कथक नृत्य भारतीय संस्कृति की पहचान: प्रो. जेपी पांडेय
Balrampur News - बलरामपुर, संवाददाता। पंडित बिरजू महाराज कथक संस्थान संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश एवं एमएलके पीजी

बलरामपुर, संवाददाता। पंडित बिरजू महाराज कथक संस्थान संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश एवं एमएलके पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में ग्रीष्मकालीन कथक नृत्य की सात दिवसीय नि:शुल्क कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। सोमवार को पहले दिन प्रतिभागियों को कथक नृत्य की प्राथमिक जानकारी दी गई। कथक कार्यशाला का शुभारंभ कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य प्रो. जेपी पाण्डेय, प्रो. एसपी मिश्र, कथक गुरु हर्षिता चौहान व महाविद्यालय के एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने दीप प्रज्वलित एवं मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया। प्राचार्य प्रो. पाण्डेय ने कहा कि कथक कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लोगों को कथक नृत्य की मूल बातें सिखाना और इस कला रूप के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
यह कार्यशाला न केवल नृत्य की तकनीक सिखाती है बल्कि इसके पीछे की संस्कृति, इतिहास और परंपराओं को भी समझने का अवसर प्रदान करती है। प्रो. एसपी मिश्र ने कहा कि गायन, वादन व नृत्य का समागम संगीत। कथक गुरु हर्षिता चौहान ने बिरजू महाराज कथक संस्थान संस्कृति विभाग व एमएलके महाविद्यालय का आभार जताया। कहा कि यह एक अच्छा व सुखद अनुभव है कि आज का युवा अपनी भारतीय शास्त्रीय नृत्य कथक को सीखने के लिए उत्सुक हैं। कार्यशाला में प्रतिभागियों को नृत्य के माध्यम से अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का अवसर मिलता है। इस अवसर पर डॉ वंदना सिंह, रिंकी तिवारी सहित कई लोग मौजूद रहे।
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