बहराइच बोले: 22 हजार घरों में स्मार्ट मीटर, बिलिंग नहीं हो पाई स्मार्ट
Bahraich News - बहराइच में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया अब तक सफल नहीं हो पाई है। उपभोक्ताओं को समय पर बिल नहीं मिल रहे हैं, जिससे वे परेशान हैं। मीटर लगाने की योजना के तहत 4.70 लाख मीटर लगाए जाने हैं,...

बिजली चोरी, मीटर रीडिंग में खेल व लाइन लॉस पर पाबंदी को लेकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कवायद बहराइच में अब तक साकार नहीं हो पाई है। दो फीसद छूट का सब्जबाग दिखाकर जिन घरों में 22 हजार मीटर लगाए गए हैं, उन उपभोक्ताओं को बिलिंग की समस्या से जूझना पड़ रहा है। समय से बिल पहुंचना तो दूर दोगुना बिल आने से उपभोक्ता खुद का ठगा महसूस कर रहे हैं। हांलाकि विभागीय अधिकारियों का तर्क है कि स्मार्ट मीटर कई मायनों में उपभोक्ताओं को राहत देंगे। मीटर रीडिंग का खेल बंद हो जाएगा। मोबाइल पर ही बिल की सूचना मिलेगी।
ऑनलाइन भी उपभोक्ता बिल जमा कर सकेंगे। लेकिन यह सुविधा कब तक व कैसे उपभोक्ताओं को मिलेगी। यह संशय विरोध का कारण भी बन रहा है। ---------------- फैक्ट फाइल - 4.70 लाख लगाए जाएंगे स्मार्ट मीटर - 22203 मीटर ही अब तक लगाए गए - 65 हजार मीटर शहर में लगाए जाएंगे। - 10 हजार मीटर शहर में अब तक लगे -500 मीटर रिसिया कस्बे में लगे - 66049 मीटर सदर डिवीजन में लगेंगे -208374 मीटर नानपारा डिवीजन में लगेंगे -195710 मीटर कैसरगंज डिवीजन में लगेंगे - ------------------------- बहराइच,संवाददाता। घाटे से उबरने व उपभोक्ताओं के बिलिंग की समस्याओं के अंबार संग विभागीय कर्मियों के लूट की शिकायतों के स्थाई समाधान को लेकर स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान मंद पड़ गया है। शुरुआती दौर में ही विरोध के चलते पहले कार्यदाई एजेंसी ने कदम खींचे अब मीटर उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। बिजली विभाग के मुताबिक 4.70 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एक साल से चल रही कवायद के दौरान सिर्फ 22203 घरों में ही मीटर लग पाए हैं। यानि 90 फीसद घरों व संस्थान अभी भी स्मार्ट मीटर से वंचित हैं। जिन घरों में स्मार्ट मीटर लगा दिए गए हैं, उन उपभोक्ताओं की शिकायतें विभाग के लिए सिरदर्द बन गई हैं। मीटर लगने के बाद कई माह तक बिल नहीं पहुंच रहा है। इससे सरचार्ज का अतिरिक्त भार उपभोक्ताओं की आर्थिक गणित का बिगाड़ रहा है। कइयों ने स्मार्ट मीटर को लेकर कोर्ट तक तक का सहारा लिया है। ऐसे में एजेंसियों ने कदम खींच लिए हैं तो जिन घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, वे उपभोक्ता विभाग से लेकर कोर्ट तक दौड़ लगा रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि मीटर भले ही स्मार्ट हो, लेकिन बिलिंग व्यवस्था उनकी जेबे पर भारी पड़ रही है। --------------------- शहरी क्षेत्र में 66 हजार से अधिक लगेंगे स्मार्ट मीटर बिजली विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो जिलों को तीन डिवीजन में बांटकर बिजली आपूर्ति की जा रही है। इसमें शहरी क्षेत्र में 660133 घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। नानपारा डिवीजन में 208374, कैसरगंज डिवीजन में 195710 स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। अब तक लगाए गए 22203 स्मार्ट मीटरों में 90 फीसद मीटर शहरी क्षेत्र में ही लगाए गए हैं। अन्य दो डिवीजनों में स्मार्ट मीटर लगाने का केवल