बोले बिजनौर : महिला कॉलेज की राह में असुरक्षा बन रही बेटियों की पढ़ाई में बाधा
Bijnor News - नजीबाबाद में महिला कॉलेज के बाहर छात्राओं की असुरक्षा एक गंभीर समस्या बन चुकी है। कॉलेज के बाहर छेड़छाड़ और अतिक्रमण की घटनाएं बढ़ रही हैं। छात्राओं ने मांग की है कि सुरक्षा के लिए महिला सुरक्षाकर्मी,...
महिला कॉलेज के बाहर छात्राओं की असुरक्षा एक गंभीर समस्या है। कॉलेज के बाहर छेड़छाड़ और उत्पीड़न की घटनाएं अक्सर होती हैं, जिससे छात्राओं को असुरक्षित महसूस होता है। नजीबाबाद में लड़कियों के लिए सात इंटर और एक गर्ल्स डिग्री कॉलेज हैं जहां हजारों छात्राएं पढ़ती हैं। जिनको कहीं न कही स्कूल और कॉलेज आते जाते समय छेड़छाड़ जैसी घटना से दो चार होना पड़ता है। छात्राओं ने इस अपनी बात रखते हुए कहा कि कॉलेज के बाहर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। जिसमें महिला सुरक्षाकर्मी, सीसीटीवी कैमरे, कॉलेज खुलने और बंद होने के समय पर पुलिस की गश्त होनी चाहिए।
प्रशासन कई बार तैयारी करता है लेकिन स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। हमारा समाज, हमारी बेटियों और उनके भविष्य से जुड़ा हुआ है। नजीबाबाद की सड़कों पर स्कूल जाती छात्राओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। चाहे वो अतिक्रमण हो या राह चलते लड़कों की छेड़छाड़, वास्तव में यह हम सबके लिए ही चिंता का विषय है। हालांकि अतिक्रमण या असुरक्षा की समस्या कोई नई नहीं है। यह एक आम समस्या है, नगर क्षेत्र के मुख्य बाजारों और प्रमुख चौक-चौराहों पर बढ़ते अतिक्रमण ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं के लिए यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है। खास तौर पर अतिक्रमण से जूझती हुई छात्राओं के लिए समय पर स्कूल पहुंचना एक महाभारत से कम नहीं है। नगर में पैदल चलने के लिए फुटपाथ नहीं हैं, और सड़कों पर रेहड़ियां, ठेले, दुकानें और निजी वाहनों की अवैध पार्किंग ने हालात को और भी खराब कर दिया है। छात्राओं के लिए ‘नो व्हीकल जोन घोषित कर कुछ मार्गों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए जिससे वे समय से कालेज पहुंच सकें। ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में छात्राओं ने आए दिन झेल रही परेशानियों का जिक्र किया। उनका कहना है कि पुलिस के जवानों को नैतिक व्यवहार का प्रशिक्षण मिले। जब तक प्रशासन और आमजन दोनों इस दिशा में गंभीरता से कार्य नहीं करते, तब तक यह समस्या छात्रों ही नहीं, पूरे नगरवासियों की दिनचर्या को प्रभावित करती रहेगी। यह विषय अत्यंत गंभीर और संवेदनशील है। नगर नजीबाबाद में अतिक्रमण और छेड़छाड़ और असुरक्षा को लेकर स्कूली छात्राओं को हो रही परेशानियों पर चर्चा कर विचार भी साझा किए गए। कोई जगह नहीं जहां अतिक्रमण, असुरक्षा और जाम न हो: नजीबाबाद में मछली बाजार, सब्जी मंडी, चौक बाजार, बाजर कल्लूगंज, एमडीकेवी रोड, तहसील रोड, रेलवे स्टेशन रोड, कृष्णाटाकिज चौराहा से मालगोदाम व मोटाआम, अजमल खां रोड सहित नगर के हरेक चौक चौराहे पर अतिक्रमण और जाम से दो चार होना पड़ता है। मुख्य रूप से मछली बाजार और सब्जी मंडी में तो पैदल निकलने का भी रास्ता नहीं मिलता। छात्राएं बताती है कि इसी कारण से उन्हें लंबी दूरी वाले रास्ते से आना पड़ता है। कॉलेज पहुंचने में होती है देरी कई छात्राओं ने बताया कि अतिक्रमण के कारण उन्हें कॉलेज समय पर पहुंचने में मुश्किल होती है। दुकानों के सामने खड़े ठेले और ग्राहकों के स्कूटी व बाइक उस पर ई रिक्शाओं का जमावड़ा जाम का कारण बनते हैं। इसलिए छात्राओं को या तो काफी पहले घर से निकलना पड़ता है या फिर देर से पहुंचने पर उपस्थिति और