भ्रष्टाचार और पुलिस की कार्यप्रणाली के विरोध में भाकियू का एसपी ऑफिस पर धरना
Bagpat News - - अपहरण के मुकदमे में निर्दोष लोगों को फंसाने का लगाया आरोपभ्रष्टाचार और पुलिस की कार्यप्रणाली के विरोध में भाकियू का एसपी ऑफिस पर धरनाभ्रष्टाचार और

जनपद के थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार और पुलिस की कार्यप्रणाली के विरोध में सोमवार को भाकियू पदधिकरियों ओर कार्यकर्ताओं ने एसपी ऑफिस पर धरणा दिया। बड़ौत कोतवाली पुलिस पर अपहरण के मामले में निर्दोष लोगों को फंसाने और कोतवाली के दो पुलिस कर्मियों को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने एसपी से चार मामलों की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की। निष्पक्ष जांच न होने पर आंदोलन का बिगुल बजा देने की चेतावनी दी। बागपत जनपद के थानों में भ्रष्टाचार व्याप्त होने और फर्जी मुकदमे दर्ज कर पीड़ितों को जेल भेजने का आरोप लगाते हुए भाकियू कार्यकर्ताओं ने सोमवार को एसपी कार्यालय पर हंगामा किया।
इसके बाद धूप में बैठकर घंटों तक धरना दिया। भाकियू नेता बिजेंद्र प्रधान ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में व्यक्ति के साथ हुई ठगी की घटना में पुलिस ने सुनवाई नही की और पीड़ित के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। इसके अलावा कई मामलों में फर्जी मुकदमे दर्ज करने का आरोप लगाया। जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह गुर्जर समेत कई पदाधिकारियों ने दोघट और खेकड़ा पुलिस पर निर्दोष लोगों को फर्जी मुकदमों में जेल भेजने का आरोप लगाया। कहा कि यदि कोई भी इन पर दोष सिद्ध कर दें, तो हार मान लेंगे। दोघट थाना पुलिस ने ट्रक मालिक सतेंद्र का मुकदमा 9 दिनों तक नहीं लिखा, जिसका खामियाजा सतेंद्र को भुगतना पड़ रहा है। इंश्योरेंश कंपनी उसे बीमा कलेम नहीं दे रही है। हंगामा बढ़ता देख पुलिस अधिकारियों के हाथ-पांव फुल गए। उन्होंने भाकियू पदाधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए बुलाया। दोपहर करीब एक बजे भाकियू का प्रतिनिधि मंडल थांबा चौधरी यशपाल सिंह के नेतृत्व में एसपी से मिला। प्रतिनिधि मंडल में शामिल भाकियू पदाधिकारियों ने एसपी को बताया कि नोएडा की घटना का मुकदमा बड़ौत कोतवाली पर लिखा गया। यह मुकदमा एकदम फर्जी था। पैसों के विवाद के मामले को अपहरण का बना दिया गया, जबकि उस वक्त बड़ौत कोतवाली के दो पुलिस कर्मी दोनों पक्षों के साथ मौजूद थे। बताया कि इसके बाद पुलिस ने निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यदि वास्तव में अपहरण हुआ था, तो वहां मौजूद दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया गया। आरोप लगाया कि थानों में बगैर पैसे लिए कोई काम नहीं हो रहा है। निर्दोष लोगों को जेल भेजा जा रहा है। प्रतिनिधि मंडल ने एसपी से निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की। मांग के पूरा न होने पर आंदोलन का बिगुल बजा देने की चेतावनी दी। एसपी ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। धरना देने वालों में राजेंद्र सिंह, कुलदीप प्रमुख, राजेंद्र सिंह, गौरव कुमार, विनोद कुमार, देवेंद्र चौधरी, हिम्मत सिंह, इंद्रपाल सिंह, विनोद कुमार, कृष्णपाल सिंह, ज्ञानी प्रधान, विकास कुमार, शिवदत्त शर्मा, महाराम सिंह, उपेंद्र तोमर समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
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