शुभारंभ हुआ है। कम मीटर लगाने के पीछे उपभोक्ताओं विरोध भी है। जिन घरों में स्मार्ट मीटर लगे हुए हैं। उन उपभोक्ताओं की फीडबैंक अन्य उपभोक्ताओं को मीटर लगाने के विरोध को मजबूत कर रहा है। हालाकि एक्सईएन का कहना है कि मीटर लगने के कुछ माह बाद राहत मिलेगी। ------------------ 30 दिन से अधिक समय लग रहा डाटा ट्रांसफर में पुराने मीटरों को हटाकर स्मार्ट मीटर लगाने के बाद पुराना डाटा ट्रांसफर करना बिजली विभाग के लिए भी चुनौती बना हुआ है। पुराने मीटरों की रीडिंग अपलोड करने के लिए 30 से 40 दिन का समय लग जा रहा है। ऐसे में बिजली बिल अपडेट करने में देरी हो रही है। इससे उपभोक्ताओं पर सरचार्ज का बोझ बढ़ रहा है। मीटर लगने के बाद अचानक बिल ज्यादा आने की वजह से उपभोक्ताओं में नाराजगी बढ़ रही है। उपभोक्ताओं का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगाने व पुराने मीटर हटाने के पहले डाटा ट्रांसफर किया जाना चाहिए, ताकि समय से बिजली बिल जनरेट हो सके। विभागीय अधिकारी भी इस समस्या को चुनौती मान रहे हैं। उनका कहना है कि पूराने मीटरों से डाटा डाटा अपलोड करने के काम में धीरे-धीरे तेजी आ रही है। वर्तमान समय में हर रोज 200 से 250 मीटरों का डाटा ट्रांसफर हो रहा है। जब तक यह आंकड़ा हर दिन का 1000 के करीब नहीं पहुंचेगा, तब तक उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिलेगी। ----------- कॉमर्शियल क्षेत्रों के लिए स्मार्ट मीटर ही नहीं मिले विभाग ने हर घर से लेकर औद्योगिक संस्थानों में स्मार्ट मीटर लगाने के मसौदे को अंतिम रूप तो दे दिया है, लेकिन अभी तक मीटर की उपलब्धता ही नहीं हो पाई है। घरेलू मीटर पर नजर डालें तो 70 फीसद मीटर की कमी बताई जा रही है। इसके चलते स्मार्ट मीटर लगाने का काम लगभग बंद हो चुका है। कॉमर्शियल क्षेत्रों में लोड के हिसाब से स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। 30 किलोवाट से लेकर 80 किलोवाट भार क्षमता पर स्मार्ट मीटर अभी तक कंपनी की ओर से उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। एक्सईएन का कहना है कि अभी तक औद्योगिक संस्थानों को स्मार्ट मीटर से जोड़ा नहीं जा सका है। इस दिशा में काम हो रहा है। हालाकि ऐसे संस्थानों का डाटा जुटा लिया गया है। ---------------- मीटर रीडर के खेल से मिलेगा छुटकारा अक्सर मीटर रीडर उपभोक्ता के घर नहीं पहुंच पाते हैं, जिसकी वजह से उपभोक्ता को माह का बिल कितना है, पता नहीं चल पाता है। उपभोक्ता भी बिल आने के इंतजार में जमा करने को भूल जाते हैं। इससे अचानक भारी भरकम बिल आने से बोझ बढ़ जाता है। इस समस्या से निजात दिलाने को लेकर विभाग स्मार्ट मीटर लगाने का दावा कर रहा है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद मीटर रीडर की जरूरत नहीं होगी, बल्कि इसमें पहले से लगे आटो सिम के जरिए रीडिंग सीधे विभाग के पोर्टल पर जनरेट हो जाएगी। इसका संदेश भी पंजीकृत मोबाइल पर संबंधित उपभोक्ता का हर माह मिलती रहेगी। जिसके जरिए समय पर उपभोक्ता बिल जमा कर सकेंगे। इसके अलावा मीटर रीडिंग में खेल कर उपभोक्ताओं को चूना लगाने वाले विभागीय कर्मियों से भी राहत मिलेगी। एक्सईएन का कहना है कि डाटा सीधे नोएडा ऐड आफिस पहुंचेगा, जहां से सत्यापन होने के बाद रिपोर्ट उनके पास आ जाएगी। इसी के आधार पर उपभोक्ताओं को स्वत: ही बिल जनरेट होती रहेगी। इससे उपभोक्ताओं को शोषण व बिल में देरी से सरचार्ज से निजात मिलेगी। विभाग को समय से राजस्व