अनुशासन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सड़कों पर अतिक्रमण, छात्राओं की राह मुश्किल अतिक्रमण और जाम का स्थायी समाधान न होने से कॉलेज के छात्र-छात्राओं को आए दिन मुश्किलें होती हैं। नगर के रमाजैन कन्या महाविद्यालय की छात्राओं को भी उसी अनुभव से गुजरने की आदत पड़ चुकी है। उनका कहना कि ट्रैफिक सुगम हो और पुलिस प्रॉपर पेट्रोलिंग करे तो कॉलेज पहुंचने में आसानी होगी। छात्राओं ने पिंक बूथ व रूट डायवर्जन की व्यवस्था कराने पर भी जोर दिया। सड़कों पर शराब गुटखों की दुकानें न हों रास्तो में पड़ने वाली शराब की दुकानो को बंद कराना चाहिए। नगर और नगर के बाहर कई शराब की दुकानें सड़क पर ही है। पूरे दिन अराजक तत्वों का जमावड़ा रहता है। जबकि नियम है कि स्कूल-कॉलेज के 100 मीटर के दायरे में शराब-गुटखा की दुकानें नहीं होनी चाहिए। उसका सख्ती से पालन नहीं हो रहा है। कॉलेज में न पिंक बूथ है और न पुलिस की पेट्रोलिंग होती है। स्कूल-कॉलेज के दौरान रहे रूट डायवर्जन छात्राओं ने कहा कि शहर में जाम बड़ी समस्या हो गई है। आम लोगों के साथ विद्यार्थी भी इसके शिकार हो रहे हैं। प्रतिदिन लोगों का घंटों समय बर्बाद होता है। कई बार विद्यार्थी समय से कालेज में नहीं पहुंच पाते। परीक्षाओं पर भी असर पड़ता है। इसलिए स्कूल-कॉलेज के समय उनके रूट पर डायवर्जन लागू होना चाहिए। इससे छात्राओं को सहूलियत होगी। अक्सर होना पड़ता है पुलिस की अभद्रता का शिकार अक्सर पुलिस जनता से अभद्रता करती है। छात्रा बताती हैं कि कोलज आते समय जिस रिक्शा में थे उसे पुलिस ने रोक लिया। इसके बाद उसे बीच रास्ते से वापस जाने को कहा गया। बताया कि कालेज तक जाना है जो कुछ ही दूरी पर है, मात्र तीन मिनट का रास्ता है, लेकिन पुलिस वाले ने उसे जाने नहीं दिया और उससे अभद्रता की। अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए किसी को प्रताड़ित करना गलत है। पुलिस को नैतिक शिक्षा मिलनी चाहिए। ठेले और फड़वालों के सामने भी मजबूरी अतिक्रमण का जिम्मेदार माने जाने वाले छोटे दुकानदार और ठेलेवालों की भी अपनी मजबूरी है। रोजगार का कोई स्थायी साधन नहीं है और उनके लिए वेंडिंग जोन भी नहीं बनाए गए हैं। इस कारण वे मजबूरी में सड़क किनारे दुकान लगाते हैं। उनका कहना है कि रास्ता जाम होता है, लेकिन हमारे पास रोज़ी-रोटी का कोई और साधन नहीं है। अगर नगर पालिका हमें वैकल्पिक स्थान दे दे, तो हम वहां शिफ्ट हो सकते हैं। प्रशासन की ओर से सिर्फ दिखावे की कार्रवाई रमाजैन कन्या महा विद्यालय की छात्राओं का कहना है कि नगर पालिका और ट्रैफिक पुलिस की निष्क्रियता ही तो है जो अतिक्रमण और असुरक्षा की इस समस्या बढ़ती जा रही है। समय-समय पर मिशन शक्ति के लिए प्रचार प्रसार तो किया जाता है, लेकिन केवल दिखावे की कार्रवाई की जाती है। स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। हमारी भी सुनो बात हर दिन कॉलेज जाते समय दुकानों के बाहर खड़े लड़कों की फब्तियां सुननी पड़ती हैं। मनचलों से डर भी लगता है। कॉलेज के बाहर पुलिस की गश्त बढ़ाई जानी चाहिए। - पलक चौहान सड़क किनारे ठेले वालों का अतिक्रमण इतना ज्यादा है। पैदल चलना भी मुश्किल होता है। जाम लगने के कारण भी काफी परेशानी होती है। - मानसी बाइक सवार लड़कों का पीछा करना आम हो गया है। किसी को कहो तो छोटी बात कहकर टाल देते हैं। इस पर पुलिस प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। - जैनब परवीन स्कूल से लौटते समय कुछ लड़के छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं। आने जाने वाले लोग देखकर भी अनदेखा कर देते हैं। विरोध करने पर कोई साथ नहीं देता। - मुबशरा पुलिस की लगातार गश्त नहीं होती है, खासकर सुबह और स्कूल छुट्टी के समय जरूर होनी चाहिए और मनचलों पर कार्रवाई हो। - मुस्कान अशरफ जाम में फंसने पर सिर्फ खुद के लिए परेशानी नहीं है, बल्कि ई-रिक्शा वालों के साथ पुलिस का व्यवहार भी चिंता का विषय है। - कशिश लड़ाई झगड़े के डर से अक्सर दुकानदार भी छेड़खानी को नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि वो सब कुछ देखते हैं। