बिछिया को खाली करने की नोटिस पर 186 परिवारों में मचा हड़कंप
Bahraich News - बहराइच के कतर्नियाघाट में 186 परिवारों को वन विभाग की ओर से कब्जा छोड़ने का नोटिस मिला है। परिवारों ने डीएफओ कार्यालय में विरोध जताया, क्योंकि वे कई दशकों से यहां रह रहे हैं। डीएफओ ने कहा कि यदि...

बहराइच,संवाददाता। कतर्नियाघाट के बिछिया में कई दशक से रहने वाले 186 परिवारों को कब्जा छोड़ने की नोटिस से हड़कंप मच गया है। बुधवार को बड़ी संख्या में लोग नोटिस के खिलाफ डीएफओ कार्यालय पर पहुंचकर नाराजगी जताई। कहा कि अभी तक वन विभाग की ओर से स्वामित्व को लेकर कोई आपत्ति कोई नहीं जताई गई। ऐसे समय में वे लोग परिवार को लेकर कहां जाएं। हालाकि डीएफओ ने साफ कहा कि स्वामित्व न होने पर बिछिया छोड़ना पड़ेगा। कतर्निया सेंचुरी के कोर जोन में बिछिया की बसावट है। वर्तमान में करीब 200 परिवार यहां रहा है। वन विभाग की जमीन होने की वजह से पक्का निर्माण न कराकर टीन व छप्पर रखकर लोग रहे हैं।
अब संरक्षित क्षेत्र व विभागीय जमीन का हवाला देकर विभाग की ओर से चिंहित किए गए 186 परिवारों को बेदखली की नोटिस थमाई गई है। उनके एक निर्धारित अवधि के अंदर स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश डीएफओ की ओर से दिया गया है। नोटिस मिलने से बेचैन हुए परिवार बस से रवाना होकर जिला मुख्यालय पहुंचे। यहां डीएफओ कार्यालय पहुंचकर डीएफओ के समक्ष नोटिस को लेकर नाराजगी जताई। फूलमती, अनीसा, हफीजुर्रहमान ने बताया कि वे लोग कई दशक से यहां रह रहे हैं। अभी तक वन विभाग की ओर से कोई आपत्ति नहीं जताई गई थी। अब विभागीय जमीन बताकर उन लोगों को अतिक्रमणकारी होने की नोटिस भेजी है। ग्रामीणों के भारी विरोध के बीच डीएफओ ने कहा कि कतर्निया संरक्षित क्षेत्र में आबादी का निवास नहीं हो सकता है। जांच में जमीन वन विभाग की होने की पुष्टि पर नोटिस भेजी गई है। अब बुलडोजर से अवैध निर्माण ढहाया जाएगा। डीएफओ बी शिवशंकर ने कहा कि पूरा प्रकरण उच्चाधिकारियों की जानकारी में है। किसी भी तरह से अतिक्रमण को सही नहीं ठहराया जा सकता है।
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