मिलेगा। ------------- पोस्ट व प्रीपेड तक की स्मार्ट मीटर में खूबी विभागीय अधिकारियों की माने तो स्मार्ट मीटर में कई खूबियां हैं, जिसका लाभ आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को मिल सकेगी। ये मीटर प्रोस्ट व प्रीपेड दोनों तरह काम करने में सक्षम बनाए गए हैं। जब तक पूरे जिले में स्मार्ट मीटर नहीं लग जाएंगे तब तक पुरानी व्यवस्था के तहत ही कार्य किए जाएंगे। शत-प्रतिशत घरों व प्रतिष्ठानों में मीटर लग जाने के बाद पोस्ट व प्रीपेड की तर्ज पर विभाग कार्य करेगा। इससे उपभोक्ताओं अपने खर्च के हिसाब से प्लान तैयार करेंगे। विभाग को भी उतनी बिजली देनी होगी, जितने का उपभोक्ता रिचार्ज कराएगा। जेई का कहना है कि इस मीटर में उपभोक्ता व विभागीय कर्मी छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं। तकनीकी खराबी होने पर मैसेज संबंधित पोर्टल पर पहुंच जाएगा। यहां तक की मीटर खोलने पर भी सूचना अधिकारी तक पहुंच जाएगी। इससे लाइन लॉस व बिजली चोरी पर भी काफी अंकुश लगाया जा सकेगा। ---------- आपूर्ति बाधित होने की तत्काल विभाग को मिलेगी सूचना जिले में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। यह कदम बिजली चोरी रोकने और राजस्व को बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है। अधीक्षण अभियंता बीके राजपूत के अनुसार, जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 100 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है, जिसे रोकने के लिए यह पहल की जा रही है। स्मार्ट मीटर लगाने से बिजली की चोरी कम होगी और उपभोक्ताओं को सटीक बिल मिलेगी। स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद शुरू हो गई है और इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। शुरुआती दौर में, कुछ उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध किया है, लेकिन विभाग का कहना है कि यह प्रीपेड स्मार्ट मीटर हैं और इससे बिलिंग में पारदर्शिता आएगी। स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं को अपने बिजली के उपयोग पर अधिक नियंत्रण मिलेगा और वे अपने ऊर्जा खपत को ट्रैक कर सकेंगे। लिहाजा इसका विरोध करने के बजाए उपभोक्ताओं को आगे आने की जरूरत है। वे बताते हैं कि ब्याज व लेट फीस से निजात मिलेगी। किराएदार व मकान मालिक के बीच बिल को लेकर होने वाली समस्या भी दूर होगी। घर बैठे मीटर को रिचार्ज की सुविधा मिलेगी। बिजली दर पर दो फीसद तक की छूट मिलेगी। सोलर पैनल व ईवी चार्जिंग करने पर नहीं होगी मीटर की जरूरत। बिजली फाल्ट व आपूर्ति बाधित पर तुरंत जानकारी मिलेगी। --------------- स्मार्ट मीटर के नाम पर मिला सिर्फ धोखा रिसिया। रिसिया विद्युत उप खंड के तहत नगर क्षेत्र में करीब 3500 बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें अभी तक करीब 500 उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। रिसिया के दो बड़ी राइस मिल में भी स्मार्ट मीटर लग गए हैं,लेकिन अभी उन्हें प्रीपेड या पोस्टपेड नहीं किया गया हैं। माधव प्रसाद शर्मा स्मार्ट मीटर धारक बताते हैं कि स्मार्ट मीटर से अभी कोई विशेष सुविधा नजर नहीं आ रही है।रोहित,शकुंतला और महेंद्र बताते हैं कि स्मार्ट मीटर जबसे हमारे घरों पर लगाए गए हैं, तब से बिजली बिल काफी बढ़कर आ रही है। नार्मल बिजली होल्डर है। उसके बाद भी बिजली की बिलिंग काफी बढ़कर आ रही है। इस कारण हम लोग परेशान है। इस स्मार्ट मीटर से अब बचना चाह रहे हैं। सुझाव व शिकायत सुझाव 1- लगाए जा रहे मीटर के बारे में उपभोक्ताओं को सही जानकारी दें। 