चाची की नाबालिग बहन की हत्या में आजीवन कैद
Bareily News - दिल्ली से बहलाकर बरेली में चाची की नाबालिग बहन को जलाकर हत्या करने के मामले में विशेष कोर्ट ने ऑटो चालक शादाब को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही, दोषी पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया...

चाची की नाबालिग बहन को निकाह के लिये दिल्ली से बहलाकर बरेली में किराये के कमरे में जलाकर हत्या करने में विशेष जज पॉक्सो एक्ट तृतीय देवाशीष की विशेष कोर्ट ने दोषी ऑटो चालक शादाब को सश्रम आजीवन कारावास की कैद की सजा सुनाई। विशेष कोर्ट ने दोषी पर 20 हजार जुर्माना भी ठोका है। वहीं ठोस सबूतों के आभाव में दोषी की मां जेहरा खातून, भाई शहबाज और शबाब, बहन शविनाज और गुलनाज को दोषमुक्त कर बरी कर दिया। विशेष लोक अभियोजक राजीव तिवारी और आलोक प्रधान ने बताया कि बदायूं के कस्बा सहसवान निवासी मृतका के बड़े भाई ने थाना किला में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
आरोप था कि उसका परिवार 15 वर्ष से दिल्ली में रह रहा है। उसकी बहन की जेठ का लड़का शादाब निवासी रमजानपुर थाना कादरचौक, बदायूं 3 अप्रैल 2009 को उसकी नाबालिग छोटी बहन को भगाकर किला क्षेत्र के स्वालेनगर में नाजिम के मकान पर किराये पर रहने लगा। 24 सितंबर 2013 को शादाब, उसके भाई शबाब व शहबाज, बहन गुलनाज और शबनम और मां जेहरा खातून ने आग लगाकर उसकी नाबालिग बहन को गंभीर रूप से जला दिया। किशोरी के परिजनों ने उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान 29 सितंबर 2013 को किशोरी की मौत हो गयी। किला पुलिस ने शादाब और उसके परिजनों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और हत्या में चार्जशीट पेश की थी। इस केस की सुनवाई विशेष जज पॉक्सो एक्ट तृतीय देवाशीष की विशेष कोर्ट में हुई। आरोप साबित करने को विशेष लोक अभियोजक राजीव तिवारी और आलोक प्रधान ने मृतका की मकान मालिकन बन्नो समेत दस गवाह पेश किये थे। गैरइरादतन हत्या में छोटे भाई को कैद - सजा नंबर 2 बरेली, विधि संवाददाता। मकान के विवाद में सगे बड़े भाई को छत से धकेलकर कर गैरइरादतन हत्या में विशेष जज ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की विशेष कोर्ट ने दोषी छोटे भाई रामवीर को सश्रम पांच वर्ष की कैद और पांच हजार जुर्माने की सजा सुनाई। एडीजीसी क्राइम सुनील पांडेय ने बताया कि बारादरी क्षेत्र के गुसाई गौटिया निवासी भगवानदास 18 सितंबर 2020 को अपने घर में मृत मिले थे। मृतक के पुत्र प्रमोद मौर्य ने थाना बारादरी में सगे चाचा रामवीर पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। केस की सुनवाई के दौरान मृतक की पत्नी ममता ने कोर्ट में गवाही देकर कहाकि मेरे अविवाहित देवर रामवीर ने पैतृक मकान से उसके परिवार को निकाल दिया था। वह अपने परिवार के साथ घर के पास में ही किराये पर रहने लगी। पति अपने मकान पर सोने गये थे। देवर रामवीर में मारपीट छत से धकेल दिया। नीचे गिरे पति पर रामवीर ने ईंटें भी फेंकी जिससे उनकी मृत्यु हो गयी।
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