Court Orders Salary Deduction for Inspector Over Non-Appearance in Fraud Case कोर्ट ने दिए दरोगा के वेतन से 50 रुपये काटने के आदेश, Bulandsehar Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsBulandsehar NewsCourt Orders Salary Deduction for Inspector Over Non-Appearance in Fraud Case

कोर्ट ने दिए दरोगा के वेतन से 50 रुपये काटने के आदेश

Bulandsehar News - कोर्ट ने एक दरोगा के वेतन से 50 रुपये काटने के आदेश दिए हैं। दरोगा अनुराग सिंह को फर्जीवाड़े के मामले में गवाही के लिए उपस्थित नहीं होने पर यह कार्रवाई की गई। वह वर्तमान में आगरा में तैनात है। कोर्ट ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, बुलंदशहरSat, 31 May 2025 07:44 PM
share Share
Follow Us on
कोर्ट ने दिए दरोगा के वेतन से 50 रुपये काटने के आदेश

कोर्ट ने जनपद में तैनात रहे एक दरोगा के वेतन से 50 रुपये काटने के आदेश जारी किए हैं। फर्जीवाड़े के मामले में बयान दर्ज कराने के लिए नहीं आने को लेकर कोर्ट ने दरोगा के खिलाफ कार्रवाई की है। वर्तमान में दरोगा आगरा में तैनात है। कोर्ट ने एसएसपी आगरा को आदेश जारी किए हैं। वर्ष 2019 में नगर कोतवाली में दरोगा अनुराग सिंह तैनात था और वर्तमान में आगरा के थाना खंडौली में तैनात है। दरोगा ने सरकार बनाम सविता आदि मामले की धारा 420, 467, 468, 471 भारतीय दंड संहिता की जांच की थी। जिसका मुकदमा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनील कुमार त्रिपाठी की कोर्ट में चल रहा है।

कोर्ट ने आदेश जारी किए हैं कि साक्षी /विवेचक अनुराग सिंह को विगत 11 तिथियों से द्वारा एनबीडब्ल्यू व धारा 350 दंड प्रक्रिया संहिता के नोटिस के जरिए तलब किया जा रहा है। एनबीडब्ल्यू व धारा 350 दंड प्रक्रिया संहिता की आदेशिकाओं की मूल प्रतियां थाना कोतवाली नगर द्वारा थाना खंडौली कमिश्नरेट आगरा के कार्यालय को भी प्रेषित की जा रही हैं। तारीखों पर उपस्थित नहीं होने पर अभियोजना अधिकारी द्वारा उन्हें दूरभाष से भी सूचित किया जा रहा है, लेकिन दरोगा अनुराग सिंह साक्ष्य के लिए कोर्ट में न तो स्वयं उपस्थित हो रहा है और न ही वीसी द्वारा अपने साक्ष्य अंकित करा रहा है। कोर्ट ने दरोगा के इस रवैये को घोर आपत्ति जनक व न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में रखा है। कोर्ट ने एसएसपी आगरा एवं कोषाधिकारी आगरा को आदेश दिए हैं कि अनुराग सिंह के मई माह के वेतन से 50 रुपये की धनराशि कटौती कर राजकीय कोष में जमा कराई जाए। साथ ही कृत कार्रवाई से नियत दिनांक तक या इससे पूर्व अवगत कराएं। इसके बाद भी यदि विवेचक/साक्षी द्वारा कोर्ट के आदेशों का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उनके विरुद्ध भारतीय न्यायालय की अवमानना अधिनियम 1971 के तहत उच्च न्यायालय को संदर्भित किया जा सकता है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।