2- मीटर लगवाने वाले कर्मियों को स्मार्ट के बारे में जानकारी होनी चाहिए। 3- मीटर लगाने के बाद मासिक बिलिंग की सुविधा होनी चाहिए। 4- पुराने मीटर बदलने के नाम पर अवैध वसूली पर लगाम लगे। 5- स्मार्ट मीटर की गुणवत्ता सही नहीं है। इस पर ध्यान दें। ----------- शिकायत 1- ठेके पर कर्मियों को रखकर बेतरतीब तरीके से मीटर लगा रहे हैं। 2- मीटर से कनेक्शन जोड़ने तक की जानकारी लगाने वाले कर्मियों को नहीं है। 3- स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। 4- स्मार्ट मीटर लगने के बाद कई माह बाद बिल बढ़कर आ रही है। 5- बिल से जुड़ी जानकारी समय से उपभोक्ताओं को नहीं मिल रही है। ---------------- मुझे भी कुछ कहना है 1- स्मार्ट मीटर के नाम पर उपभोक्ताओं के साथ खेल किया जा रहा है। मनमाने तरीके से बिल बनाई जा रही है। जिससे वे लोग परेशान हो रहे हैं। रामदीन ---------- 2- स्मार्ट मीटर लगाने से पहले उपभोक्ताओं को इसके बारे में जागरूक किया जाना चाहिए था। सीधे पहुंचकर मीटर लगाने का काम किया गया है। राकेश निगम ----------- 3- स्मार्ट मीटर लगाने के उद्देश्यों के बारे में उपभोक्ताओं को कोई जानकारी ही नहीं है। ऐसे में मीटर बदलने को लेकर विरोध हो रहा है। लतीफ 4- स्मार्ट मीटर लगाने से पहले पुराने मीटर से जुड़ी समस्या का निदान होना चाहिए। सीधे मीटर लगाकर दोगुना बिल की पर्ची थमाई जा रही है। मुन्ना सोनी ---------- 5- जब से स्मार्ट मीटर लगाया गया है। अचानक पांच यूनिट हर माह बढ़ गई है। इससे उन लोगों के जब पर अतिरिक्त आर्थिक भार बढ़ा है। मोनू जायसवाल ----------- 6- स्मार्ट मीटर लगाने वाले कर्मियों को भी इसके बारे में जानकारी नहीं है।ऐसे में उपभोक्ता भी मीटर को लेकर संदेश प्रकट कर रहे हैं। हरिश्चंद्र ---------------- 7- शहरी क्षेत्र में ठेके पर मजदूरों से मीटर लगवाए जा रहे हैं, जिनके इसके बार में कोई ज्ञान नहीं है। वे सही कनेक्शन ही नहीं कर पा रहे हैं। संतोष कुमार --------- 8- स्मार्ट मीटर का डाटा ट्रांसफार्मर करने में दो से तीन माह का समय लग जा रहा है।ऐसे में उपभोक्ताओं को अधिकर सरचार्ज भरना पड़ रहा है। उद्देश्य शर्मा 9- मीटर लगाने के पहले माह में ही उनका बिल डेढ़ गुना अधिक हर माह से आया है। ऐसे में मीटर लगाने का विरोध सही हो रहा है। विकास साहू ----------- 10- संबंधित कंपनी की ओर से अप्रशिक्षित दिहाड़ी मजदूरों से मीटर लगवाए जा रहे हैं। जिससे मीटर लगाने में तकनीकी खामियां सामने आ रही है। कुंवरबाबू सिंह ----------- 11- स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर कंपनी सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। आधे मोहल्ले में मीटर लगाया गया है। आधे में अभी तक नहीं लगा है। माधवराज साहू ---------------- 12- मीटर लगाने के साथ ही समय से बिल भी उपभोक्ताओं को उपलब्ध होने चाहिए। ऐसा अभी तक नहीं हो पा रहा है। प्रेम गोयल ----------------- जिले में साढ़े चार लाख स्मार्ट मीटर लगाया जाना है। अभी तक 15 हजार मीटर ही लग पाए हैं। संबंधित कंपनी को मीटर न मिलने की वजह से मीटर लगाने में गति धीमी है। कुछ खामियां सामने आई हैं, जिनको सुधारा जा रहा है, ताकि मीटर लगने के साथ ही उपभोक्ताओं को समय से बिल ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा सके। पीके सिंह, एक्सईएन, मीटर
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