासी थे। वर्ष 2002 में उन्होंने एयरफोर्स ज्वाइन की थी। उनकी पत्नी और दो बेटे एयरफोर्स एरिया के आवास में ही रहते हैं। शनिवार को रामकुमार तिवारी ने एयर क्राफ्ट से तकरीबन सात हजार फीट की ऊंचाई से अभ्यास छलांग लगाई थी। पैराशूट खुला। जमीन पर लैंड करते समय पैराशूट में कुछ खामी आ गई। हार्ड लैंडिंग हुई। रामकुमार तिवारी करीब 50 फीट की ऊंचाई से जमीन पर आ गिरे। बुरी तरह घायल हो गए। मुंह और नाक से खून बहने लगा। सिर में चोट थी। मौके पर पहुंची रिलीफ टीम ने प्राथमिक उपचार देकर उन्हें मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान रामकुमार ने दम तोड़ दिया। सदर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है। मौत का कारण सख्त जंप बताई जा रही है।
एनएसजी कमांडो का लिया प्रशिक्षण
वारंट ऑफिसर रामकुमार तिवारी में शुरू से ही कुछ अलग करने की ललक थी। उन्होंने सर्विस के दौरान एनएसजी कमांडो के प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया था। शारीरिक दक्षता को देखते हुए उन्हें एनएसजी प्रशिक्षण के लिए चुन लिया गया, जहां उन्होंने दुश्मन को धूल चटाने का हर गुर सीखा।
सैकड़ों छलांगों का था अनुभव
राम कुमार तिवारी ने अपनी तकरीबन 23 वर्ष की सर्विस में जहाज से सैकड़ों छलांग लगाई थीं। वह कुशल प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके थे। लिहाजा ऐसे में सेना ने उन्हें पैरा जंप इंस्ट्रक्टर पर पदोन्नत कर दिया था। वह पैराट्रूपर्स को एयरक्राफ्ट से जंप करने का प्रशिक्षण दिया करते थे।
आकाश गंगा टीम में थे शामिल
एयर फोर्स की आकाश गंगा टीम सैकड़ों फीट की ऊंचाई विशेष तरह के करतब दिखाने के लिए जानी जाती है। यह टीम निश्चित समय और स्थान पर जंप करने में माहिर होती है। स्काई डाइविंग में पारंगत होती है। रामकुमार तिवारी इसी टीम के सदस्य थे। वह लगातार अभ्यासरत रहते थे।
फरवरी में हुआ था हादसा
इससे पहले फरवरी में जूनियर वारंट आफिसर जीएस मंजूनाथ की भी प्रशिक्षण के दौरान मौत हो गई थी। उनका भी पैराशूट नहीं खुलने के कारण हादसा हुआ था। बीते छह साल में अब तक छह पैराट्रूपर्स की इस तरह से जान जा चुकी है। मंजूनाथ की तरह राजकुमार भी वायुसेना के आगरा स्थित पैराट्रूपर्स प्रशिक्षण स्कूल में प्रशिक्षक थे।
आगरा के ड्रॉप जोन मलपुरा में ही फरवरी के महीने में इसी तरह का हादसा हुआ था। एयरक्राफ्ट से कूदे 12 में से एक जवान मंजूनाथ का पैराशूट नहीं खुला और वह 1500 फीट की ऊंचाई से सीधे खेत में गिर गए। इससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। उस समय मुंबई से 12 जम्पर पंक्ति के साथ एइन 32 एअरक्राफ्ट ने उड़ान भरी थी। आगरा के ड्रॉप जोन मलपुरा में सभी जंपर ने एक साथ छलांग लगाई थी।