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। - श्रेया ठाकुर जाम के कारण घर पहुंचने के लिये कई बार रास्ता बदलना पड़ता है, क्योंकि अतिक्रमण के कारण पैदल निकलना भी दुष्वार होता हैं। - पायल बहुत सी समस्याओं पर अपने माता-पिता से छात्राएं इसलिए सब कुछ नहीं कह पाती। क्योंकि उन्हें डर है कहीं वे उनका स्कूल ही ना छुड़वा दें। - कामिनी हम चाहते हैं कि प्रशासन, पुलिस और समाज एकजुट होकर छात्राओं की आवाज़ सुने और सुरक्षात्मक कदम उठाए। जिससे सभी को इसका लाभ मिले। - शैली अतिक्रमण के कारण मंडी का रास्ता इतना तंग हो गया है कि यदि वहां जाना भी पड़े तो सौ बार सोचना पड़ता है साथ ही असुरक्षा भी है। - गीता चौहान फर्राटा भरते मनचलों पर रोक लगाने के लिए पुलिस और प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़ेंगे तभी इस पर अंकुश लगाया जा सकता है। - शिमायजा परवीन नगर के बाहर कई शराब की दुकानें सड़क पर ही हैं। जहां अराजक तत्वों का जमावड़ा रहता है, ऐसी दुकानें हटाई जाए। - सना अंजुम लड़कियों के स्कूल कालेज के आने जाने के समय सभी चौराहों पर पुलिस की ड्यूटी लगनी चाहिए। अतिक्रमण की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है ये एक बहुत ही अहम समस्या है। - डॉ. मृदुला त्यागी, प्राचार्या रमा जैन कन्या महा विद्यालय नजीबाबाद बोले जिम्मेदार... समय समय पर नगरपालिका की ओर से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया जाता है। शीघ्र ही पुलिस बल को साथ लेकर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - मुक्ता रानी, अधिशासी अधिकारी, नगरपालिका परिषद नजीबाबाद हमारे यहा स्कूल कालेज के पास प्रतिदिन पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है, एन्टी रोमियो स्क्वायड भी मनचलों के खिलाफ समय समय पर कार्रवाई करता है। इसके बाद भी यदि कहीं इस तरह की बात सामने आती है तो उस पर विशेष रूप से पुलिस की व्यवस्था कराई जाएगी। - नितेश प्रताप सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी, नजीबाबाद शिकायतें 1. कॉलेज के पास पिंक बूथ नहीं है। पुलिस पेट्रोलिंग भी नहीं होती। इससे असुरक्षा का भाव रहता है। 2. जाम शहर की सबसे बड़ी समस्या बन गई है। कक्षाएं छूट जाती हैं तो कभी परीक्षा में भी देर से पहुंच पाते हैं। 3. रास्ते में गुटखा-शराब की दुकानें हैं जबकि नियम है कि स्कूल-कॉलेज के पास ऐसी दुकानें नहीं होनी चाहिए। 4. कॉलेज के आस पास मनचले भी बाइको से फर्राटा भरते हैं और अक्सर कालेज जाने के समय या फिर वापसी के दौरान 5. नो एन्ट्री में वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है। सुबह कालेज के समय जगन्नाथ चौक से अजमलखां रोड पर बड़े बड़े ट्रक अनलोडिंग करते हैं। सुझाव 1. कॉलेज के बाहर पिंक बूथ बनाया जाए। कॉलेज के समय प्रतिदिन पुलिस पेट्रोलिंग होनी चाहिए। 2. जाम से निजात की स्थायी व्यवस्था और स्कूल-कॉलेज के समय रूट डायवर्जन लागू हो। 3. कॉलेज के गेट से अतिक्रमण हटाया जाए। वैसे ही रास्ता संकरा है। गुटखा और शराब की दुकानें भी हटनी चाहिए। 4. कॉलेज के आस पास व मुख्य मार्ग पर मनचलो की अवाजाही पर पूर्ण रोक लगे। इसके लिए उचित व्यवस्था हो। 5. नो एन्ट्री में बड़े वाहनो पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए, जिससे कालेज के समय आने में परेशानी ना हो।
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