यूपी में बड़ी कार्रवाई: हमीरपुर के तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार और लेखपाल समेत 13 पर रिपोर्ट
हमीरपुर में डीएम बंगले और उससे लगी 58.14 एकड़ की बेशकीमती कृषि भूमि को अकृषिक दर्शाने और विपक्षियों को फायदा पहुंचाने के लिए अभिलेखों से छेड़छाड़ के आरोप में तत्कालीन एसडीएम सहित 13 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई है।

यूपी के हमीरपुर में बड़ी कार्रवाई हुई है। डीएम बंगले और उससे लगी 58.14 एकड़ की बेशकीमती कृषि भूमि को अकृषिक दर्शाने और विपक्षियों को फायदा पहुंचाने के लिए अभिलेखों से छेड़छाड़ के आरोप में एसडीएम सदर ने तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और सदर लेखपाल सहित 13 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई है। जमीन पर दावे का यह प्रकरण लंबे समय से हाईकोर्ट में लंबित है।
डीएम बंगले और उससे लगी मेरापुर डांडा की 51.89 और भिलावां डांडा की 6.25 एकड़ खेतिहर जमीन को लेकर कई दशकों से कानूनी लड़ाई चली आ रही है। हाईकोर्ट में बार-बार मामला कमजोर पड़ने पर डीएम ने अक्तूबर 2024 में जांच टीम गठित की थी। टीम की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि विपक्षियों को फायदा पहुंचाने के लिए अभिलेखों में हेराफेरी की गई और रिकार्ड उपलब्ध होने के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं किए गए। इसकी वजह से केस कमजोर पड़ रहा है। प्रकरण में वर्ष 2004 से लेकर 2007 तक सदर तहसील में कार्यरत रहे एसडीएम विजय कुमार गुप्ता, तत्कालीन तहसीलदार, तत्कालीन नायब तहसीलदार जैनेंद्र सिंह और सदर लेखपाल राजकिशोर की भूमिका संदिग्ध मिली।
लिहाजा एसडीएम सदर शुक्रमा प्रसाद विश्वकर्मा ने 26 अप्रैल को उक्त मामले की तहरीर कोतवाली में दी। इसके बाद पुलिस ने तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और सदर लेखपाल सहित मुकदमे में पैरवी करने वाले नौ लोगों पर बीएनएस की धारा 256, 318 (2), 318 (4), 338, 336 (3), 340 (2), 61 (2) में रिपोर्ट दर्ज की है। एफआईआर में रमेश कुमार सिंघल, जानकीशरण सिंघल, राधारमण सिंघल निवासी स्वरूपनगर कानपुर, प्रकाश मोहन सिंघल निवासी तिलकनगर पूर्वी कानपुर, सूर्यनारायण निवासी बनारस, विवेक कुमार निवासी लखनऊ, विशाल सिंघल, हिमांशु सिंघल, आनंदेश्वर अग्रवाल निवासी खजांची मोहल्ला रमेड़ी भी नामजद हैं।