मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा गोपीनाथ पेट्रोल पंप का मामला
Badaun News - बदायूं के गोपीनाथ पेट्रोल पंप की गलत तरीके से जारी की गई लीज का मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है। शिकायतकर्ता मनीष श्रीवास्तव ने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि पंप...

शहर के बीचोबीच गोपीनाथ पेट्रोल की गलत तरीके से जारी की गई लीज का मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया। जहां शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री कार्यालय में बिंदुबार जांच कराकर पंप संचालक व लीज करने वाले संबधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। लखनऊ के संजय गांधीपुरम फैजाबाद रोड़ निवासी मनीष श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री कार्यालय पर बदायूं के गोपीनाथ पेट्रोल पंप मामले की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। शिकायतकर्ता ने कहा, बदायूं शहर के पुराना बस स्टैंड बाबूराम मार्केट के पास भूमि पर पेट्रोल पंप है। 3400 वर्ग फीट जमीन की वर्तमान में करीब 10 करोड़ से अधिक कीमत है।
शिकायत में कहा, पंप संचालक पालिका के अधिकारियों-कर्मचारियों से सांठगांठ करते हुए नियम विरूद्ध पट्टा कराते आ रहे हैं। इस बार भी तत्कालीन ईओ व जिला राजस्व अधिकारी प्रवर्धन शर्मा से 14 फरवरी 2025 को करा लिया है, जबकि 17 जनवरी 2025 को चेयरमैन फात्मा रजा ने आपत्ति लगाई थी। मगर तत्कालीन ईओ व प्रवर्धन शर्मा ने बोर्ड की बैठक में पास कराकर पट्टा जारी कर दिया। शासनकी बिना अनुमित लिये प्रस्ताव को स्थानीय स्तर पर पास कराना नियम विरुद्ध है। पट्टा बिना पूर्व शासन अनुमति के नहीं किया जाता है। इसके लिए डीएम स्तर से शासन को पत्राचार किया जाता है। आरोप है कि सत्ता के दबाव में अधिकारियों से साठगांठ कर पट्टा करा लिया गया। तीन डीएम, विशेष सचिव लगा चुक आपत्ति पट्टे पर तत्कालीन तीन डीएम, विशेष सचिव, दो ईओ आपत्ति लगाकर कार्रवाई को आदेश दे चुके हैं। हर बार आदेशों को पालिका अधिकारी दबा देते हैं। पीड़ित ने इस बार प्रमुख सचिव, कमिश्नर बरेली, डीएम बदायूं, चेयरमैन नगर पालिका बदायूं, ईओ नगर पालिका बदायूं सहित अधिकारियों से जांच कर पट्टा निरस्त करने की मांग की। इसके साथ पट्टा करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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