नोनार के प्रॉपर्टी डीलर की मंबई में सिर पर प्रहार कर हत्या
Chandauli News - 30 साल से संजय अपने भाई अवधेश के साथ गया था मुंबई नोनार के प्रॉपर्टी डीलर की मुम्बई में हत्या से परिजनों में कोहरामनोनार के प्रॉपर्टी डीलर की मुम्बई म

सकलडीहा, हिन्दुस्तान संवाद। सकलडीहा कोतवाली क्षेत्र के नोनार (तुलसीआश्रम) गांव निवासी 41 वर्षीय संजय की मुंबई में उसके सिर पर गैस सिलेंडर से प्रहार कर मौत की नींद सुला दिया। युवक मुम्बई में प्रॉपर्टी डीलर का काम करता है। पुलिस ने घटना में शामिल दो आरोपी को गिरफ्तार कर घटना के बारे में पूछताछ कर रही है। घटना की जानकारी होने पर परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। परिवार के सदस्य मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं। नोनार (तुलसीआश्रम) गांव निवासी निठोहर प्रजापति के चार पुत्र अवधेश प्रजापति, संजय प्रजापति, लालू प्रजापति और धनंजय प्रजापति के अलावा तीन बेटियां रिंकी, पार्वती और मीरा है।
अवधेश और संजय प्रजापति करीब तीस साल से महाराष्ट्र के बसई थाना के जानकी पाड़ा में काम की तलाश में गए थे। वहां शुरूआती दौर में रिश्तेदारों संग छोटा कारोबार शुरू किया। बाद में प्रॉपर्टी डिलिंग के साथ ही ब्याज पर पैसा वितिरित करने लगे थे। परिजनों के अनुसार रविवार को दोपहर में तीन लोगों ने ब्याज का पैसा देने के लिए संजय प्रजापति को बुलाया था। इसी बीच पैसे की लेन देन में विवाद हो गया। तीन युवक मिलकर संजय प्रजापति को मारने लगे। हालाकि संजय प्रजापति पहलवान होने के नाते एक युवक को पटक दिया। इसी बीच एक युवक ने पांच किलो वाली छोटी गैस सिलेंडर से संजय के सिर पर प्रहार कर दिया। प्रहार इतना तेज था कि संजय की मौके पर ही मौत हो गयी। सूचना पर पहुंची महाराष्ट्र पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया। मौके से दो आरोपियों की शिनाख्त होने पर एक को पकड़कर थाने ले गयी। दूसरे आरोपी को हास्पिटल में भर्ती कराया गया। मृतक संजय को तीन पुत्री अंकिता, माधुरी और किंजल है। संजय की मौत से नोनार गांव में शोक व्याप्त है। इस बाबत सकलडीहा कोतवाल हरिनारायण पटेल ने बताया कि नोनार गांव के एक युवक की मुम्बई में पैसे की लेन देन में विवाद होने पर मौत हो गयी है। परिजनों से सर्म्पक साधा जा रहा है। बेटियों का डाक्टर बनाने का सपना रह गया अधूरा सकलडीहा। नोनार गांव के निठोहर प्रजापति के दो पुत्र अवधेश और संजय अपने रिश्तेदारों के साथ मुम्बई में करता था। छोटा भाई धनंजय और लालू पढ़ाई करने के साथ अपने पिता के साथ खेती का भी काम करते है। संजय बीते मार्च महीने में घर आया हुआ था। करीब महीनेभर रहने के बाद बाद मुम्बई वापस लौट गया। परिवार के लोगों से बेटियों को डाक्टर बनाने की बात कही थी। लेकिन परिवार इतना बड़ा दु:खों का पहाड़ टूट जायेगा किसी को पता नहीं था। पत्नी मंजू देवी, माता कौशिल्या देवी, छोटा भाई लालू और धनंजय का रोते रोते बुरा हाल था।
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