न्याय को धर्म से जोड़िए, प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे MP हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस; संत ने दी ये सलाह
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अपने कर्म से यदि हम धर्म रूपी पूजा करें तो देश आगे बढ़ेगा। जब हम भय और प्रलोभन में आकर कुछ करते है तभी हमारी हानि होती है। इससे हमारे समाज को भी पीड़ा होती है। हमें अपने अधिकार के अनुसार काम करना चाहिए। भगवान इसी से प्रसन्न होंगे।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा ने पदभार संभालने से पहले वृंदावन पहुंचकर स्वामी प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान संत प्रेमानंद महाराज ने जस्टिस संजीव सचदेवा से धर्म और न्याय पर चर्चा की। उन्होंने जस्टिस से कहा कहा की न्याय को धर्म से जोड़िए। विस्तार से अपनी बात समझाते हुए उन्होंने कहा, , ‘धर्मो रक्षति, रक्षितः, जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है। मनुष्य जीवन का प्रमुख लक्ष्य है भगवदानंद। भगवान ने जो पद दिया है वो सेवा करने के लिए है।’
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अपने कर्म से यदि हम धर्म रूपी पूजा करें तो देश आगे बढ़ेगा। जब हम भय और प्रलोभन में आकर कुछ करते है तभी हमारी हानि हो जाती है। इससे हमारे समाज को भी पीड़ा होती है। हमें अपने अधिकार के अनुसार काम करना चाहिए। भगवान इसी से प्रसन्न होंगे। उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन का प्रमुख लक्ष्य है भागवतानंद। ये पद छूट जाएगा। आपका वैभव छूट जाएगा। यह सब कुछ निश्चित समय के लिए है। लेकिन आनंद लगातार बढ़ता रहे और हम अपने रास्ते से न हटें।
उन्होंने कहा कि अविनाशी हैं। सब मायानंद है। यह अनित्य है। नित्य कुछ भी नहीं है। संत प्रेमानंद ने कहा कि अपने कर्म को पूजा बनाना ही भगवान को समर्पित करना है। न्याय करके दोषी को दंड देना ही है। न किसी का भय और न किसी का प्रलोभन हमें विचलित कर सकता है। हमें निर्दोष को बचाना ही है।
संत प्रेमानंद महाराज ने जस्टिस संजीव सचदेवा से कहा कि सिर्फ हमारे कर्म ही साथ जाते हैं इसलिए हम एक ऐसा महान काम करें जिससे भगवान प्रसन्न हो जाएं। भगवान तो हमारी भावना चाहते हैं।